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महाराष्ट्र: बाघों के साये में स्कूल का रास्ता, चार महिलाएं बनीं बच्चों की ढाल

Byadmin

Dec 16, 2025


महिलाएं रात में रखवाली करती हुईं

इमेज स्रोत, BHAGYASHRI RAUT

इमेज कैप्शन, महाराष्ट्र के चंद्रपुर ज़िले के वनक्षेत्र में गांव की चार महिलाएं दिन में और रात के अंधेरे में बच्चों की रक्षा का जिम्मा अपने ऊपर ले लिया है.

गांव के चारों ओर घना जंगल है. यहां हर कोई बाघों के ख़ौफ़ में जीता है. यह बताना मुश्किल है कि बाघ कब और कहां से आएगा. जंगल के जानवरों से बचाव के लिए गांव के चारों ओर तार की बाड़ लगी है.

जंगल में जानवर आज़ाद घूमते हैं लेकिन इस गांव के लोग एक तरह से पिंजरे में बंद हैं.

यह है महाराष्ट्र के चंद्रपुर ज़िले के मोहोर्ली वन क्षेत्र में स्थित सीतारामपेठ गांव. यह गांव ताडोबा बाघ अभ्यारण्य क्षेत्र के अंतर्गत आता है.

गांव से बस स्टैंड तक 400 मीटर की कच्ची सड़क है. एक तरफ घना जंगल है, तो दूसरी तरफ खेत हैं, और सड़क पर एक भी स्ट्रीट लाइट नहीं है. गांव वालों को इस सड़क पर अक्सर बाघ दिखाई देते हैं.

कभी वे मवेशियों पर हमला करते हैं, तो कभी जंगल से गांव की ओर आते हुए दिखाई देते हैं. इसलिए इस सड़क पर आने-जाने के समय गांव वाले डरे रहते हैं.

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