कुंभ में बुधवार को मौनी अमावस्या के अमृत स्नान के समय मची भगदड़ में कम से कम 12 लोगों के मारे जाने की आशंका है.
प्रयागराज में मौजूद बीबीसी संवाददाता विकास पांडे ने एक स्वास्थ्य कर्मी से बात की है, जिन्होंने 12 मौतों की बात कही है.
पहचान ना ज़ाहिर करने की शर्त पर स्वास्थ्य कर्मी ने बताया है कि उसने घटनास्थल पर कई शव देखे हैं.
हालांकि प्रशासन ने अभी तक किसी मौत के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है.
‘एम्बुलेंस का जाना जारी’
उन्होंने बताया कि ‘इसी दौरान कुंभ क्षेत्र से एम्बुलेंस का जाना जारी है. प्रशासन ने घायलों और मृतकों का कोई आंकड़ा जारी नहीं किया है. मैं मेले के मुख्य एंट्री गेट पर हूँ, जहां से अब भी लाखों लोगों का कुंभ मेले में जाना जारी है.’
उन्होंने बताया कि मुख्य गेट से अब तक 10 एम्बुलेंस जा चुकी हैं.
विकास पांडे ने बताया है कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कई क़दम उठाए गए हैं और अभी छोटे समूहों में ही लोगों को मेले में जाने की इजाज़त दी जा रही है.
उन्होंने बताया, “हम जब भी लोगों से बात कर रहे हैं तो वे ख़ुद पूछ रहे हैं कि आख़िर क्या हुआ है. उनके सवाल थे कि पुलिस और प्रशासन क्या कर रहा था, कितने लोग मरे हैं. हालांकि अभी तक इस पर कोई जवाब प्रशासन का नहीं आया है.”
‘शवों को ले जाते देखा’
कुंभ मेले में मौजूद बीबीसी संवाददाता समीरा हुसैन ने बताया है कि उन्होंने दो सप्ताह पहले कुंभ मेले के उद्घाटन को कवर किया था तब उनका अनुमान था कि इस धार्मिक त्योहार में इस बार श्रद्धालुओं की अभूतपूर्व संख्या पहुंचेगी.
उन्होंने बताया है कि बुधवार को तट पर उन्होंने लोगों का जो हुजूम देखा है, वो उद्घाटन वाले दिन की तुलना में कुछ भी नहीं है.
समीरा ने बताया कि अलग-अलग दिशाओं से लोग संगम के तट पर पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने बताया, “यहां बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद हैं लेकिन कई बार भीड़ के कारण वो भी परेशान हो गए. मैंने लोगों को बैरिकेड्स पर चढ़ते या उन्हें पूरी तरह तोड़ते देखा है.”
भगदड़ के बाद घटनास्थल का दौरा करते समय समीरा ने बताया कि यहां पर लोगों का सामान पड़ा हुआ है, जिनमें जूते, कंबल, बैग, कपड़े बिखरे हुए हैं.
“चश्मदीदों ने बताया है कि यहां पर हज़ारों की संख्या में लोग लेटे हुए थे और इसके दूसरी ओर गंगा का वो घाट है, जहां पर लोग जाना चाहते थे. हमने यहां से शवों को स्ट्रेचर पर ले जाते देखा है लेकिन इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.”
“मैंने एक महिला को स्ट्रेचर के आगे रोते देखा. वहीं एक दूसरा व्यक्ति स्ट्रेचर के बगल से गुज़रते हुए शव को चादर से ढक रहा था. ये सब कुछ मुख्य स्नान घाट पर हुआ है.”
“ये भी बहुत असाधारण है कि घटना के तुरंत बाद ही यहां महौल अब कुछ और है और फिर से लाखों लोगों का हुजूम यहां मौजूद है. ये लोगों के लिए आस्था का विषय है जो उन्हें यहां लाया है और वो पवित्र नदी में स्नान करने को तैयार हैं.”
बीबीसी संवाददाता विकास पांडे ने बुधवार तड़के जब श्रद्धालुओं से बात की थी तो पाया था कि वहां पर अराजकता की स्थिति बनी हुई है. मेले में आ रहे कई श्रद्धालु घाट पर पहुंचने को लेकर परेशान थे और उनको प्रशासन के लोग अलग-अलग जगह भेज रहे थे.
खोया-पाया केंद्र का हाल
उन्होंने बताया कि भगदड़ जैसे हालात के बीच कई लोग अपनों से बिछड़े हैं, घोषणाएं अभी नहीं की जा रही हैं और जो छोटे बच्चे अपने परिजनों से बिछड़े हैं, वो यहां पर हैं, बुज़ुर्ग महिलाएं भी मौजूद हैं.
“लोगों ने बताया है कि उन्होंने लोगों को भगदड़ में दबते हुए देखा है. खोया पाया केंद्र जो अमूमन शांत रहता है, वहां पर आज अराजकता की स्थिति बनी हुई है.”
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक़ मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान के लिए बुधवार को सुबह 8 बजे तक तक़रीबन 2.8 करोड़ लोग संगम में डुबकी लगा चुके हैं.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक़ 13 जनवरी से शुरू हुए कुंभ मेले में अब तक 20 करोड़ लोगों ने स्नान किया है.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.