जागरण संवाददाता,जयपुर। राजस्थान में अब दो से अधिक बच्चों के माता-पिता नगर पालिका, नगर निगम के सभापति एवं महापौर बन सकेंगे। साथ ही दो बच्चों के माता-पिता सरपंच और जिला प्रमुख भी बन सकेंगे।
इसके लिए राज्य की भाजपा सरकार 30 साल पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व.भैरों सिंह शेखावत के कार्यकाल में किए गए प्रविधान को बदलने की तैयारी कर रही है। मंत्रिमंडल की आगामी बैठक में इस बारे में निर्णय होने की आशा है। विधि विभाग ने इस फैसले को लेकर लाए जाने वाले अध्यादेश का प्रारूप तैयार कर लिया है। इस प्रारूप को मंत्रिमंडल की आगामी बैठक में मंजूरी दी जाएगी।
सरकार पंचायती राज एवं नगर पालिका कानून में बदलाव करेगी। प्रदेश के स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने बताया कि दो बच्चों के माता-पिता के चुनाव नही लड़ने को लेकर साल 1995 में किया गया प्रविधान उस समय की मांग होगी, लेकिन अब इसमें बदलाव किया जाएगा।
उस समय भैरोंसिंह शेखावत सरकार ने दो बच्चों से ज्यादा बच्चों पर पंचायत एवं स्थानीय निकाय चुनाव नहीं लड़ने देने का प्रविधान पंचायती राज एवं स्थानीय निकाय कानून में संशोधन से किया था।
खर्रा ने कहा, पूर्व में सरकारी कर्मचारियों पर भी दो संतान का नियम लागू हुआ था, लेकिन उसमें राहत दे दी गई है। ऐसे में राजनीतिक क्षेत्र में काम करने वालों को भी इसमें राहत देने की तैयारी की जा रही है।