हैदराबाद: तेलंगाना ड्रग्स कंट्रोल प्रशासन ने 1.33 करोड़ रुपये की नकली एंटीबायोटिक दवाइंया जब्त की हैं। ये दवाइयां रूस भेजी जानी थीं। दूसरी कंपनियों की बनाई दवाइयों को अपनी कंपनी के नाम से बेचकर निर्यात करने की कोशिश की जा रही थी। बुधवार को खूफिया जानकारी मिलने पर तेलंगाना ड्रग्स कंट्रोल एडमिनिस्ट्रेशन (DCA) ने सिद्दीपेट जिले के करकपटला बायोटेक पार्क में एक कंपनी पर छापा मारा। यहां से भारी मात्रा में एंटीबायोटिक दवाइयां ज़ब्त की गईं। गैरकानूनी तरीके से दवाइयों की पैकिंग भी की जा रही थी।
डीसीए के अधिकारियों ने बताया कि उन्हें गुप्ता सूचना मिली थी। इसके आधार पर 26 नवंबर को करकपटला स्थित इस कंपनी के गोदाम पर छापा मारा गया। यहां भारी मात्रा में एंटीबायोटिक दवाइयां मिलीं। यह ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940 का उल्लंघन है। जांच में पता चला कि एम्पीसिलीन सल्बैक्टम 1000 मिलीग्राम, 500 मिलीग्राम इंजेक्शन के 38,175 वायल पर गलत लेबल लगा था। लेबल पर लिखा था कि ये दवाइयां जोडास एक्सपोइम प्राइवेट लिमिटेड, इंडिया, अल्पा लैबोरेटरीज लिमिटेड, इंदौर, मध्य प्रदेश ने बनाई हैं। लेकिन असल में ये दवाइयां मेडचल-मल्काजगिरी जिले, तेलंगाना की एक दूसरी कंपनी ने बनाई थीं। इन दवाइयों को झूठे दावों के साथ रूस भेजा जा रहा था।
पहले भी भेजी जा चुकी था दवाइयां
अधिकारियों ने पाया कि अक्टूबर और नवंबर 2024 में कुछ और एंटीबायोटिक दवाइयां भी रूस भेजी गई थीं। इनमें एमोक्सिसिलिन 1000 मिलीग्राम क्लैवुलैनिक एसिड 200 मिलीग्राम, एम्पीसिलीन सल्बैक्टम 2000 मिलीग्राम 1000 मिलीग्राम, और मेरोपेनम 500 मिलीग्राम थी। ये दवाइयां भी दूसरी कंपनियों ने बनाई थीं, लेकिन इन्हें इस कंपनी के नाम से निर्यात किया गया था।
डीसीए के अधिकारियों ने बताया कि उन्हें गुप्ता सूचना मिली थी। इसके आधार पर 26 नवंबर को करकपटला स्थित इस कंपनी के गोदाम पर छापा मारा गया। यहां भारी मात्रा में एंटीबायोटिक दवाइयां मिलीं। यह ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940 का उल्लंघन है। जांच में पता चला कि एम्पीसिलीन सल्बैक्टम 1000 मिलीग्राम, 500 मिलीग्राम इंजेक्शन के 38,175 वायल पर गलत लेबल लगा था। लेबल पर लिखा था कि ये दवाइयां जोडास एक्सपोइम प्राइवेट लिमिटेड, इंडिया, अल्पा लैबोरेटरीज लिमिटेड, इंदौर, मध्य प्रदेश ने बनाई हैं। लेकिन असल में ये दवाइयां मेडचल-मल्काजगिरी जिले, तेलंगाना की एक दूसरी कंपनी ने बनाई थीं। इन दवाइयों को झूठे दावों के साथ रूस भेजा जा रहा था।
पहले भी भेजी जा चुकी था दवाइयां
अधिकारियों ने पाया कि अक्टूबर और नवंबर 2024 में कुछ और एंटीबायोटिक दवाइयां भी रूस भेजी गई थीं। इनमें एमोक्सिसिलिन 1000 मिलीग्राम क्लैवुलैनिक एसिड 200 मिलीग्राम, एम्पीसिलीन सल्बैक्टम 2000 मिलीग्राम 1000 मिलीग्राम, और मेरोपेनम 500 मिलीग्राम थी। ये दवाइयां भी दूसरी कंपनियों ने बनाई थीं, लेकिन इन्हें इस कंपनी के नाम से निर्यात किया गया था।
1.33 करोड़ की दवाइयां जब्त
छापेमारी के दौरान 1.33 करोड़ रुपये की एंटीबायोटिक दवाइयां जब्त की गई। डीसीए अधिकारियों ने जांच के लिए नमूने लिए हैं। अधिकारियों का कहना है कि आगे की जांच की जा रही है और सभी दोषियों के खिलाफ़ क़ानून के मुताबिक कार्रवाई होगी।