मधुमेह में इस्तेमाल की जाने वाली दवा एम्पाग्लिफ्लोजिन का पेटेंट समाप्त होने के चलते भारत में इसके दाम में भारी कटौती हो गई है। इसकी कीमत में अब करीब 90 प्रतिशत की कमी आ गई है। पेटेंट खत्म होने से बाजार में इसकी जेनेरिक दवाएं आ गई हैं। जर्मनी की फार्मा कंपनी बोएहरिंगर इंगेलहेम द्वारा विकसित की गई एम्पाग्लिफ्लोजिन बाजार में जार्डिएंस के नाम से बिकती है।
आइएएनएस, नई दिल्ली। मधुमेह में इस्तेमाल की जाने वाली दवा एम्पाग्लिफ्लोजिन का पेटेंट समाप्त होने के चलते भारत में इसके दाम में भारी कटौती हो गई है। इसकी कीमत में अब करीब 90 प्रतिशत की कमी आ गई है। पेटेंट खत्म होने से बाजार में इसकी जेनेरिक दवाएं आ गई हैं।
एम्पाग्लिफ्लोजिन बाजार में जार्डिएंस के नाम से बिकती है
जर्मनी की फार्मा कंपनी बोएहरिंगर इंगेलहेम द्वारा विकसित की गई एम्पाग्लिफ्लोजिन बाजार में जार्डिएंस के नाम से बिकती है। टाइप-2 मधुमेह के मरीज इस गोली का सेवन करते हैं और इससे रक्त शर्करा नियंत्रित होती है।
बाजार में एम्पाग्लिफ्लोजिन की जेनेरिक दवाएं लांच
जार्डिएंस की पहले कीमत 60 रुपये प्रति टैबलेट थी, जिसे घटाकर अब 5.50 रुपये प्रति टैबलेट कर दिया गया है। मैनकाइंड, एल्केम और ग्लेनमार्क जैसी फार्मास्यूटिकल कंपनियों ने बाजार में एम्पाग्लिफ्लोजिन की जेनेरिक दवाएं लांच कर दी हैं।
मैनकाइंड फार्मा द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, एम्पाग्लिफ्लोजिन के 10 मिलीग्राम वेरिएंट की कीमत 5.49 रुपये प्रति टैबलेट और 25 मिलीग्राम वेरिएंट की 9.90 रुपये प्रति टैबलेट रखी गई है। एल्केम ने इसे एम्पोनार्म के नाम से लांच किया है और इसकी कीमत करीब 80 प्रतिशत कम रखी है।
नकल से बचाने के लिए दवा के पैक पर सुरक्षा बैंड
कंपनी द्वारा जारी बयान के अनुसार, मरीजों को ध्यान में रखते हुए एल्केम ने इसकी नकल से बचाने के लिए दवा के पैक पर सुरक्षा बैंड दिया है। इसके साथ ही इंफोग्राफिक्स के रूप में मधुमेह प्रबंधन की जानकारी दी गई है। वहीं, ग्लेनमार्क फार्मा ने इसे ग्लेम्पा के नाम से 10 और 25 एमजी के दो वेरिएंट में पेश किया है।
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