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‘मानव बम’ भी बना रहा पाकिस्तान, रोहिंग्या-बांग्लादेशियों का इस्तेमाल, भारत समेत वो 5 देश जिसे बनाया टारगेट – pakistan is making terrorists to rohingya and bangladeshi also isi has targeted 5 countries including india

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May 1, 2025


नई दिल्ली: पहलगाम आतंकी हमले के बाद एक बार फिर यह आशंका पैदा हुई है कि हमारे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान ने हमें किस तरह से बारूद की ढेर पर बिठा रखा है। भारत के खिलाफ दशकों से छद्म युद्ध लड़ रहे पाकिस्तान के लिए उसकी कुख्यात खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) हमेशा से अपने नागरिकों, पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर (PoK) और जम्मू-कश्मीर के युवाओं को आतंक की ट्रेनिंग देती रही है। लेकिन, बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद उसके लिए ऐसे हालात पैदा हुए हैं कि वह उसे भारत के खिलाफ बहुत बड़े आतंकी ट्रेनिंग और लॉन्च पैड के तौर पर इस्तेमाल कर सकता है, जहां उसके लिए दहशतगर्दों की कोई कमी नहीं रहेगी। पहलगाम की आतंकी वारदात के बाद यह आशंका पैदा हुई है कि पाकिस्तान भारत के अलग-अलग इलाकों में रह रहे अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्या शरणार्थियों को भी हमारे खिलाफ ‘मानव बम’ के रूप में इस्तेमाल कर सकता है।

रोहिंग्या,बांग्लादेशों को बना रहा ‘मानव बम’

चिंता इस वजह से बढ़ गई है कि पहले से ही यह तथ्य हमारे सामने हैं कि बांग्लादेश के कॉक्स बाजार में ISI जमात-उल-मुजाहिदीन- बांग्लादेश के जरिए 40 रोहिंग्या शरणार्थियों को आतंक की ट्रेनिंग दिलवा चुका है, ताकि उन्हें भारत में दहशतगर्दी के लिए घुसपैठ करवाया जाए। ईटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) की फंडिंग खाड़ी में सक्रिय एजीओ (NGO) और पाकिस्तानियों के माध्यम से होती है। 2015 में जब पाकिस्तान की इन करतूतों की भनक बांग्लादेश के अधिकारियों को लगी थी तो उन्होंने पाकिस्तानी राजनयिकों को निलंबित कर दिया था। इसके बावजूद शेख हसीना की तत्कालीन सरकार 2016 में ढाका के गुलशन कैफे हमले को रोक नहीं पाई, जिसमें 20 बंधकों की जान चली गई थी। इस हमले में JMB का ही हाथ बताया गया था। ऐसे में जब बांग्लादेश में पिछले साल जबरन सत्ता परिवर्तन हो चुका है और वहां पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की दखल बढ़ने की तमाम रिपोर्ट आ चुकी हैं, भारत के लिए बहुत ही बड़ा खतरा पैदा हो रहा है।

भारत-बांग्लादेश में 11 लाख रोहिंग्या शरणार्थी

अगर संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी यूएनएचसीर (UNHCR) की 2024 की रिपोर्ट देखें तो तब अकेले बांग्लादेश में लगभग 10 लाख रोहिंग्या शरणार्थी रह रहे थे, जिनमें से अधिकतर वहां के कॉक्स बाजार क्षेत्र में स्थित कुटुपालोंग और नयापारा शरणार्थी शिविरों और आसपास के इलाकों में बसे हैं, जो दुनिया के सबसे बड़े और सबसे घनी आबादी वाले राहत शिविरों में गिने जाते हैं। इसी रिपोर्ट के अनुसार तब भारत में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों का आंकड़ा 93,000 को पार कर चुका था। जहां तक भारत में रह रहे अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों की बात है तो इसके ठोस आंकड़े तक मिलने बहुत ही मुश्किल हैं।

भारत समेत 5 देश पाकिस्तानी आतंकवाद से परेशान

पाकिस्तान सिर्फ भारत और बांग्लादेश के लिए ही आतंकियों को तैयार नहीं करता है। उसके हाथ अफगानिस्तान, रूस और यहां तक कि ईरान में हुई आतंकवादी वारदातों में भी लाल साबित हो चुके हैं। अफगानिस्तान में तालिबान-2 की सरकार के साथ इस समय पाकिस्तान की बड़ी लड़ाई भी चल रही है। पाकिस्तान पर सुन्नी आतंकियों के जरिए ईरान को भी निशाना बनाने के आरोप हैं। जैश-उल-अद्ल एक ऐसा ही सुन्नी आतंकी संगठन है, जो ईरानी सुरक्षा बलों पर हमले करता है। 16 जनवरी,2024 को ईरान, पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में इनके आतंकी ठिकानों पर मिसाइलों और ड्रोन से हमला भी कर चुका है। 2024 में रूस की राजधानी मास्को पर एक बहुत बड़ा आतंकवादी हमला हुआ था। पिछले महीने ही इसकी जांच में भी पाकिस्तान के लिंक का खुलासा हुआ है। इस हमले के लिए रूस ने तजाकिस्तान के एक नागरिक की पहचान मास्टरमाइंड के तौर पर की है, जिसके बारे में संदेह है कि उसे पाकिस्तानी आतंकी नेटवर्क से मदद मिली।

पाकिस्तान का आतंकी नेटवर्क

पाकिस्तान PoK समेत अपने पंजाब, खैबर पख्तनख्वा और वजीरिस्तान जैसे इलाकों में आतंकी कैंप चलाता है। यहां, LeT, JeM, हिजबुल मुजाहिदीन और अन्य आतंकी संगठनों का ठिकाना काम कर रहा है। इनके ट्रेनिंग कैंप में आत्मघाती हमलावर या ‘मानव बम’तैयार होते हैं। ट्रेनिंग में पाकिस्तानी सेना के रिटायर्ड लोगों की विशेषज्ञता का भी इस्तेमाल होता रहा है। एक अमेरिकी रिपोर्ट भी कहती है कि पाकिस्तान आतंकियों का सुरक्षित ठिकाना बना हुआ है। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ भी कबूल कर चुके हैं कि पाकिस्तानी सेना ने भारत से लड़ने के लिए आतंकियों को ट्रेंड किया।

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