इमेज स्रोत, Shama Mohamed/X
कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता शमा मोहम्मद भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा पर टिप्पणी करने के बाद से चर्चा में हैं.
शमा मोहम्मद ने जहां अपनी टिप्पणी का बचाव किया है वहीं बीजेपी उन पर निशाना साध रही है. कांग्रेस ने भी शमा मोहम्मद की टिप्पणी से किनारा कर लिया है.
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के सचिव देवजीत सैकिया ने रोहित शर्मा पर शमा मोहम्मद की टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है.
इस विवाद के बीच शमा मोहम्मद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किए गए अपने पोस्ट भी हटा लिए हैं.
इमेज स्रोत, Getty Images
शमा मोहम्मद ने रविवार को भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा को ‘अनफिट’ बताते हुए उन्हें वज़न कम करने की सलाह दी थी. उन्होंने पोस्ट में रोहित शर्मा को टैग भी किया था.
उन्होंने ये भी कहा था कि भारत ने जितने भी कप्तान दिए हैं, उनमें वो सबसे कम प्रभावशाली कप्तान हैं.
यही नहीं, शमा मोहम्मद ने रोहित शर्मा की भारत के सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, महेंद्र सिंह धोनी, विराट कोहली, कपिल देव और रवि शास्त्री जैसे खिलाड़ियों से तुलना करते हुए कहा कि रोहित शर्मा में ऐसा क्या वर्ल्ड क्लास है, इन खिलाड़ियों की तुलना में.
शमा मोहम्मद ने कहा कि रोहित शर्मा औसत दर्जे के कप्तान और औसत दर्जे के खिलाड़ी हैं जो क़िस्मत की वजह से कप्तान बन गए हैं.
हालांकि, आलोचना के बाद उन्होंने अपना ट्वीट हटा लिया.
कांग्रेस ने अपनी प्रवक्ता शमा मोहम्मद के इस बयान से किनारा कर लिया है.
भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा पर की गई टिप्पणी के बाद कांग्रेस नेता शमा मोहम्मद ने सफाई दी है और कहा कि उन्होंने खिलाड़ियों के सामान्य फ़िटनेस पर कमेंट किया था.
उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, “यह एक खिलाड़ी की फ़िटनेस के बारे में एक सामान्य ट्वीट था. यह किसी को शर्मिंदा करने के लिए नहींं था, यह फ़िटनेस के बारे में था. मैं हमेशा मानती हूं कि एक खिलाड़ी को फ़िट होना चाहिए और मुझे लगा कि उनका वज़न थोड़ा ज़्यादा हो गया है.”
शमा मोहम्मद ने कहा, “मुझे बिना किसी वजह के निशाना बनाया जा रहा है. हम लोकतंत्र में रह रहे हैं, अपनी राय रखने में ग़लत क्या है?”
रोहित शर्मा पर शमा की टिप्पणी के बाद कई लोगों ने उनके ख़िलाफ़ प्रतिक्रिया दी है. बीजेपी ने इस मामले पर कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा है.
प्रदीप भंडारी ने कहा, “ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस पार्टी अब भारतीय क्रिकेट कप्तान के पीछे पड़ी है, वो कप्तान जिसने एक वर्ल्ड कप दिलाया हो. ये कांग्रेस की मानसिकता को दर्शाता है जो कांग्रेस का इमरजेंसी माइंडसेट है.”
उन्होंने कहा, “ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे कप्तान (रोहित शर्मा) पर ऐसी टिप्पणी ऐसे व्यक्ति ने की है जो ज़िम्मेदार पद हैं. ये टिप्पणी ऐसे समय पर की गई है जब टीम इंडिया आईसीसी टूर्नामेंट खेल रही है और सेमी-फ़ाइनल खेलने के लिए तैयार है.”
वहीं, टीएमसी के एक नेता सौगत रॉय का बयान भी इस पर आया है.
सौगत रॉय ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, “रोहित शर्मा के बारे में जो बोला है, मैं उससे सहमत हूं. एक राजनेता नहीं बल्कि एक क्रिकेट दर्शक के रूप में मेरी राय है कि रोहित शर्मा को कब तक छूट दी जाएगी. एक बार एक शतक लगाया था, दो साल में, नहीं तो दो, पांच, दस बीस में आऊट हो जाता है. उसे ना टीम में जगह मिलनी चाहिए ना कप्तान बने रहना चाहिए. कांग्रेस की नेता ने जो बोला है सही बोला है. वो ध्यान नहीं देता है, ये सिर्फ़ विज्ञापन में मॉडल बनते हैं, खेल में मॉडल नहीं बनते हैं.”
दक्षिण भारतीय राज्य केरल में पैदा हुईं 52 वर्षीय डॉ. शमा मोहम्मद ने कुवैत में इंडियन स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा ली. उन्होंने मंगलुरू की येनेपोया यूनिवर्सिटी से डेंटिस्ट की डिग्री ली थी.
पेशे से डेंटिस्ट शमा मोहम्मद 2015 में कांग्रेस में शामिल होने से पहले कुछ समय के लिए पत्रकार भी रहीं.
वे पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता और ऑल इंडिया कांग्रेस समिति (एआईसीसी) की सदस्य हैं.
इसके अलावा वो महिलाओं के लिए शिक्षा और सुरक्षा जैसे सामाजिक मुद्दे भी उठाती रही हैं.
ये पहली बार नहीं हैं जब शमा मोहम्मद सोशल मीडिया पर अपने ट्वीट को लेकर विवादों में आई हैं.
इससे पहले साल 2021 में शमा मोहम्मद ने एक मुसलमान बुज़ुर्ग पर कथित हमले का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया था. तब ग़ाज़ियाबाद पुलिस ने शमा मोहम्मद समेत कई पत्रकारों पर इसे लेकर एफ़आईआर दर्ज की थी.
इस मामले में ग़ाज़ियाबाद पुलिस ने बताया था कि बुज़ुर्ग पर हमला करन वालों में हिंदू और मुसलमान दोनों शामिल थे और इसका कारण व्यक्तिगत विवाद था, ना कि ये हमला धर्म से प्रेरित होकर किया गया था.
फ़रवरी 2021 में शमा मोहम्मद ने कांग्रेस के भीतर पुरुष वर्चस्ववाद का मुद्दा उठाया था और पार्टी नेतृत्व में महिलाओं की भूमिका बढ़ाने की मांग की थी.
वहीं, साल 2024 में उन्होंने बीजेपी के संजू वर्मा पर मानहानि का मुक़दमा भी दर्ज करवाया था.
अगस्त 2024 में एक निजी टीवी चैनल की कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई एक महिला डॉक्टर की रेप के बाद हत्या के मुद्दे पर चर्चा के दौरान संजू वर्मा ने शमा मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी की थी.
इस बहस के वीडियो को यूट्यूब पर अपलोड किया गया था. शमा मोहम्मद की मानहानि याचिका पर आदेश देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने न्यूज़ चैनल से इस वीडियो को हटाने और संजू वर्मा को शमा मोहम्मद से माफ़ी मांगने का आदेश दिया था. अदालत ने कई ट्वीट डिलीट करने का आदेश भी दिया था.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित