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- Author, सरबजीत धालीवाल,
- पदनाम, बीबीसी न्यूज़ पंजाबी,
- Author, प्रदीप शर्मा,
- पदनाम, बीबीसी पंजाबी के लिए
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पुलिस ने पंजाब के कबड्डी प्रमोटर राणा बलाचौरिया के मर्डर के बारे में कई अहम दावे किए हैं. राणा बालाचौरिया की हत्या 15 दिसंबर की शाम को मोहाली के सोहाना में एक टूर्नामेंट के दौरान हुई थी.
मोहाली एसएसपी हरमनदीप सिंह हंस ने कहा है कि ये हत्या कबड्डी पर नियंत्रण और दबदबा बनाने से जुड़ी है.
हरमनदीप सिंह ने कहा कि इस ‘मर्डर का सिद्धू मूसेवाले की हत्या से कोई संबंध नहीं है.’
पुलिस ने बताया कि सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही थी जिसमें एक गिरोह ने हत्या की जिम्मेदारी ली थी.
एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान मोहाली के एसएसपी ने सारे घटनाक्रम पर बातचीत की.
उन्होंने कहा, “अब तक जो चीज साफ हो रही है उसके मुताबिक राणा बलचौरिया का नाम जग्गू भगवानपुरिया की गैंग से जोड़ा जाता है. डोनी बल और लकी पटियाल दोनों गैंग एक साथ काम करते हैं. इन दोनों ने कल इस हमले की ज़िम्मेदारी ली है और कहा है कि उनके शूटरों ने इस वारदात को अंजाम दिया है.”
कौन थे हमलावर
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पुलिस ने बताया कि हमलावरों की पहचान हो चुकी है. पुलिस के मुताबिक हमला आदित्य कपूर उर्फ मक्खन और करण पाठक ने किया था.
दोनों हमलावरों का संबंध अमृतसर से है. इसके अलावा और भी लोग साज़िश में शामिल थे लेकिन पुलिस ने फ़िलहाल उनके नाम ज़ाहिर नहीं किए हैं.
एसएसपी हरमनदीप सिंह ने कहा कि दोनों हमलावर डोनी बल गैंग के सदस्य थे. पुलिस ने बताया कि आदित्य कपूर के खिलाफ 13 और करण पाठक के खिलाफ 2 मामले दर्ज हैं.
प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान पुलिस ने बताया कि हमलावर मोटरसाइकिल पर आए थे. उन्होंने राणा को सेल्फी लेने के लिए रोका. जैसे ही वह रुका, उन पर करीब से गोली चलाई गई और हमलावर मोटरसाइकिल पर फ़रार हो गए.
पुलिस ने बताया कि मोहाली पुलिस की टीमें अमृतसर और दिल्ली में तफ़्तीश कर रही हैं.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पत्रकारों ने राणा बलाचौरिया की हत्या और सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के बीच संबंध के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में एसएसपी ने कहा, “अब तक की जांच में सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में राणा बलाचौरिया का नाम कभी सामने नहीं आया है.”
पुलिस ने कहा कि राणा बलाचौरिया के आपराधिक इतिहास का अभी तक कोई पता नहीं चला है, लेकिन कबड्डी के संदर्भ में उनका जग्गू भगवानपुरिया से निश्चित रूप से संबंध है.
कौन थे दिग्विजय उर्फ राणा बलाचौरिया?
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कबड्डी के प्रमोटर राणा बलाचौरिया की शादी उनकी हत्या से लगभग 10 दिन पहले हुई थी.
पंजाब के शहीद भगत सिंह नगर (नवांशहर) ज़िले के बलाचौर के चनकोया गांव के रहने वाले राणा का पूरा नाम कंवर दिग्विजय सिंह राणा था. 30 वर्षीय कंवर दिग्विजय कबड्डी प्रमोटर बनने से पहले ख़ुद एक कबड्डी खिलाड़ी थे.
राणा बलाचौरिया के चाचा संजीव ने बीबीसी पंजाबी को बताया, “उन्हें आज तक कोई धमकी नहीं मिली थी. उन्होंने किसी गैंगस्टर से संबंध होने के बारे में कभी कुछ नहीं बताया था. मुझे लगता है कि एक उभरते सितारे होने के नाते, उन्होंने किसी न किसी का ध्यान ज़रूर खींचा होगा.”
चनकोया गांव के निवासी जसबीर का कहना है कि उन्होंने शुरुआत में बलाचौर में कबड्डी खेली और एक अच्छे खिलाड़ी बनने के बाद प्रमोटर बन गए.
गांव में लोग राणा को प्यार से ‘डिग्गू’ कहकर बुलाते थे.
चनकोया गांव के ही सुखविंदर सिंह का कहना है कि वह राणा बलाचौरिया के करीबी रहे हैं.
उन्होंने कहा, “पढ़ाई पूरी करने के बाद दिग्विजय को कबड्डी में रुचि हो गई. उन्होंने 2017 से 2019 तक कबड्डी खेली और फिर कबड्डी खिलाड़ियों के साथ जुड़कर प्रमोटर बन गए.”
ग्रामीणों का कहना है कि दिग्विजय युवाओं को नशे से दूर रखते थे और उन्हें खेलों की ओर प्रोत्साहित करते थे.
राणा बलाचौरिया के रिश्तेदार पवन ने बीबीसी को बताया कि उनके परिवार में उनकी पत्नी, माता-पिता और छोटे भाई-बहन शामिल हैं.
पवन के अनुसार, राणा ने ‘शकरपुरिया’ नाम की टीम बनाई, जिसे वह पंजाब में अलग-अलग खेल प्रतियोगिताओं में ले गए.
एक्टिंग और मॉडलिंग का शौक
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कबड्डी के अलावा, राणा बलाचौरिया को पंजाबी गानों में मॉडलिंग करने का भी शौक था. वह अक्सर अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर व्यायाम करते हुए वीडियो या अलग-अलग हस्तियों के साथ अपनी तस्वीरें साझा करते थे.
उनके इंस्टाग्राम अकाउंट पर 29 हजार से अधिक फॉलोअर्स हैं.
चनकोया गांव के रहने वाले नवराज सिंह ने बीबीसी को बताया कि कंवर दिग्विजय सिंह लंबे समय से मोहाली में रह रहे थे और उनका मुख्य काम कबड्डी टीम का प्रचार करना था.
उनका कहना है कि उन्हें राणा की किसी से दुश्मनी होने की कोई जानकारी नहीं है.
उन्होंने आगे कहा कि राणा का हिमाचल प्रदेश के ऊना से संबंध था, लेकिन उनके पूर्वज बहुत समय पहले पंजाब चले गए थे.
उन्होंने कहा, “राणा की शादी दस दिन पहले हुई थी, सब लोग खुश थे, लेकिन किसी ने सोचा भी नहीं था कि उसकी हत्या कर दी जाएगी. बहुत कम समय में ही उसने कबड्डी में नाम कमा लिया था और बलाचौर और गांव का नाम रोशन किया था.”
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में राणा बलाचौरिया की हत्या के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब दिया.
उन्होंने कहा, “हमारी तरफ से कोई कमी नहीं है, हम किसी को उकसाते नहीं हैं.”
उन्होंने कहा कि ‘गुंडों को पिछली सरकारों की उपज’ बताया.
मुख्यमंत्री ने कहा, “हम आने वाले दिनों में एक रोडमैप जारी करेंगे, हम किसी को भी कानून और व्यवस्था अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं देंगे.”
जग्गू भगवानपुरिया कौन हैं?
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जग्गू भगवानपुरिया गुरदासपुर के भगवानपुर गांव से हैं. यह गांव बटाला-डेरा बाबा नानक मार्ग पर स्थित है. भगवानपुर गांव में कोई भी जग्गू के बारे में सार्वजनिक रूप से बात करने को तैयार नहीं है. उनकी मां इसी गांव में रहती थी. उनका भाई मनु भगवानपुरिया ऑस्ट्रेलिया में रहता है.
इस साल जून में बटाला के कड़िया चुंगी में हुई एक घटना में दो लोगों की मौत हो गई थी.
पुलिस ने पुष्टि की थी कि मृत महिला की पहचान हरजीत कौर के रूप में हुई है, जो जग्गू भगवानपुरिया की मां थी और कई आपराधिक गतिविधियों में शामिल थी.
कुछ साल पहले जग्गू भगवानपुरिया की पत्नी का भी उनके घर में निधन हो गया था. उस समय परिवार ने उनकी मृत्यु का कारण मस्तिष्क रक्तस्राव (ब्रेन हेमरेज) बताया था.
भगवानपुर के एक व्यक्ति ने नाम न बताने की शर्त पर बीबीसी पंजाबी को बताया कि जग्गू ने गांव के स्कूल में पढ़ाई की. उसके बाद, उसने बटाला के गुरु नानक कॉलेज में दाखिला लिया.
खबरों के मुताबिक, कॉलेज के समय तक वह एक अच्छा कबड्डी खिलाड़ी बन चुका था. इस दौरान वह कुछ ऐसे लोगों के संपर्क में आया जो कबड्डी खिलाड़ी तो थे लेकिन आपराधिक गतिविधियों में भी शामिल थे.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.