डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। क्रिसमस के अवसर पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने देश में जगह-जगह हुए ईसाइयों पर हुए कथित हमलों को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। केरल के पलक्कड़ में कैरोल गायन समूह पर हुए हमले की ओर इशारा करते हुए कहा कि में अपने ईसाई भाइयों के साथ मजबूती से खड़ा होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ब किसी भी समुदाय की धार्मिक परंपराओं या आस्था पर हमला होता है, तो यह केवल उस धर्म के लोगों पर नहीं, बल्कि भारत के संविधान और हर नागरिक की स्वतंत्रता पर हमला है।
दरअसल, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने उत्तर प्रदेश के बरेली और राजस्थान के नागौर में क्रिसमस कार्यक्रमों के दौरान हुए विरोध प्रदर्शनों और धमकियों की खबरों पर दुख जताया। उन्होंने इस घटनाओं को लेकर भाजपा से कार्रवाई करने की बात कही।
एकजुटता बेहद जरूरी
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने आगे कहा कि मेरे विचार से यह एकजुटता बेहद जरूरी है, और हम एक ऐसे दौर से गुजर रहे हैं, जिसमें दुख की बात है कि देश के विभिन्न हिस्सों में ईसाइयों पर हमले हो रहे हैं। केरल में भी पलक्कड़ में कैरल गायन समूह पर हमला हुआ, जो वाकई चौंकाने वाला है।
उन्होंने कहा कि जब हमारी परंपराओं पर हमला होता है, तो केवल ईसाई ही नहीं, बल्कि हम सभी भारतीय प्रभावित होते हैं। हर भारतीय पर हमला होता है। पूजा की स्वतंत्रता और आस्था की स्वतंत्रता की हमारी संवैधानिक गारंटी पर हमला हो रहा है, और हम सभी को अपने ईसाई भाइयों के साथ एकजुटता से खड़ा होना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए यह हमेशा से बहुत महत्वपूर्ण रहा है। मैं पिछले 17 वर्षों से सांसद हूं, और अपने निर्वाचन क्षेत्र के सदस्यों के साथ एकजुटता दिखाना बुनियादी बात है, लेकिन सभी समुदायों की सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं के प्रति सम्मान दिखाना केरल की राजनीति का केंद्र बिंदु है।’
राजस्थान के नागौर में एक निजी स्कूल के प्रधानाचार्य ने आरोप लगाया है कि बजरंग दल के सदस्य होने का दावा करने वाले लोगों के एक समूह ने संस्थान में क्रिसमस समारोह को लेकर बच्चों और कर्मचारियों को धमकी दी।
आपत्तिजनक तरीका
उत्तर प्रदेश के बरेली में, बजरंग दल के सदस्यों ने सेंट अल्फोंस कैथेड्रल चर्च के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और ‘हनुमान चालीसा’ का पाठ किया। उनका आरोप था कि चर्च द्वारा आयोजित क्रिसमस कार्यक्रम के दौरान हिंदू धर्म और समाज को आपत्तिजनक तरीके से चित्रित किया गया था। शशि थरूर ने भाजपा का नाम लिए बिना, केंद्र में सत्ताधारी पार्टी के जिम्मेदार नेतृत्व से इन हमलों की निंदा करने का आग्रह किया।
थरूर ने एकस पर पोस्ट किया कि महाभारत में, जब दुशासन ने कौरव दरबार में, शिक्षकों, बड़ों और पांडवों की उपस्थिति में पांचाली की मर्यादा भंग करने का प्रयास किया, तब भीष्म भी मौन रहे। उस समय, विरोध की एकमात्र आवाज पांडवों की ओर से नहीं, बल्कि कौरवों के भीतर से उठी। दुर्योधन के भाई विकर्ण ने कहा, ‘बड़े भाई दुर्योधन, यह अन्याय है, यह अधर्म है’। सत्ताधारी पार्टी के जिम्मेदार नेतृत्व में से किसी के द्वारा कम से कम इतना तो कहने का इंतजार कर रहा हूं कि ‘रुको, हे क्रूरता के देवता।