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कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को ‘मैच फिक्सिंग’ कहा है.
राहुल गांधी ने कहा, “2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में धांधली इतने निचले स्तर पर पहुंच गई कि इसका अनुमान लगाना मुश्किल है.”
राहुल गांधी ने अप्रत्यक्ष रूप से चुनाव आयोग पर भी निशाना साधते हुए कहा, “मैच फिक्स करने वाली टीम मैच तो जीत सकती है, लेकिन इससे जुड़े संस्थानों में भरोसा हमेशा के लिए खत्म हो जाता है.”
राहुल गांधी ने कहा, “चुनावों में मैच फिक्सिंग किसी भी लोकतंत्र के लिए ज़हर की तरह है.”
राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों की आलोचना करते हुए ‘इंडियन एक्सप्रेस’ और ‘लोकसत्ता’ समेत कई भारतीय अख़बारों में विस्तृत लेख लिखे हैं . महाराष्ट्र चुनाव में धांधली का दावा करते हुए राहुल गांधी ने ‘धांधली के पांच चरण’ बताए हैं.
इस लेख के बाद बीजेपी की तरफ से प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं. साथ ही महाराष्ट्र में राजनीतिक माहौल भी गरमाने लगा है.
राहुल गांधी ने लेख में कौन से 5 सवाल उठाए हैं?
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राहुल गांधी ने आंकड़ों के साथ 5 आरोप लगाए हैं.
उन्होंने कहा, “2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में धांधली इतनी भयावह थी कि इसे छिपाने की तमाम कोशिशों के बावजूद सरकारी आंकड़ों से इसके स्पष्ट सबूत सामने आए हैं.”
राहुल गांधी का पहला आरोप
राहुल गांधी ने जो पहली आपत्ति जताई है, वह चुनाव आयुक्त के चयन प्रक्रिया को लेकर है.
राहुल गांधी ने कहा, “चुनाव आयुक्त नियुक्ति अधिनियम, 2023 में प्रावधान है कि केवल प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री ही ‘2-1’ बहुमत के आधार पर चुनाव आयुक्त का चुनाव कर सकते हैं. इसमें तीसरा वोट हमेशा विपक्षी पार्टी के वोट को रद्द करने के लिए संभव था.”
राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की प्रक्रिया में मुख्य न्यायाधीश का पद एक कैबिनेट मंत्री को देने का निर्णय संदिग्ध है.
राहुल गांधी का दूसरा आरोप
राहुल गांधी का दूसरा आरोप फर्जी मतदाता सूची को लेकर है. इस आरोप में राहुल गांधी ने कुछ आंकड़े पेश किए हैं. वे इस प्रकार हैं…
- 2019 विधानसभा चुनाव के दौरान मतदाता मतदान – 8 करोड़ 98 लाख
- 2024 के लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत – 9 करोड़ 29 लाख
- 2024 के विधानसभा चुनाव में मतदाता मतदान – 9 करोड़ 70 लाख
ऐसे आंकड़े देते हुए राहुल गांधी ने सवाल पूछा, “2019 से 2024 तक यानी पांच साल में 31 लाख वोटर बढ़े, तो 2024 में दो चुनावों, लोकसभा और विधानसभा के बीच के पांच महीने में 41 लाख कैसे बढ़ गए?”
राहुल गांधी का तीसरा आरोप
राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि मतदाताओं की संख्या से अधिक वोट डाले गए.
उन्होंने कहा, “चुनाव आयोग के मुताबिक, मतदान के दिन शाम 5 बजे महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत 58.22 प्रतिशत था. हालांकि, जब अगली सुबह अंतिम मतदान के आंकड़े घोषित किए गए, तो यह 66.05 प्रतिशत था.”
ये आंकड़े देते हुए राहुल गांधी सवाल उठाते हैं, “अंतिम आंकड़ों में 7.83 प्रतिशत या करीब 76 लाख मतदाताओं की वृद्धि अभूतपूर्व थी.”
राहुल गांधी का चौथा आरोप
राहुल गांधी ने इस लेख में फर्जी मतदान का मुद्दा भी उठाया है.
राहुल गांधी ने आरोप लगाया, “महाराष्ट्र में करीब 1 लाख मतदान केंद्र हैं. इनमें से सिर्फ 85 निर्वाचन क्षेत्रों के करीब 12 हजार केंद्रों पर ही मतदाताओं की संख्या ज्यादा है, जहां लोकसभा चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन निराशाजनक रहा था.”
दिलचस्प बात यह है कि राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि इन 85 सीटों में से अधिकतर सीटें बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए ने जीती हैं.
इस बार राहुल गांधी ने नागपुर के कामठी विधानसभा क्षेत्र का उदाहरण दिया.
राहुल गांधी के दावे के मुताबिक, “2024 के लोकसभा चुनाव में कामठी में कांग्रेस को 1 लाख 36 हज़ार वोट मिले, जबकि बीजेपी को 1 लाख 19 हज़ार वोट मिले. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 1 लाख 34 हज़ार वोट मिले. यानी लोकसभा चुनाव के लगभग बराबर.”
“विधानसभा में भाजपा को 1 लाख 75 हजार वोट मिले. बीजेपी के वोटों में 56 हजार की बढ़ोतरी हुई. खास बात यह है कि कामठी में सिर्फ 35 हजार नए मतदाता बढ़े.”
बीजेपी के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले नागपुर के कामठी निर्वाचन क्षेत्र से वर्तमान विधायक हैं. इसी विधानसभा सीट का जिक्र राहुल गांधी ने किया है.
राहुल गांधी का पांचवा आरोप
इस लेख में राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर विपक्ष के सभी सवालों पर चुप रहने का आरोप लगाया है.
राहुल गांधी ने कहा, “आयोग ने 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों की फोटो वाली मतदाता सूची उपलब्ध कराने के अनुरोध को सिरे से खारिज कर दिया है.”
उन्होंने कहा, “हाई कोर्ट ने मतदान केंद्रों पर मतदान की वीडियोग्राफी और सीसीटीवी फुटेज साझा करने का आदेश दिया था. हालांकि, केंद्र सरकार ने चुनाव आयोग से ‘परामर्श’ के बाद चुनाव आचार संहिता की धारा 93 (2) (ए) में संशोधन करके सीसीटीवी जैसे रिकॉर्ड के प्रावधान पर रोक लगा दी है.”
राहुल गांधी ने अदालत के आदेश और केंद्र द्वारा कानून में संशोधन के समय पर संदेह जताया.
राहुल गांधी के इन पांचों आरोपों ने एक बार फिर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों को सुर्खियों में ला दिया है.
चुनाव आयोग ने क्या कहा?
चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर राहुल गांधी के उठाए गए सवालों का जवाब दिया है.
चुनाव आयोग ने अपने जवाब में कहा, “महाराष्ट्र मतदाता सूची को लेकर लगाए गए निराधार आरोप रूल ऑफ लॉ पर हमला हैं. इस संबंध में चुनाव आयोग ने 24 दिसंबर 2024 को ही कांग्रेस पार्टी को दिए अपने जवाब में सभी तथ्य स्पष्ट कर दिए थे, जो आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध है. ऐसा लगता है कि इन सभी तथ्यों को नजरअंदाज करके बार-बार ऐसे मुद्दे उठाए जा रहे हैं.”
चुनाव आयोग ने यह भी कहा, “किसी के द्वारा गलत सूचना फैलाना न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि अपने ही राजनीतिक दल द्वारा नियुक्त हजारों प्रतिनिधियों को बदनाम करना है और लाखों चुनाव कार्यकर्ताओं का मनोबल गिराना है जो चुनाव के दौरान निस्वार्थ और पारदर्शी तरीके से काम करते हैं. मतदाताओं के अनुकूल परिणाम न दिए जाने के कारण चुनाव आयोग पर ‘समझौता’ करने का आरोप लगाना पूरी तरह से हास्यास्पद है.”
राहुल गांधी के आरोपों पर बीजेपी ने क्या कहा?
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राहुल गांधी का लेख आज कई अखबारों में प्रकाशित होने के बाद सत्तारूढ़ बीजेपी की ओर से प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गईं.
महाराष्ट्र बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने भी प्रतिक्रिया दी है . राहुल गांधी ने ‘फर्जी मतदाताओं’ के आरोपों के मुद्दे पर बावनकुले के कामठी निर्वाचन क्षेत्र का उदाहरण दिया है.
चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा, “दरअसल, कांग्रेस को आत्मचिंतन करना चाहिए था. उन्हें लोकसभा में 31 सीटें मिलीं और हमें 17. उस समय राहुल गांधी और महा विकास अघाड़ी अति आत्मविश्वास में आ गए थे. इसलिए वे भूल गए कि चुनाव लड़ने का काम होता है, जनता से संवाद करना होता है, घर-घर जाकर संपर्क करना होता है. तब महाराष्ट्र ने मोदी के काम पर भरोसा किया.”
बावनकुले ने राहुल गांधी के आरोपों का जवाब देने के लिए आंकड़े पेश किए.
बावनकुले कहते हैं, “लोकसभा में महाविकास आघाड़ी को 2 करोड़ 50 लाख वोट मिले और महायुति को 2 करोड़ 48 लाख वोट मिले. हमारे महायुति के सभी कार्यकर्ताओं के प्रयास से विधानसभा में हम 3 करोड़ 17 लाख तक गए, जबकि महाविकास आघाड़ी 2 करोड़ 17 लाख पर आ गई. यानी राहुल गांधी को पता होना चाहिए कि लोकसभा के मुकाबले उन्हें 33 लाख वोट का नुकसान हुआ है. राहुल गांधी को इसका अध्ययन करना चाहिए.”
बावनकुले ने कहा, “महाराष्ट्र की जनता ने हमारी महायुति को बहुमत से चुना है. यह जनता का हम पर भरोसा है. अगले चुनाव में भी यह भरोसा कायम रहेगा. आप बार-बार झूठ बोलकर राज्य के जनादेश का अपमान कर रहे हैं. जनता आपको कभी माफ नहीं करेगी.”
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष ने क्या कहा?
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कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर राहुल गांधी का लेख शेयर करते हुए कहा, चुनाव चोरी का पूरा खेल समझिए.
हर्षवर्धन सपकाल ने कहा, “यह समझना मुश्किल नहीं है कि महाराष्ट्र में बीजेपी इतनी हताश क्यों थी. लेकिन धांधली मैच फिक्सिंग की तरह है. धोखा देने वाली पार्टी खेल जीत सकती है, लेकिन यह खेल जनता को नुकसान पहुंचाता है और परिणामों से जनता का भरोसा खत्म करता है.”
सपकाल ने पोस्ट में कहा, “सभी चिंतित भारतीयों को सबूत देखना चाहिए. खुद ही फैसला करें. जवाब मांगें. क्योंकि महाराष्ट्र में मैच फिक्सिंग के बाद ये बिहार में फैल जाएगी और फिर जहां भी बीजेपी हार रही है, वहां भी फैल जाएगी. मैच फिक्स चुनाव किसी भी लोकतंत्र के लिए खतरनाक हैं.”
इसके अलावा, हर्षवर्धन सपकाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की और राहुल गांधी के लेख पर अपनी स्थिति पेश की.
सपकाल ने कहा, “जब हमने चुनाव आयोग से सवाल पूछे हैं तो बीजेपी जवाब क्यों दे रही है? इसका मतलब है कि कुछ गड़बड़ है.”
सपकाल ने यह भी कहा, “मतदान प्रतिशत में वृद्धि कहां से आई? मतदान प्रतिशत में यह वृद्धि अवैध है, क्योंकि इस वोट का कोई माता-पिता नहीं है.”
हर्षवर्धन सपकाल ने कहा, “कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी ने आंकड़ों के साथ मतदान में धोखाधड़ी का मुद्दा उठाया है. यह कोई आरोप नहीं है, बल्कि मांग है कि इसे तथ्यों और आंकड़ों के साथ पेश किया जाए और इसकी जांच की जाए. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में अपने डेढ़ घंटे के भाषण में इस पर एक भी शब्द नहीं कहा. यह लोकतांत्रिक व्यवस्था में उत्पन्न एक गंभीर और चिंताजनक मुद्दा है.”
कांग्रेस पहले भी जता चुकी है आपत्ति
राहुल गांधी और कांग्रेस ने इससे पहले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों पर भी आपत्ति जताई थी . इससे पहले कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग से सवाल पूछे थे और कुछ मांगें रखी थीं. वे इस प्रकार हैं…
- चुनाव आयोग लोकसभा और विधानसभा की मतदाता सूची सार्वजनिक क्यों नहीं करता?
- लोकसभा चुनाव के बाद इतनी बड़ी संख्या में मतदाता कहां से आये?
- नये मतदाता पंजीकरण का प्रमाण प्रस्तुत किया जाना चाहिए.
- यह परिणाम स्वीकार्य नहीं है तथा संदेहास्पद प्रतीत होता है, अतः स्पष्टीकरण दिया जाना चाहिए.
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