निधन की खबर सुनते ही कई लोगों के आंखों से छलके आंसू
पद्म विभूषण रतन टाटा के निधन की खबर देर रात मिलते ही शहर के लोग पूरी तरह से स्तब्ध रह गए। हालांकि लोगों को यह पहले से ही जानकारी थी कि रतन टाटा पिछले दो दिनों से काफी बीमार चल रहे हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। लेकिन जैसे ही उनके निधन की खबर मिली, टाटा समूह में काम करने वाले कई अधिकारी-कर्मचारी और उनके साथ काफी वक्त बिताने वाले शहर के कई लोगों के आंखों से आंसू छलक आए।
2 मार्च 2021 को अंतिम बार झारखंड
रतन टाटा अंतिम बार 2 मार्च 2021 को झारखंड आए थे। तब उन्होंने जमशेदपुर में नवल टाटा हॉकी अकादमी के नवनिर्मित भवन, आईआईटी सेंटर और टाटा कंपनी में एक आधारभूत संरचना के उद्घाटन कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। इसके बाद 3 मार्च को टाटा समूह के स्थापना दिवस पर जमशेदपुर में आयोजित कार्यक्रम भी शामिल हुए थे। इस दौरान उनकी तबीयत थोड़ी ठीक नहीं थी, जिसके कारण ज्यादा लोगों से मिलजुल नहीं सके।
सीएम हेमंत सोरेन झारखंड में एकदिवसीय शोक का किया ऐलान
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रतन टाटा के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने कहा- ‘झारखंड जैसे देश के पिछड़े राज्य को विश्व में पहचान दिलाने वाले टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन और पद्मविभूषण रतन टाटा के देहावसान पर एकदिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की जाती है।
रतन टाटा उद्योगपति के साथ संवेदनशील इंसान भी थे-रघुवर दास
ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास ने रतन टाटा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि झारखंड और जमशेदपुर के प्रति उनका काफी गहरा लगाव था। रघुवर दास ने कहा- ‘मैंने टाटा स्टील में बतौर कर्मी काम किया था। तब से लेकर मेरे मुख्यमंत्रित्व काल और अब तक उनका सानिध्य प्राप्त हुआ। मोमेंटम झारखंड के दौरान उन्होंने उनसे रांची में एक कैंसर अस्पताल खोलने का आग्रह किया। उन्होंने उसे सहर्ष स्वीकार किया। 10 नवंबर 2018 को वे स्वयं अस्पताल के शिलान्यास में शामिल हुए थे। रतन टाटा बेहतरीन उद्योगपति होने के साथ संवेदनशील इंसान थे। उनके पास ज्ञान का भंडार था। उनका जाना मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। उनके साथ बिताए पल मुझे सदा प्रेरणा देते रहेंगे।’