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हिंद महासागर के द्वीपीय देश मेडागास्कर में सैन्य तख़्तापलट हो गया है. सैनिक अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने शासन को नियंत्रण में ले लिया है.
मेडागास्कर की एलीट सैन्य यूनिट (सीएपीएसएटी) ने राष्ट्रपति एंड्री रजोएलिना को सत्ता से बेदख़ल कर सरकार की बागडोर अपने हाथ में ली है.
दिलचस्प है कि जब 2009 में रजोएलिना ने तत्कालीन राष्ट्रपति मार्क रावालोमानाना को हटाकर सत्ता पर क़ब्ज़ा किया था तो सेना ने उनका समर्थन किया था.
सेना ने घोषणा की कि संवैधानिक अदालत और चुनाव आयोग सहित प्रमुख लोकतांत्रिक संस्थाओं को निलंबित कर दिया गया है.
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यह क़दम ऐसे समय में उठाया गया है जब राष्ट्रीय संसद ने राष्ट्रपति के ख़िलाफ़ महाभियोग प्रस्ताव पारित किया था.
राष्ट्रपति रजोएलिना ने इस मतदान को ‘अवैध’ बताते हुए ख़ारिज कर दिया था और अज्ञात स्थान पर चले गए थे. फ़ेसबुक लाइव प्रसारण में उन्होंने दावा किया कि अभी भी वह वैध राष्ट्रपति हैं.
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तख़्तापलट तक कैसे पहुंचे हालात?
दो सप्ताह पहले पानी और बिजली की कमी की वजह से देशभर में युवाओं के नेतृत्व में एक आंदोलन शुरू हुआ था. इस आंदोलन को जेन ज़ी का आंदोलन कहा गया था.
यह आंदोलन बढ़ता चला गया जिसके बाद महंगाई जैसे मुद्दों को लेकर प्रदर्शनकारियों ने अपना ग़ुस्सा ज़ाहिर किया और राष्ट्रपति एंड्री रजोएलिना को हटाने की मांग की.
शनिवार को अचानक सेना की सबसे ताक़तवर यूनिट सीएपीएसएटी के सुरक्षाबलों ने अपनी बैरकों को छोड़ दिया और प्रदर्शनकारियों के साथ जुड़ गए.
दो दिन बाद रिपोर्ट्स आईं कि रजोएलिना फ़्रांसिसी सेना की सहायता से दुबई चले गए हैं.
सोमवार की रात रजोएलिना ने कहा कि उनकी ज़िंदगी को ख़तरा है और वो ‘सुरक्षित जगह’ पर चले गए हैं.
इसके कुछ ही घंटों के बाद रजोएलिना के ख़िलाफ़ संसद में उनके पद को लावारिस छोड़ देने के बाद महाभियोग की प्रक्रिया शुरू हुई. इसके बाद रजोएलिना ने संसद भंग करने की घोषणा कर दी.
हालांकि इसके बाद भी सांसदों ने मतदान करके महाभियोग की प्रक्रिया को पूरा किया. लेकिन सीएपीएसएटी ने सरकार हाथ में लेने की घोषणा कर दी.
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सीएपीएसएटी के प्रमुख कर्नल माइकल रेंड्रियानिरिना ने कहा है कि वह अगले 18 महीने से दो साल के अंदर चुनाव कराएंगे.
उन्होंने कहा है कि मेडागास्कार के जेन ज़ी प्रदर्शनकारी इस बदलाव का हिस्सा होंगे क्योंकि ‘सड़कों पर यह आंदोलन शुरू हुआ था और हमें उनकी मांगों का सम्मान करना होगा.’
उन्होंने कहा कि उनके साथी अफ़सरों और उनके पास वर्तमान शासन को हटाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था.
ग़ौरतलब है कि बीते महीने नेपाल में विरोध प्रदर्शनों के बाद प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफ़ा देना पड़ा था. इन विरोध प्रदर्शनों को ‘जेन ज़ी आंदोलन’ का नाम दिया गया. साल 1997 से 2012 के बीच पैदा हुए लोगों को ‘जेनरेशन ज़ूमर्स’ या ‘जेन ज़ी’ कहते हैं.
यह पीढ़ी उस दौर में पैदा हुई जब इंटरनेट का प्रभाव काफ़ी बढ़ गया था और जब बड़ी हुई तो सोशल मीडिया पर काफ़ी सक्रिय हुई.
ऐसे में जब नेपाल की सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगाया तो युवाओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. जो बाद में हिंसक भी हो गए.
ऐसा माना जाता है कि नेपाल का आंदोलन पहला ‘जेन ज़ी आंदोलन’ था.
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मेडागास्कर कहां है?
अफ़्रीका के दक्षिण-पूर्वी तट से दूर स्थित मेडागास्कर दुनिया का चौथा सबसे बड़ा द्वीपीय देश है. लंबे समय तक बाकी दुनिया से अलग-थलग रहने के कारण यह द्वीप अपने अद्वितीय वन्यजीवों के लिए मशहूर है.
पारंपरिक रूप से, यहाँ की अर्थव्यवस्था धान, कॉफ़ी, वेनीला और लौंग की खेती पर आधारित रही है.
हालांकि इस देश के पास प्राकृतिक संसाधनों की भरमार है लेकिन यहां पर्यटन एक बड़ा व्यवसाय है. इस सब के बावजूद भी यह दुनिया के सबसे ग़रीब देशों में से एक है और काफ़ी हद तक विदेशी मदद पर निर्भर है.
हाल के वर्षों में आए भयावह चक्रवातों ने इसकी आर्थिक मुश्किलें और बढ़ा दी हैं.
1960 में फ़्रांस से आज़ादी मिलने के बाद से ही मेडागास्कर ने राजनीतिक अस्थिरता के कई दौर देखे हैं. इनमें तख़्तापलट, हिंसक प्रदर्शन और विवादित चुनाव शामिल हैं.
2009 में हुए तख़्तापलट के बाद देश पाँच साल तक राजनीतिक गतिरोध में फंसा रहा, जिससे अंतरराष्ट्रीय आलोचना और आर्थिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा.
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कौन कर रहा था देश का नेतृत्व?
मंगलवार को हुए तख़्तापलट से पहले मेडागास्कर के राष्ट्रपति एंड्री रजोएलिना तीसरे कार्यकाल के लिए पद पर थे.
उन्होंने नवंबर 2023 के विवादित चुनाव में जीत हासिल की थी. विपक्ष और यहां तक की उनके कुछ समर्थकों ने भी उन चुनावों का बहिष्कार किया था.
रजोएलिना को 59% वोट मिले थे. उन्होंने अपने दो प्रमुख प्रतिद्वंद्वियों, पूर्व राष्ट्रपति मार्क रावालोमानाना और सीटेनी रैंड्रिआनासोलोनियाइको को हराया.
इस चुनाव में केवल 46% मतदान हुआ, जो देश के इतिहास में अब तक का सबसे कम माना जाता है. यह गिरावट उस बहिष्कार की अपील के बाद आई जो 10 राष्ट्रपति उम्मीदवारों ने की थी.
चुनाव से पहले छह हफ़्तों तक प्रदर्शन और पुलिस झड़पें होती रहीं, जिसके चलते मतदान की पूर्व संध्या पर अंटानानारिवो में कर्फ़्यू लगाना पड़ा.
व्यवसायी और पूर्व डीजे रहे रजोएलिना ने 2018 के राष्ट्रपति चुनाव में रावालोमानाना को दूसरे दौर में हराया था, क्योंकि पहले चरण में दोनों में से कोई भी 50% वोट हासिल नहीं कर सका था.
उन्होंने 2009 में रावालोमानाना को सेना के समर्थन से तख़्तापलट में हटाया था.
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मेडागास्कर के इतिहास की कुछ प्रमुख घटनाएं
350-550 ईस्वी: पहले बसने वाले लोग मेडागास्कर पहुँचे. यह मानव बसावट वाला धरती का अंतिम बड़ा भूभागों में से एक बना.
7वीं-9वीं सदी: अरब व्यापारी यहाँ पहुँचे. मेडागास्कर हिंद महासागर के बंदरगाहों को जोड़ने वाला एक अहम व्यापारिक केंद्र बन गया.
16वीं-17वीं सदी: पुर्तगाली और फ़्रांसीसी व्यापारिक ठिकाने अस्तित्व में आए.
1540-1897 के आसपास: मेरिना साम्राज्य.
1883: पहले फ़्रांको-होवा युद्ध में फ़्रांस मेडागास्कर पर हमला करता है. देश को अपने उत्तरी बंदरगाह एंटसिरानाना (डिएगो सुआरेज़) को फ़्रांस को सौंपना पड़ता है.
1939-45: द्वितीय विश्व युद्ध.
1947-49: मलागासी विद्रोह- राष्ट्रवादियों ने फ़्रांसीसी सैन्य ठिकानों पर हमले किए. फ़्रांस ने विद्रोह को कुचल दिया.
1960: मेडागास्कर को आज़ादी मिली. फ़िलिबर्ट सिरानाना देश के पहले राष्ट्रपति बने.
1975: डिडियर रत्सिराका को देश का प्रमुख और सुप्रीम रिवोल्यूशनरी काउंसिल (एसआरसी) का अध्यक्ष बनाया गया. उन्होंने अगले 26 वर्षों तक शासन किया.
2001: विवादित चुनाव के बाद रत्सिराका फ़्रांस भाग गए.
2009: बिना ख़ून-ख़राबे के तख़्तापलट, जिससे आर्थिक प्रतिबंध लगाए गए.
2013: लोकतांत्रिक चुनावों के बावजूद राजनीतिक स्थिरता नहीं लौट सकी, कार्यपालिका और विधायिका के बीच टकराव जारी रहा.
2018: एंड्री रजोएलिना ने राष्ट्रपति चुनाव जीता.
राजधानी: अंटानानारिवो
क्षेत्रफल: 5,87,041 वर्ग किलोमीटर
जनसंख्या: 2.88 करोड़
भाषाएँ: मलागासी, फ़्रेंच
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.