फर्स्ट एसी कोच के चारों टॉइलट में हाथ धुलने के इंतजाम पर्याप्त नहीं थे। अंदर रखे डिब्बे में हैंडवॉश तक नहीं था। पूछने पर अटेंडेंट ने बताया कि अभी भरा जाना है। वहीं, दो टॉइलट से पंखे गायब होने के साथ ही तार भी लटक रहे थे।
अब भी पुराने कोच
ट्रेनों में लिंक-हॉफमैन-बुश (एलएचबी) कोच लग रहे हैं, लेकिन चंडीगढ़-लखनऊ एक्सप्रेस में पुराना कोच ही चल रहा है। फर्स्ट एसी कोच में लगे पंखे इसकी पुष्टि करते मिले। यात्रियों के अनुसार कई बार पंखे नहीं चलते हैं।
चादर भी गंदी
ट्रेनों के अंदर गंदी चादरों की शिकायतें लगातार आती हैं। लखनऊ-चंडीगढ़ एक्सप्रेस के फर्स्ट एसी कोच में भी खामी नजर आई। चादरों को फर्श पर डाल दिया गया था। अटेंडेंट का कहना था कि जल्दबाजी में डाल दिया गया है, उठाकर सीटों पर रखा जाएगा।
बदलेगा कोच
ट्रेन उत्तर रेलवे के अंबाला डिविजन की है। पूरा स्टॉफ भी वहीं का रहता है। अधिकारियों के अनुसार सभी ट्रेनों की तरह इसके कोच भी जल्द बदले जाएंगे। हालांकि यह निर्णय अंबाला डिविजन ही लेगा।