आनंद महिंद्रा सोशल मीडिया पर अपने एक्टिव रहने की वजह से अक्सर चर्चा में रहते हैं। अब उन्होंने 12वीं के छात्र द्वारा ड्रोन बनाने की सराहना की है। उन्होंने छात्र को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी है। ग्वालियर के इस छात्र ने एक सिंगल सीटर ड्रोन बनाया है जिसमें बैठकर कोई भी व्यक्ति उड़ान भर सकता है। यह ड्रोन स्क्रैप से तैयार किया गया है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ग्वालियर के एक स्कूली छात्र ने कचरे से सिंगल सीटर ड्रोन बनाकर पूरे देश की वाहवाही लूट ली है। अब बिजनेसमैन आनंद महिंद्रा ने भी इस छात्र की तारीफ की है।
उन्होंने सोशल मीडिया पर इंजीनियरिंग के प्रति छात्र का समर्पण देखकर उसकी सराहना की। आनंद महिंद्रा ने लिखा- ‘इनोवेशन की बात नहीं है, क्योंकि ऐसी मशीन बनाने की जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध है। लेकिन यह इंजीनियरिंग के लिए पैशन और काम के प्रति जज्बे की बात है। हमारे पास ऐसे जितने युवा लोग होंगे, हम उनते इनोवेशन करने वाले देश बनेंगे।’
12वीं में पढ़ता है छात्र
ड्रोन बनाने वाले छात्र का नाम मेधांश त्रिवेदी है। वह मध्य प्रदेश के ग्वालियर का रहने वाला है। वह सिंधिया स्कूल में बारहवीं कक्षा में पढ़ता है। मेधांश ने स्क्रैप का इस्तेमाल कर तीन महीने में इस ड्रोन को बनाया है।
ड्रोन पर एक व्यक्ति बैठकर उड़ान भर सकता है। यह ड्रोन अधिकतम 80 किलो तक का वजन उठा सकता है और एक बार में 6 मिनट तक उड़ान भर सकता है। मेधांश ने चीन की ड्रोन टेक्नोलॉजी को देखकर इसे बचाने का विचार किया।
60 किमी प्रति घंटे की स्पीड
इस ड्रोन का नाम एमएलडीटी 01 रखा गया है। यह अधिकतम 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। माना जा रहा है कि इस तरह का सीटर ड्रोन भविष्य में टेक्नोलॉजी विस्तार की कई संभावनाएं खोजने में मदद कर सकता है।
छात्र की इस मेहनत ने पूरे देश का ध्यान भी अपनी ओर खींचा है। कई लोगों ने ड्रोन के डिजाइन और इसके फंक्शनिंग की तारीफ की है। लोगों का कहना है कि इस तरह का ड्रोन मेडिकल इमरजेंसी में भी काफी कारगर सिद्ध हो सकता है।
सोशल मीडिया पर हुई तारीफ
सोशल मीडिया पर मिले रिएक्शन से छात्र भी काफी उत्साहित है। यूजर्स ने युवाओं में बढ़ रहे इनोवेशन स्किल की तारीफ की। कुछ ने कहा कि ऐसी ड्रोन टेक्नोलॉजी में ऑटो पायलट फीचर लगाकर क्रांति लाई जा सकती है।वहीं कुछ लोगों ने ड्रोन के सेफ्टी पर ध्यान देने को कहा। यूजर्स ने भारतीय शिक्षा व्यवस्था में ऐसी प्रैक्टिकल लर्निंग को बढ़ाना देने और उद्यमिता सिखाने पर भी बल दिया।
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