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रामलीला में बाधा; दिल्ली में लागू धारा 163 के खिलाफ SC में पुजारी की याचिका

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Oct 2, 2024


दिल्ली पुलिस की ओर से शहर के कई हिस्सों में लगाई गई भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 163 को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। बात सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई है। 30 अक्टूबर से 5 नवंबर तक के लिए दिए गए निषेधाज्ञा के आदेश को चुनौती।

Sudhir Jha लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 2 Oct 2024 07:13 AM
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दिल्ली पुलिस की ओर से शहर के कई हिस्सों में लगाई गई भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 163 को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। बात सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई है। 30 अक्टूबर से 5 नवंबर तक के लिए दिए गए निषेधाज्ञा के आदेश के सर्वोच्च अदालत में चुनौती दी गई है। कालकाजी मंदिर के पुजारी और मानस नमन सेवा सोसाइटी के सचिव सुनील ने याचिका दायर करते हुए दावा किया है कि इससे धार्मिक जुटान और रामलीला के आयोजन में बाधा उत्पन्न हो गई है।

बीएनएस की धारा 163 आईपीसी की धारा 144 की तरह ही है जिसमें पांच से अधिक लोगों के एकत्रित होने की मनाही होती है। मानस नमन सेवा सोसाइटी की ओर से चिराग दिल्ली के सतपुला मैदान में भव्य रामलीला का आयोजन किया जाता है। लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, सुनील ने अपनी याचिका में कहा है कि पुलिस के आदेश की वजह से रामलीला का आयोजन नहीं हो सकता है, जिसकी शुरुआत 3 अक्टूबर से होनी है।

याचिकाकर्ता ने कहा है कि नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्टूबर से होने जा रही है। पुलिस की ओर से जारी किए गए आदेश से त्योहारों और धार्मिक जुटान में बाधा होगी। याचिकाकर्ता ने यह भी कहा है कि निषेधाज्ञा का आदेश जारी करने के लिए कोई ठोस वजह नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के पुराने आदेशों का हवाला दिया गया है जिनमें सर्वोच्च अदालत ने कहा था कि निषेधाज्ञा का आदेश रूटीन मामले में जारी नहीं किया जा सकता है।

दिल्ली पुलिस ने सोमवार को राजधानी में कई इलाकों में BNS की धारा 163 लागू की है। इसके तहत नई दिल्ली, सेंट्रल दिल्ली, नॉर्थ दिल्ली के अलावा दिल्ली के सभी बॉर्डर्स को इसकी जद में रखा गया है। दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा की तरफ से जारी आदेश में यह कहा गया है कि कई संगठनों ने अक्टूबर 2024 के पहले सप्ताह में दिल्ली क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन समेत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करने का आह्वान किया है। इसमें वक्फ संशोधन विधेयक (प्रस्तावित), शाही ईदगाह का मुद्दा, एमसीडी स्थायी समिति चुनाव जैसे मुद्दों के कारण दिल्ली में कानून और व्यवस्था बनाए रखना बेहद संवेदनशील हो जाता है। जबकि इन सब के अलावा डूसू के नतीजों की घोषणा भी अभी लंबित है। 

दिल्ली पुलिस कमीश्नर संजय अरोड़ा ने आदेश में कहा है कि किसी भी सार्वजनिक क्षेत्र में धरना प्रदर्शन के अलावा इन पर भी पाबंदी रहेगी। पांच या अधिक अनधिकृत व्यक्तियों की एक साथ किसी तरह की सभा और बैनर, तख्तियों पर, किसी तरह का हथियार, लाठियां, भाले, तलवारें, ले जाने पर रोक है।

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