केरल के शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी ने बुधवार को लक्षद्वीप प्रशासन द्वारा केंद्र शासित प्रदेश के स्कूल पाठ्यक्रम से अरबी और महल भाषाओं को हटाने के निर्णय की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने इसे गंभीर मुद्दा बताया। उन्होंने कहा कि यह एनईपी को लागू करने की आड़ में उठाया गया कदम है। यह केंद्र सरकार की मातृभाषाओं और क्षेत्रीय विविधता को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता के स्पष्ट विपरीत है।
पीटीआई, तिरुअनंतपुरम। केरल के शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी ने बुधवार को लक्षद्वीप प्रशासन द्वारा केंद्र शासित प्रदेश के स्कूल पाठ्यक्रम से अरबी और महल भाषाओं को हटाने के निर्णय की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने इसे गंभीर मुद्दा बताया।
केरल के शिक्षा मंत्री ने कही ये बात
उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को लागू करने की आड़ में उठाया गया कदम है। यह केंद्र सरकार की मातृभाषाओं और क्षेत्रीय विविधता को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता के स्पष्ट विपरीत है।
शिवनकुट्टी ने कहा कि लक्षद्वीप के बच्चों को अपनी भाषा सीखने का अवसर देने से इन्कार करके केंद्र भाषाई अल्पसंख्यकों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन कर रहा है। इस प्रकार का कदम हमारे देश की पहचान और समावेशिता को कमजोर कर रहा है। यह कदम गंभीर रूप से परेशान करने वाला है।
भाषा केवल संचार का माध्यम नहीं है
शिवनकुट्टी ने कहा कि भाषा केवल संचार का माध्यम नहीं है। यह पहचान, इतिहास और संस्कृति का वाहक है। शिक्षा नीति के माध्यम से मातृभाषाओं को व्यवस्थित रूप से खत्म करना हमारे समाज की सांस्कृतिक संरचना पर हमले के समान है।