जयपुर: राजस्थान की सात सीटों पर होने वाले उपचुनाव के प्रचार का शोर थम गया है। प्रत्याशी के समर्थन में प्रचार के लिए भाजपा और कांग्रेस ने स्टार प्रचारकों की सूचियां जारी की थी। दोनों ही दलों ने स्टार प्रचारकों की सूची में 40-40 नेताओं को शामिल किया लेकिन कुछ नेता ऐसे रहे जो स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल होने के बावजूद चुनाव प्रचार से दूर रहे। भाजपा के स्टार प्रचारकों की सूची में 40 में से 39 नेताओं ने प्रचार किया लेकिन केवल एकमात्र वसुंधरा राजे ऐसी नेता थीं जिन्होंने प्रचार में रूची नहीं दिखाई। वे किसी भी सीट पर भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में होने वाली चुनावी सभाओं में शामिल नहीं हुईं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि राजे और पार्टी हाईकमान के बीच चल रहा विवाद अभी समाप्त नहीं हुआ है। ऐसे में वसुंधरा राजे का उपचुनाव में प्रचार नहीं करना इस बात पर मुहर भी लगा रहा है।
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कसा तंज
प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री का चुनाव प्रचार में रुचि नहीं दिखाना यह साबित करता है कि वह पार्टी हाईकमान के फैसलों से खुश नहीं है। केंद्रीय नेतृत्व ने जिन नेताओं के हाथों में प्रदेश सरकार की कमान सौंपी है। राजे उनसे संतुष्ट नहीं हैं। आपको याद होगा इससे पहले लोकसभा चुनाव में भी राजे केवल झालावाड़ तक सीमित रहीं जहां से उनके बेटे दुष्यंत सिंह ने चुनाव लड़ा था। वसुंधरा राजे के प्रचार में हिस्सा नहीं लेने पर कांग्रेस को तंज कसने का मौका मिल गया। अलवर के रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में प्रचार के दौरान नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने ईआरसीपी के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि भाजपा ईआरसीपी को भूलती जा रही है। ईआरसीपी को लाने वाली पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को भी राजनैतिक रूप से साइड लाइन कर दिया गया है।
प्रदेश मुख्यालय में हुई बैठकों में भी शामिल नहीं हुई राजे
सात विधानसभा सीटों पर हो रहे चुनाव के लिए केंद्रीय नेतृत्व ने राधा मोहन दास अग्रवाल को पर्यवेक्षक बनाया। उन्होंने कई बार जयपुर आकर पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में बैठकें ली। इन बैठकों में उपचुनाव की रणनीतियां बनाई गई। सीएम भजनलाल शर्मा, पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता इन बैठकों में मौजूद रहे लेकिन पूर्व सीएम वसुंधरा राजे किसी भी बैठक में शामिल नहीं हुईं।
कांग्रेस के इन नेताओं ने भी नहीं दिखाई रुचि
ऐसा नहीं है कि केवल राजे ही चुनाव प्रचार से दूर रही, कांग्रेस के कुछ नेता भी स्टार प्रचारकों की लिस्ट में होते हुए प्रचार से दूर रहे। इनमें बड़ा नाम डॉ. सीपी जोशी का है जो पूर्व केंद्रीय मंत्री रहने के साथ राजस्थान विधानसभा के स्पीकर भी रह चुके हैं। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा भी प्रत्याशियों की सूची जारी होने के बाद से राजस्थान दौरे पर नहीं आए। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव धीरज गुर्जर, राज्यसभा सांसद नीरज डांगी और पूर्व मंत्री रामलाल जाट भी प्रचार में नजर नहीं आए।