‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ का सबसे अच्छा उदाहरण
नीतीन एस धर्मावत ने इस पोस्ट को भारत में “ईज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस” का सबसे अच्छा उदाहरण बताया है। उन्होंने अपने पोस्ट में आटा मिल की दीवार की एक फोटो शेयर किया है। उस दीवार पर मालिक ने 16 डॉक्यूमेंट फ्रेम करवाकर लगाए थे। ये सभी लाइसेंस, क्लीयरेंस या सर्टिफिकेट थे, जो दुकान को कानूनी तौर पर चलाने के लिए ज़रूरी थे। उनके ठीक बगल में भारत के संविधान (Constitution) की एक कॉपी भी फ्रेम करवाकर लगाई गई थी।
क्या लिखा है पोस्ट में
धर्मावत ने अपने पोस्ट में लिखा, “यह मेरे पड़ोस में एक छोटी सी आटा मिल है। इसके मालिक बहुत मेहनती इंसान हैं। उन्हें अपनी दुकान शुरू करने के लिए 16 अलग-अलग परमिशन लेनी पड़ीं।” धर्मावत ने कहा कि दुकान के मालिक ने हर नियम का पालन किया। फिर भी उन्हें काम शुरू करने से पहले कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इसमें बहुत समय लगा।” उन्होंने आगे कहा, “एक साधारण आटा मिल शुरू करने में उन्हें काफी समय लग गया। उन्होंने उन सभी परमिशन पेपर्स को फ्रेम करवाया और अपनी दुकान की दीवार पर टांग दिया। उनके ठीक बगल में, उन्होंने भारत के संविधान की एक कॉपी भी फ्रेम करवाकर लगाई है।” धर्मावत ने अपने पोस्ट के अंत में कहा, “यह सब कुछ बदलना चाहिए। दुर्भाग्य से, अभी तक ऐसा नहीं हुआ है।”
फिर दिल्ली से गया कॉल
इस पोस्ट का असर हुआ और सरकारी अधिकारियों ने धर्मावत को फोन करने की जहमत उठाई। उन्होंने कल रात ही एक्स पर इस बात का जिक्र किया। उन्होंने लिखा है “मुझे वाणिज्य मंत्रालय @DoC_GoI सहित कई सरकारी अधिकारियों के कई कॉल आए हैं। टीम मुद्दों को समझने और सुधारात्मक उपाय करने के लिए बहुत सकारात्मक है। उन्होंने अब मिल के मालिक से भी बात की है। यह सब आज ही के दिन हो गया।” उन्होंने इसके लिए धन्यवाद देते हुए लिखा है “आपका ध्यान देने के लिए धन्यवाद @DoC_GoI @PMOIndia @PiyushGoyal इसे उठाने के लिए”।

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में कहां है भारत
विश्व बैंक के अनुसार, “ईज ऑफ डूइंग बिजनेस” एक इंडेक्स है, जो बताता है कि किसी देश में बिजनेस शुरू करना और चलाना कितना आसान है। यानी, वहां के नियम-कानून बिजनेस के लिए कितने मददगार हैं। विश्व बैंक की “डूइंग बिजनेस रिपोर्ट (DBR) 2020” में भारत 63वें नंबर पर था। यह रिपोर्ट अक्टूबर 2019 में आई थी। बाद में विश्व बैंक ने इस रिपोर्ट को जारी करना बंद कर दिया।