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मैथिली की मिठास से अभिभूत सिंगापुर, विद्यापति समारोह के दूसरे संस्करण का आयोजन

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Nov 20, 2024


वर्ष 2024 के विद्यापति समारोह का एक और विशिष्ट आकर्षण था – भारत की विभिन्न कला-संस्कृतियों को मैथिली भाषा के माधुर्य की डोर में बांधना। कविवर विद्यापति के लिखे मैथिली गीत पर भरतनाट्यम कुचीपुड़ी और कत्थक जैसे शास्त्रीय नृत्यों की प्रस्तुति दी गई। स्वर्गीय शारदा सिन्हा के गाये हुए सामा-चकेबा के गीत पर महाराष्ट्र के लोक-नृत्य लावणी के साथ-साथ मिथिला के प्रसिद्ध लोक-नृत्य झिझिया की प्रस्तुति भी हुई।

सिंगापुर में प्रवास कर रहे मैथिल परिवार की ओर से विद्यापति समारोह के दूसरे संस्करण का 17 नवंबर को भव्य आयोजन किया गया। मैथिल कोकिल जनकवि विद्यापति के इस स्मृति-पर्व में बिहार कोकिला के रुप में प्रसिद्ध पद्मभूषण से सम्मानित स्वर्गीय शारदा सिन्हा को आमंत्रित अतिथियों के द्वारा श्रद्धासुमन भी अर्पित किए गये। मुख्य अतिथि के रुप में भारतीय उच्चायोग सिंगापुर में काउंसलर के पद पर कार्यरत श्री अमेय अजीत अभ्यंकर ने समारोह की शोभा बढ़ाई। उनके साथ द्वितीय सचिव श्री अरविन्द श्रीवास्तव भी उपस्थित थे।

भारत में पंजीकृत संस्था अष्टदल फ़ाउंडेशन के सौजन्य से संगीत नाटक अकादमी सम्मान प्राप्त लोक-संगीत विशारद डॉ. रंजना झा, विद्यापति समारोह में विशिष्ट अतिथि के रुप में शामिल हुई। डॉ. रंजना झा ने अपने गायन से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। सिंगापुर की प्रतिष्ठित कला संस्था ‘सिंगापुर इंडियन फ़ाइन आर्ट्स सोसायटी’ के तबला गुरु श्री मिहिर कुन्डू, तबले पर उनकी संगत दे रहे थे। डॉ. रंजना झा के साथ मंच पर दो नवोदित कला-साधक भी उपस्थित थे – दिव्य चेतन और अभिनव अंजनी चौधरी।
वर्ष 2024 के विद्यापति समारोह का एक और विशिष्ट आकर्षण था – भारत की विभिन्न कला-संस्कृतियों को मैथिली भाषा के माधुर्य की डोर में बांधना। कविवर विद्यापति के लिखे मैथिली गीत पर भरतनाट्यम, कुचीपुड़ी और कत्थक जैसे शास्त्रीय नृत्यों की प्रस्तुति दी गई। स्वर्गीय शारदा सिन्हा के गाये हुए सामा-चकेबा के गीत पर महाराष्ट्र के लोक-नृत्य लावणी के साथ-साथ मिथिला के प्रसिद्ध लोक-नृत्य झिझिया की प्रस्तुति भी हुई। सिंगापुर इंडियन फ़ाइन आर्ट्स सोसायटी, टैगोर सोसायटी सिंगापुर, कल्पवृक्ष फ़ाइन आर्ट्स (लिमिटेड), महाराष्ट्र मंडल सिंगापुर, भोजपुरी एसोसिएशन ऑफ़ सिंगापुर और ग्लोबल हिन्दी फ़ाउंडेशन सिंगापुर के सहयोग से आयोजित इस समारोह में आये सभी दर्शकों ने विद्यापति समारोह के इस केन्द्रीय विषय की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
सिंगापुर के मैथिल परिवार की ओर से कार्यक्रम का शुभारंभ पिछले विद्यापति समारोह में उगना नाटक की प्रसिद्ध जोड़ी राजीव मिश्रा और पंकज राय के द्वारा की गई। स्वागत उद्बोधन डॉ. सुमित कुमार सोनू की ओर से किया गया और मिथिला की धिया सुश्री कामाक्षी झा ने पाहुन स्वागत-गीत पर नृत्य-प्रस्तुति दी। विद्यापति आयोजन समिति की ओर से आमंत्रित अतिथियों और प्रायोजकों को मिथिला की प्रसिद्ध चित्रकला से सजे पाग और दोपटा से सम्मानित किया गया। सभी सहयोगी संस्थाओं के कलाकारों को विद्यापति स्मृति-चिह्न देकर सम्मानित किया गया। समारोह के सफल आयोजन में अपना योगदान देने वाले सभी सहयोगियों को भी मुख्य अतिथि के द्वारा सम्मानित किया गया। समारोह में साज-सज्जा और अतिथि स्वागत की सारी तैयारियाँ भावना हेतमसरिया, ममता झा, ध्यान चंद्र झा, अर्चना झा, मनीषा मिश्रा, देव नारायण, सिद्धार्थ साह और तनुजा चौधरी ने की। वीडियोग्राफ़ी के लिए राकेश चौहान, फ़ोटोग्राफ़ी के लिए हिमांशी वर्मा के साथ तकनीकी पक्ष के लिए सौरभ श्रीवास्तव का योगदान महत्त्वपूर्ण रहा।
विद्यापति आयोजन समिति में डॉ. सुमित कुमार सोनू, मृत्युंजय मिश्रा, कणाद मिश्रा, प्रणेश कुमार, ममता मंडल और समीर कुमार शामिल थे। विद्यापति समारोह के दूसरे संस्करण की परिकल्पना, संयोजन और आयोजन में अंजनी कुमार चौधरी के साथ आराधना झा श्रीवास्तव की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही जिन्होंने संचालन का उत्तरदायित्व भी कुशलतापूर्वक निभाया।

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