जेएनएन, इंदौर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर पीठ ने कहा कि महिला वयस्क है, भले ही वह शादीशुदा है तो वह अपनी मर्जी के हिसाब से किसी के साथ रह सकती है। दरअसल, एक याचिका की सुनवाई के दौरान महिला को शुक्रवार को हाई कोर्ट में पुलिस सुरक्षा के बीच लाया गया।
महिला ने कोर्ट में कहा कि वह याचिकाकर्ता के साथ रहना चाहती है, लेकिन उसके माता-पिता ने उसे जबरन अपने पास रखा है। इधर महिला के माता-पिता ने कहा कि उसकी पहले ही शादी हो चुकी है। शादी के बाद उसे अपने पति के साथ रहना चाहिए। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद उक्त टिप्पणी की।
राजस्थान के सवाई माधोपुर निवासी धीरज नायक ने एडवोकेट जितेंद्र वर्मा के माध्यम से हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है। कहा है कि उसने संध्या से शादी की है। वह उसके साथ रहना चाहती है, लेकिन उसके माता-पिता उसे जबरदस्ती अपने साथ रख रहे हैं। पिछली सुनवाई दो दिसंबर को हुई थी, जिसमें कोर्ट ने महिला का कोर्ट के सामने बयान कराने का निर्देश दिया था।
इस पर पुलिस महिला को लेकर कोर्ट आई थी। इसके पहले भी कोर्ट के आदेश पर न्यायिक दंडाधिकारी ने महिला के बयान दर्ज किए थे। इसमें महिला ने कहा था कि उसके माता-पिता ने उसे जबरन अपने कब्जे में रखा है।
शुक्रवार को हुई सुनवाई में हाई कोर्ट ने कहा कि महिला को धीरज के साथ ही रहने दिया जाए। कोर्ट ने महिला की सिपुर्दगी धीरज को दे दी। कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया कि वह दोनों को अपनी सुरक्षा में सवाई माधोपुर तक छोड़ कर आए।