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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के चार ज़िलों में स्थित विभिन्न स्थानों के नाम बदलने की घोषणा की है.
सीएम धामी ने इस फ़ैसले को ‘जनभावना और भारतीय संस्कृति और विरासत’ के अनुरूप बताया है.
31 मार्च, सोमवार देर शाम, सीएम धामी ने एक महत्वपूर्ण फ़ैसला लेते हुए जनपद हरिद्वार, देहरादून, नैनीताल और उधम सिंह नगर में स्थित विभिन्न स्थानों के नाम बदलने की घोषणा की.
घोषणा के अनुसार, हरिद्वार ज़िले में औरंगज़ेबपुर का शिवाजी नगर, गाज़ीवाली का आर्य नगर, चांदपुर का ज्योतिबा फुले नगर, मोहम्मदपुर जट का मोहनपुर जट, ख़ानपुर कुर्सली का अंबेडकर नगर, इंदरीशपुर का नंदपुर, ख़ानपुर का श्रीकृष्णपुर, अकबरपुर फाजलपुर का नाम विजयनगर किया जाएगा.
देहरादून जनपद में मियांवाला का रामजीवाला, पीरवाला का केसरी नगर, चांदपुर खुर्द का पृथ्वीराज नगर, अब्दुल्ला नगर का नाम दक्ष नगर किया जाएगा.
वहीं नैनीताल ज़िले में नवाबी रोड का अटल मार्ग, पनचक्की से आईटीआई मार्ग का नाम गुरु गोवलकर मार्ग किया जाएगा.
इसी के साथ उधमसिंह नगर में नगर पंचायत सुल्तानपुर पट्टी का नाम बदलकर कौशल्या पुरी किये जाने की घोषणा की गई है.
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जगहों के नाम बदले जाने को लेकर कांग्रेस ने इसे ध्रुवीकरण की राजनीति बताया है.
कांग्रेस नेता व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा, “सरकार के पास अपने आठ सालों के काम बताने को नहीं है, तो जनता का ध्यान भटकाने के लिए यह नाम बदलने का ढोंग किया जा रहा है.”
वहीं कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना का कहना है,”यह केवल ध्रुवीकरण की राजनीति है और इसका किसी भी प्रकार से राज्य की जनता का कोई भला नहीं है.”
“उत्तरप्रदेश की तरह ही उत्तराखंड सरकार भी उसी रास्ते पर चल रही है. क्या नाम बदलने से प्रदेश में बेरोज़गारी दूर हो जाएगी!”
धस्माना ने कहा “ईद के दिन सरकार मुस्लिम नामों को समाप्त करके ध्रुवीकरण की राजनीति करने में जुटी है.”
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