• Thu. May 15th, 2025

24×7 Live News

Apdin News

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के 14 सवालों से नए CJI बीआर गवई का सामना, क्या है पूरा मामला – president draupadi murmu says can sc fix deadlines for president governors assent to bills

Byadmin

May 15, 2025


नई दिल्ली: जस्टिस भूषण रामकृष्णा गवई ने बतौर 52वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ ली। लेकिन उनके शपथ लेते ही सबसे बड़ा सवाल उनके सामने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का आएगा। दरअसल, राष्ट्रपति ने आर्टिकल 143(1) पर सुप्रीम कोर्ट की राय मांगी है। राष्ट्रपति ने पूछा है कि क्या सुप्रीम कोर्ट विधानसभाओं की ओर से पारित विधेयकों पर मंजूरी के लिए राज्यपाल और राष्ट्रपति के लिए समयसीमा तय कर सकता है।

किसी बिल पर क्या राष्ट्रपति-राज्यपाल के लिए सुप्रीम कोर्ट फिक्स कर सकता है डेडलाइन?

कार्यपालिका के कुछ सदस्यों और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने हाल में सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की बेंच द्वारा पारित फैसले पर काफी नाराजगी जताई थी। इस बेंच की अध्यक्षता जस्टिस जेबी पारदीवाला कर रहे थे। चीफ जस्टिस गवई को अब राष्ट्रपति के 14 सवालों के जवाब देने के लिए अब एक संविधान पीठ का गठन करना होगा जिसमें कम से कम 5 जज होंगे।

राष्ट्रपति ने शीर्ष कोर्ट से पूछे 14 सवाल

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुप्रीम कोर्ट से पूछा है कि क्या वह राष्ट्रपति और राज्यपालों के लिए विधेयकों पर सहमति देने की समय सीमा तय कर सकता है? उन्होंने कोर्ट से इस बारे में 14 सवाल पूछे हैं। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 8 अप्रैल को एक फैसला दिया था। इसमें तमिलनाडु के राज्यपाल और राष्ट्रपति के लिए राज्य के विधेयकों पर फैसला लेने की समय सीमा तय की गई थी। राष्ट्रपति मुर्मू ने इसी फैसले पर सवाल उठाए हैं।

राष्ट्रपति ने किया संविधान के अनुच्छेद 143(1) का जिक्र

राष्ट्रपति ने पूछा है कि जब संविधान में ऐसी कोई समय सीमा नहीं है, तो सर्वोच्च अदालत ऐसा कैसे कर सकती है? केंद्र सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 143(1) का इस्तेमाल किया है। इसके तहत राष्ट्रपति सुप्रीम कोर्ट से कानूनी मामलों पर सलाह मांग सकती हैं। राष्ट्रपति मुर्मू ने सुप्रीम कोर्ट से पूछा है कि क्या कोर्ट के पास ऐसा करने का अधिकार है?

सीजेआई बनते ही बीआर गवई के सामने बड़ा मुद्दा

जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई ने बुधवार को सीजेआई के तौर पर शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में उन्होंने राष्ट्रपति भवन के गणतंत्र मंडप में अपनी मां से आशीर्वाद लिया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में डॉ. बी.आर. अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की। CJI के रूप में उनके सामने सबसे पहला काम राष्ट्रपति मुर्मू के अनुच्छेद 143(1) के तहत भेजे गए संदर्भ पर विचार करना होगा।

By admin