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‘मिशन मोड में शुरु होगा समुद्र के भीतर से तेल निकालने का काम’, लाल किले से पीएम मोदी ने किया बड़ा एलान

Byadmin

Aug 16, 2025


 लाल किले से स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर अपने भाषण में पीएम नरेन्द्र मोदी ने गहरे समुद्र के भीतर तेल व गैस के भंडार खोजने के काम को मिशन मोड पर शुरू करने की घोषणा की है। हमें इस संकट से देश को आत्मनिर्भर बनाना ऊर्जा में आत्मनिर्भर बनाना बहुत जरूरी है। 11 वर्ष में सोलर एनर्जी 30 गुणा बढ़ी है।

 जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पिछले दो दशकों के दौरान घरेलू क्षेत्र में तेल व गैस के भंडार खोजने के लिए अभियान का बहुत ही उत्साहजनक परिणाम नहीं दिखा है। भारत अपनी कुल तेल खपत का 87 फीसद आयात करता है।

समुद्र के भीतर तेल व गैस के भंडार खोजने घोषणा

ऐसे में शुक्रवार को लाल किले से स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर अपने भाषण में पीएम नरेन्द्र मोदी ने गहरे समुद्र के भीतर तेल व गैस के भंडार खोजने के काम को मिशन मोड पर शुरू करने की घोषणा की है।

हाल के समय में पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने अंडमान निकोबार क्षेत्र में बड़े हाइड्रोकार्बन भंडार मिलने के संकेत दिए हैं, इसको देखते हुए पीएम मोदी की घोषणा काफी अहम माना जा रहा है।

अभी भारत अपनी जरूरत के लिए रूस से काफी तेल खरीद रहा है जिसकी वजह से अमेरिका से रिश्ते खराब हो रहे हैं। तेल व गैस उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने की कोशिश को इससे भी जोड़ कर देखा जा रहा है।

देश ऊर्जा सुरक्षा में आत्मनिर्भर होगा

यही वजह है कि पीएम मोदी ने अपने भाषण में दो बार इस बात का जिक्र किया कि विदेशों से ऊर्जा आयात करने पर देश को कितनी ज्यादा राशि खर्च करनी पड़ रही है और इसका समाधान तभी होगा जब देश ऊर्जा सुरक्षा में आत्मनिर्भर होगा।

पहले उन्होंने कहा कि हम एनर्जी के लिए बहुत सारे देशों पर निर्भर हैं, पेट्रोल-डीजल-गैस आयात पर लाखों करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते हैं। लाखों करोड़ रुपए हमें खर्च करके लाना पड़ता है। हमें इस संकट से देश को आत्मनिर्भर बनाना, ऊर्जा में आत्मनिर्भर बनाना बहुत जरूरी है। 11 वर्ष में सोलर एनर्जी 30 गुणा बढ़ी है।

भारत परमाणु ऊर्जा के लिए 10 नये रिएक्टरों पर काम हो रहा है

पनबिजली का विस्तार हो रहा है, मिशन ग्रीन हाइड्रोजन में हजारों करोड़ रुपए निवेश हो रहे हैं। परमाणु ऊर्जा की क्षमता दस गुणा बढ़ाने का संकल्प लिया गया है। परमाणु ऊर्जा के लिए 10 नये रिएक्टरों पर काम हो रहा है।

इसके बाद उन्होंने फिर से तेल व गैस आयात पर होने वाले भारी भरकम खर्चे का जिक्र करते हुए कहा कि “अगर हम ऊर्जा में दूसरों पर निर्भर नहीं होते यह धन नौजवानों के भविष्य, गरीबी के खिलाफ लड़ाई लड़ने, देश के किसानों के कल्याण में, गांव की परिस्थितियों को बदलने में काम आता, लेकिन हमें विदेशों को देना पड़ता है।

गैस के भंडार को खोजने का काम एक मिशन मोड में- पीएम

आगे कहा कि अब हम आत्मनिर्भर बनने की दिशा में काम कर रहे हैं। देश को विकसित बनाने के लिए हम अब समुद्र मंथन की तरफ भी जा रहे हैं। समुद्र मंथन को आगे बढ़ाते हुए हम समुद्र के भीतर के तेल के भंडार, गैस के भंडार को खोजने का काम एक मिशन मोड में काम करना चाहते हैं। इसके लिए भारत नेशनल डीप वाटर एक्सप्लोरेशन मिशन शुरू किया जा रहा है।

आज पूरा विश्व क्रिटिकल मिनरल को लेकर के बहुत ही सतर्क हो गया है, उसके साम‌र्थ्य को लोग भली-भांति समझने लगे हैं। कल तक जिस तरफ ज्यादा ध्यान नहीं था, वो आज सेंट्रल स्टेज पर आ गया है। हमारे लिए भी क्रिटिकल मिनरल्स में आत्मनिर्भरता बहुत अनिवार्य है।

हम क्रिटिकल मिनरल में भी आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं

उन्होंने कहा कि एनर्जी का सेक्टर हो, इंडस्ट्री का सेक्टर हो, रक्षा क्षेत्र हो, टेक्नोलॉजी का हर क्षेत्र हो, आज क्रिटिकल मिनरल्स की टेक्नोलॉजी के अंदर बहुत अहम भूमिका है और इसलिए नेशनल क्रिटिकल मिशन हमने लॉन्च किया है, 1200 से अधिक स्थानों पर खोज का अभियान चल रहा है, और हम क्रिटिकल मिनरल में भी आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

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