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महाराष्ट्र में नोटा ने डुबोई कई उम्मीदवारों की लुटिया, इन सीटों पर जीत-हार के अंतर से ज्यादा मिले वोट – maharashtra assembly election 2024 nota played important role in win loss in many seat see list

Byadmin

Nov 24, 2024


मुंबई: नन ऑफ द अबव (नोटा) और छोटी पार्टियों ने चुनाव में कई सीटों पर मुख्य पार्टियों का चुनावी गणित बिगाड़ दिया है। कई सीटों के नतीजों से साफ जाहिर हो रहा है कि अगर नोटा के वोट उम्मीदवार को मिलते, तो कई सीटों के परिणाम कुछ और होते। नोटा की ताकत का उदाहरण मुंबई की दो सीटों पर देखने को मिला है। माहिम और अणुशक्ति नगर सीट के उम्मीदवार ने जितने वोट से जीत दर्ज की है, उससे अधिक वोट नोटा को मिले हैं। अगर नोटा के वोट दूसरे नंबर पर रहे उम्मीदवार को मिल जाते, तो माहिम और अणुशक्ति नगर का रिजल्ट कुछ और होता था।0.72 वोटरों ने सभी उम्मीदवारों को नकार दिया
विधानसभा चुनाव में राज्य में 0.72 वोटरों ने सभी उम्मीदवारों को नकार कर नोटा को चुना है। माहिम और अणुशक्ति नगर की तरह ही ऐसे कई मामले राज्य की कई सीटों पर देखने को मिले हैं। माहिम सीट पर 1,553 वोटरों ने नोटा का बटन दबाया है, जबकि इसी सीट से उद्धव गुट के उम्मीदवार ने 1,316 वोट से जीत दर्ज की है। माहिम सीट पर उद्धव गुट के उम्मीदवार 50,213 वोट से विजयी हुए हैं, 48,897 वोट लेकर शिंदे गुट के उम्मीदवार सदा सरवणकर दूसरे नंबर पर रहे। वहीं, मनसे के उम्मीदवार अमित ठाकरे 33,062 वोट के साथ तीसरे नंबर पर रहे।

अणुशक्ति में भी नोटा ने किया खेल
अणुशक्ति नगर में 3,884 लोगों ने उम्मीदवार के बजाय नोटा को पसंद किया है। वहीं, अणुशक्ति नगर पर एनसीपी की उम्मीदवार सना मालिक ने 3,378 वोट से जीत दर्ज की है, जबकि तीसरे नंबर पर मनसे का उम्मीदवार रहा है। एनसीपी की विजयी उम्मीदवार सना मालिक को 49,341 वोट, दूसरे नंबर के प्रत्याशी को 45,963 वोट और तीसरे नंबर पर रहे प्रत्याशी को 28,362 वोट मिले हैं। इसी तरह, बेलापुर सीट पर बीजेपी उम्मीदवार न केवल 377 वोटों से जीत दर्ज की है, जबकि 2,588 वोटरों ने नोटा का बटन दबाया है। बेलापुर की विजयी उम्मीदवार मंदा म्हात्रे को 91,852 वोट और दूसरे नंबर पर रहे शरद गुट के उम्मीदवार को 91,475 वोट मिले हैं।

इन पार्टियों ने भी किया खेलाप्रमुख पार्टियों का खेल बिगड़ने के लिए राज्यभर में महाराष्ट्र निर्माण सेना (मनसे), वंचित बहुजन आघाडी (वीबीए), ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम), स्वाभिमान पक्ष जैसी छोटी पार्टियों ने कई सीटों पर चुनाव लड़ा था। 23 नवंबर को जारी हुए नतीजों में मनसे और वीबीए के किसी भी उम्मीदवार को जीत नहीं मिली है, लेकिन कई सीटों पर मनसे और वीबीए ने चुनाव के परिणामों पर बड़ा असर डाला है। मनसे ने 125 सीट, वीबीए ने 200 सीट और स्वाभिमान पक्ष ने 19 सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे थे।

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