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लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
उन्होंने दावा किया कि लोकसभा चुनावों, महाराष्ट्र और हरियाणा के विधानसभा चुनावों में ‘वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर धांधली’ की गई.
उन्होंने कहा, “मशीन-रीडेबल वोटर लिस्ट न देना इस बात का सबूत है कि चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र में चुनाव ‘चुराने’ के लिए बीजेपी से मिलीभगत की है.”
भारतीय निर्वाचन आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को ‘गुमराह’ करने वाला बताया है. आयोग ने कहा है कि वो अपनी शिकायत लिखित में कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को दें.
चुनाव आयोग ने कहा है कि अगर राहुल गांधी समझते हैं कि जो वो कह रहे हैं वह सच है तो वो शपथ पत्र पर साइन कर शिकायत दें या फिर भारत की जनता को गुमराह न करें.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र चुनाव में वोट चोरी को लेकर राहुल गांधी के दावे को ख़ारिज कर दिया.
उन्होंने कहा, “राहुल गांधी लगातार झूठ बोल रहे हैं और ग़लत बयानबाज़ी कर रहे हैं. उन्होंने पिछली बार कहा कि महाराष्ट्र में 75 लाख वोट बढ़े और अब कहा कि एक करोड़ वोट बढ़े. वे झूठ बोलकर अपनी हार को दबाने की कोशिश कर रहे हैं.”
गुरुवार को प्रेस कॉन्फ़्रेंस में राहुल गांधी ने एक प्रज़ेंटेशन दिया जिसमें महाराष्ट्र में हुए लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच वोटर लिस्ट में बदलाव, लोकसभा चुनावों के दौरान कर्नाटक में मतदाताओं के बढ़ने के कथित सबूत दिए.
राहुल गांधी ने वोटर लिस्ट को लेकर जो प्रमुख दावे किए, उन पर एक नज़र.
1-‘महाराष्ट्र चुनावों में गड़बड़ी’ का आरोप
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राहुल गांधी ने गड़बड़ी के आरोप लगाते हुए कहा-
- महाराष्ट्र में हमने सार्वजनिक रूप से चुनाव आयोग को बताया था कि पांच महीने में जितने नए वोटर जोड़े गए, वो पिछले पांच सालों में जोड़े गए कुल वोटर्स से भी ज़्यादा थे, जिससे संदेह पैदा हुआ.
- नए वोटरों की संख्या तो महाराष्ट्र की आबादी से भी ज़्यादा हो गई, जो बेहद हैरान करने वाली बात थी.
- फिर पांच साल बाद अचानक मतदान प्रतिशत में बड़ा उछाल आया.
- विधानसभा चुनावों में हमारा गठबंधन पूरी तरह से साफ़ हो गया, जबकि कुछ महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में यही गठबंधन जीत गया था. यह बहुत ही संदेहास्पद था.
- महाराष्ट्र में राज्य स्तर पर हमने देखा कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच एक करोड़ नए वोटर जुड़ गए थे. इसकी शिकायत चुनाव आयोग से भी की गई.
- राज्य में 40 लाख फर्जी वोटर का पता लगाया गया.
2-कर्नाटक को लेकर क्या कहा?
राहुल गांधी ने दावा किया-
- कर्नाटक लोकसभा चुनाव में इंटरनल पोल्स ने 16 सीटें जीतने का अनुमान लगाया था लेकिन कांग्रेस को केवल 9 सीटें मिलीं.
- कांग्रेस की जांच में पाया गया कि कर्नाटक की महादेवपुरा सीट पर एक लाख से ज़्यादा डुप्लिकेट वोटर, फ़र्जी पते और बल्क वोटर थे.
- कर्नाटक में बेंगलुरु की महादेवपुरा विधानसभा सीट पर 6.5 लाख वोटों में से एक लाख से ज़्यादा वोटों की ‘चोरी’ हुई है.
- कर्नाटक में 11 हज़ार के क़रीब वोटर ऐसे मिले जिन्होंने अलग-अलग बूथ और अलग अलग राज्यों में भी मतदान किया.
- इन वोटरों के नाम, बूथ नंबर और पतों की सूची हमारे पास है.
3- ‘फर्जी वोटर’
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राहुल गांधी ने आरोप लगाया-
- कई वोटर अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग बूथ की वोटर लिस्ट में शामिल हैं.
- एक वोटर बेंगलुरु की महादेवपुरा सीट, पूर्वी लखनऊ, मुंबई की पूर्वी जोगेश्वरी चुनावी क्षेत्र में वोटर के रूप में दर्ज है.
- राहुल गांधी ने दावा किया कि उनकी शोध टीम ने 40 हज़ार से अधिक ऐसे फर्जी वोटरों की पहचान की है जिनके पते ग़लत थे या ऐसे पते थे जिनका कोई वजूद नहीं था या फिर वे उन पतों पर नहीं मिले.
- एक-एक घर के पते पर 80 और 46 वोटर दर्ज थे. अकेले घरों में बड़ी संख्या में दर्ज किए वोटरों की संख्या 10 हज़ार से अधिक थी.
- नए वोटर बनने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले फॉर्म 6 का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग किया गया. ऐसे 33,692 मामले पाए गए.
4- हरियाणा विधानसभा चुनावों पर राहुल के आरोप
राहुल गांधी ने दावा किया-
- हरियाणा में आठ सीटों पर कुल दो करोड़ मतदाताओं में हार जीत का अंतर महज 22,779 था.
- यहां एक विधानसभा क्षेत्र में एक लाख वोट चोरी हुआ.
- एग्ज़िट पोल में कांग्रेस को न केवल जीतते हुए दिखाया गया था बल्कि 90 सीटों की हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस को क़रीब 60 सीटें मिलने का दावा किया गया था.
- बीजेपी ने लगभग सभी एग्जिट पोल्स को गलत साबित किया और बड़े आराम से बहुमत के आंकड़े को पार करते हुए 48 सीटों पर जीत दर्ज की.
5- राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर क्या कहा?
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राहुल गांधी ने कहा, “2024 लोकसभा चुनावों के दौरान पीएम मोदी को सत्ता में बने रहने के लिए 25 सीटों को चुराने की ज़रूरत थी. और उस चुनाव में बीजेपी ने 25 सीटों पर 33 हज़ार से भी कम मतों के अंतर से जीत दर्ज की.”
उन्होंने कहा, “हम चुनाव आयोग से यह कह रहे हैं कि आप भारतीय लोकतंत्र को नष्ट करने का नहीं, बल्कि उसकी रक्षा करने का काम करते हैं. अब यह सारी जानकारी एक सबूत है. सिर्फ कर्नाटक की जानकारी नहीं, बल्कि देश की हर एक वोटर लिस्ट अब एक सबूत है.”
“यह भारतीय संविधान और तिरंगे के ख़िलाफ़ किया गया अपराध है. इससे कम कुछ नहीं है. यह एक विधानसभा में हुए अपराध का प्रमाण है. हम पूरी तरह से आश्वस्त हैं क्योंकि हमने इस पैटर्न को देखा है. हमने इसका अध्ययन किया है.”
राहुल गांधी ने दावा किया, “चुनाव आयोग ने हमें डेटा नहीं दिया, उन्होंने खुद कहा कि वे सीसीटीवी फुटेज नष्ट करने जा रहे हैं… और यही वो कारण था जिसके लिए वे फ़ुटेज नष्ट करना चाहते थे.”
चुनाव आयोग ने क्या कहा?
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राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ़्रेंस के बाद कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की ओर से एक बयान जारी कर आरोपों के जवाब दिए गए हैं.
इसमें कहा गया है, “कर्नाटक कांग्रेस की ओर से मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाक़ात का समय मांगा गया था. इसके बाद आठ अगस्त को दोपहर एक से तीन बजे का समय सुनिश्चित किया गया है.”
“मतदाता सूची को जन प्रतिनिधित्व क़ानून 1950, मतदाता पंजीकरण नियम 1960 और समय-समय पर केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, पारदर्शी तरीक़े से तैयार किया जाता है.”
“नवंबर 2024 में और जनवरी 2025 में कांग्रेस को वोटर सूची उपलब्ध कराई गई थी. जहां तक चुनाव प्रक्रिया की बात है, इसे माननीय उच्च अदालत के सामने चुनावी याचिका के माध्यम से ही चुनौती दी जा सकती है.”
बयान के अनुसार, “ज्ञात हुआ है कि आज आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आपने पैरा 3 में उल्लिखित मतदाता सूची में अपात्र मतदाताओं को शामिल करने और पात्र मतदाताओं को बाहर करने का उल्लेख किया था. आपसे अनुरोध है कि आप मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के नियम 20(3)(बी) के अंतर्गत संलग्न घोषणा/शपथ पर हस्ताक्षर करके ऐसे मतदाताओं के नाम सहित वापस भेजें ताकि आवश्यक कार्यवाही शुरू की जा सके.”
राहुल के आरोपों पर क्या है एक्सपर्ट की राय
वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक अदिति फडणीस ने राहुल गांधी के आरोपों को गंभीर बताते हुए कहा, “ये चुनाव आयोग की एक तरह से घेराबंदी है. चुनाव आयोग आरोपों को नहीं मान रहा है. उसकी परीक्षा है कि ऐसे आरोपों से कैसे डील किया जाए.”
उन्होंने बीबीसी से कहा, “पहली बार चुनाव आयोग जैसी निष्पक्ष संस्था पर किसी ने इस तरह के गंभीर आरोप लगाए हैं कि उसने होलसेल बेइमानी की है, जिससे कई वोटरों के हाथों में जो हथियार है वह कुंद हुआ है. यह एक गंभीर आरोप है. चुनाव आयोग ने उनसे हलफ़नामा मांगा है तो मेरे ख्याल से यह तर्कसंगत है. क्योंकि राहुल गांधी के पास कुछ न कुछ सबूत तो होगा, अनजाने में तो वो आरोप नहीं लगा रहे होंगे.”
राहुल गांधी के आरोपों की टाइमिंग पर अदिति फडणीस ने कहा कि बिहार में विशेष मतदाता पुनरीक्षण अभियान यानी एसआईआर पर हंगामा जारी है. विपक्ष इसे राजनीतिक मुद्दा बना रहा है.
उन्होंने कहा कि ‘राहुल गांधी के आरोपों से बिहार, पश्चिम बंगाल और असम के विधानसभा चुनावों में यह राजनीतिक मुद्दा बनेगा.’
बीजेपी ने क्या कहा?
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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र चुनाव में वोट चोरी को लेकर राहुल गांधी के दावे को ख़ारिज कर दिया.
उन्होंने कहा, “राहुल गांधी लगातार झूठ बोल रहे हैं और ग़लत बयानबाज़ी कर रहे हैं. उन्होंने पिछली बार कहा कि महाराष्ट्र में 75 लाख वोट बढ़े और अब कहा कि एक करोड़ वोट बढ़े. वे झूठ बोलकर अपनी हार को दबाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्हें पता है कि उनकी पार्टी का वजूद खो चुका है. मैं इसका विरोध करता हूं. जनता अगले चुनाव में इन्हें सबक सिखाएगी.”
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, “महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में आप हारे. लोकसभा में आपने और भी ज़्यादा सीटें गंवाई. एनडीए ने अच्छा प्रदर्शन किया. कर्नाटक में विधानसभा में नतीजे आपके पक्ष में आए लेकिन लोकसभा में नहीं. महाराष्ट्र में न विधानसभा और न लोकसभा में आपकी जीत हुई. तो आप देश और दुनिया के सामने क्या दिखाना चाह रहे हैं?”
“तर्क और बुद्धि भी कोई चीज़ होती है. क्या आप दुनिया को यह बताना चाह रहे हैं कि भारत में चुनाव सही तरीके से नहीं होते? राहुल गांधी विदेश जाकर भारत की संस्थाओं को बदनाम करते हैं. अगर चुनाव में गड़बड़ी होती है, तो आपके उम्मीदवार झारखंड में कैसे जीते? जम्मू-कश्मीर में आपकी जीत कैसे हुई?”
बीजेपी सांसद संबित पात्रा ने कहा, “आज राहुल गांधी ने एक प्रेस वार्ता की और उन्होंने मतदाता सूची पर भी बात की. राहुल गांधी कोई पहली बार संवैधानिक संस्था पर हमला नहीं कर रहे हैं। मगर जिन राज्यों में इनकी जीत होती है, राहुल गांधी उन राज्यों की वोटर लिस्ट को हमारे समक्ष पेश क्यों नहीं करते हैं?”
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित