इमेज स्रोत, Santosh Kumar/Hindustan Times via Getty Images
विधानसभा चुनाव में आरजेडी (राष्ट्रीय जनता दल) ख़ुद को मिली करारी हार से उबर भी नहीं पाई थी कि पार्टी की फ़र्स्ट फ़ैमिली (लालू परिवार) में कलह की ख़बरें आने लगीं.
ऐसा लग रहा है कि इस परिवार में ‘तेजस्वी बनाम सभी’ की स्थिति बन गई है.
लालू प्रसाद यादव को किडनी देकर सुर्ख़ियों में आईं रोहिणी आचार्य ने राजनीति और परिवार छोड़ने की घोषणा की है.
उन्होंने आरोप लगाया कि उनके साथ परिवार में ख़राब व्यवहार किया गया.
रोहिणी आचार्य ने आरोप लगाया, “मेरा कोई परिवार नहीं है. अब आप जाकर तेजस्वी, संजय और रमीज़ से पूछिए कि पार्टी का ऐसा हाल क्यों हुआ? मुझे मारने के लिए चप्पल उठाई गई और गंदी-गंदी गालियां दी गईं.”
रोहिणी के इस बयान ने 18वीं विधानसभा यानी नई सरकार के गठन में व्यस्त बिहार में ख़बरों का एक दूसरा मोर्चा खोल दिया है.
वैसे इस साल ये पहला मौक़ा नहीं है, जब लालू-राबड़ी परिवार से किसी ने अपनी नाराज़गी सार्वजनिक तौर पर ज़ाहिर की हो.
कुछ ही महीने पहले तेज प्रताप यादव को आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित किया था और परिवार से भी बेदखल कर दिया था.
लालू प्रसाद यादव का परिवार पहले भी विवादों में रहा है. साल 2019 में बहू ऐश्वर्या राय के साथ बदसलूकी के आरोप लगे थे. आरजेडी शासनकाल में साधु और सुभाष यादव के चलते भी लालू परिवार के भीतर उठापटक की ख़बरें आती थीं.
रिज़ल्ट आने के बाद विवाद
इमेज स्रोत, ANI
रोहिणी आचार्य ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “रोहिणी जो बोलती है, सच बोलती है. जिसको मेरी बात ख़ारिज करनी हो वो मेरे सामने आकर करे. मेरे माता-पिता रो रहे थे. मेरी बहनें रो रही थीं. भगवान ने मुझे यह सौभाग्य दिया कि मुझे इस तरह के माता-पिता मिले.”
“उन्होंने मेरा हमेशा साथ दिया. भगवान ना करे कि किसी के घर में रोहिणी जैसी बहन-बेटी हो. बेटी सारा बलिदान करे और जब वो सवाल पूछे तो कहा जाएगा कि ससुराल में जाओ, तुम्हारी शादी हो गई है.”

रोहिणी ने एक्स पर भी लिखा, “मुझसे कहा गया कि मैं गंदी हूं, मेरी किडनी गंदी है. मैंने करोड़ों रुपए लिए, टिकट लिया, तब लगवाई गंदी किडनी.”
अभी तक इस मामले में लालू परिवार के किसी अन्य सदस्य, राज्यसभा सांसद संजय यादव, रमीज़ (जिनका नाम रोहिणी ले रही हैं) की तरफ़ से कोई टिप्पणी नहीं आई है.
लेकिन पार्टी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने इस पर सधी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है, “ये पारिवारिक मामला है जिस पर परिवार के सदस्य बात करेंगे.”
संजय यादव से नाराज़ रोहिणी आचार्य और तेज प्रताप
इमेज स्रोत, ANI
वैसे ये पहली बार नहीं है, जब रोहिणी आचार्य संजय यादव को लेकर नाराज़ हुई हों. चुनाव से पहले बिहार अधिकार यात्रा के दौरान भी बस की फ्रंट सीट यानी तेजस्वी यादव की जगह संजय यादव बैठ गए थे. जिसे लेकर भी रोहिणी ने अपना विरोध दर्ज़ कराया था.
तेज प्रताप यादव भी संजय यादव को लेकर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर करते रहते हैं.
इस घटना के बाद तेज प्रताप यादव ने रोहिणी के समर्थन में कहा, “मेरे साथ हुए अपमान को मैं सह गया लेकिन बहन के साथ अपमान किसी भी परिस्थिति में असहनीय है. चंद चेहरों ने तेजस्वी की बुद्धि पर पर्दा डाल दिया है.”
कुछ महीने पहले तेज प्रताप यादव को भी एक सोशल मीडिया पोस्ट के चलते पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था. इस पोस्ट में तेज प्रताप अपनी एक महिला मित्र के साथ थे.
पार्टी से निष्कासन के बाद कुछ दिनों तक तेज प्रताप यादव ने पार्टी और परिवार के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की. लेकिन बाद में उनके बयानों में पार्टी और तेजस्वी के प्रति तल्खी बढ़ती गई.
चुनाव से पहले उन्होंने जनशक्ति जनता दल नाम की पार्टी बनाई और 43 सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे.
तेज प्रताप ख़ुद भी महुआ विधानसभा से चुनाव हारे और उनकी पार्टी खाता भी नहीं खोल सकी. अब तेज प्रताप एनडीए को ‘जनशक्ति जनता दल’ का नैतिक समर्थन देने की घोषणा कर चुके हैं.

2019 में जब ऐश्वर्या राय रोते हुए राबड़ी आवास से निकलीं
सितंबर 2019 में लालू प्रसाद यादव की बड़ी बहू ऐश्वर्या राय राबड़ी आवास से रोते हुए निकली थीं.
ऐश्वर्या राय और तेज प्रताप यादव का तलाक़ का केस अभी अदालत में विचाराधीन है.
उस वक़्त ऐश्वर्या राय ने राबड़ी देवी और परिवार के अन्य सदस्यों पर बदसलूकी का आरोप लगाया था.
हालांकि, बाद में सुलह हुई तो ऐश्वर्या राय फिर से राबड़ी आवास वापस लौटी थीं. लेकिन ये सुलह ज़्यादा दिन नहीं चल सकी.
कभी साधु-सुभाष के चलते विवादों में था परिवार
आरजेडी का शासनकाल राबड़ी देवी के भाइयों साधु और सुभाष यादव के चलते भी विवाद में रहा है.
वरिष्ठ पत्रकार महेश सिन्हा जो वार्ता (यूएनआई की हिन्दी सर्विस) के पटना ब्यूरो थे, वो बीबीसी न्यूज़ हिन्दी से बताते हैं, “लालू यादव के जेल जाने और राबड़ी के शासन संभालने के बाद साधु-सुभाष काफ़ी शक्तिशाली हो गए थे.”
राबड़ी देवी का रुख़ उस वक़्त क्या था, इसका उल्लेख नीलम नीलकमल की किताब ‘लालू प्रसाद यादव : अ कैरिस्मैटिक लीडर’ में मिलता है.
नीलम नीलकमल, जनता दल की मुज़फ़्फ़रपुर की महिला विंग की अध्यक्ष थीं.
उन्होंने लिखा हैं, “एक बार लालू यादव ने एक राष्ट्रीय अख़बार में बयान दिया था- राबड़ी देवी रूसल बाड़ी, मांगत बानी बैंगन की सब्जी, भेजत बाड़ी टोमैटो की चटनी. (राबड़ी देवी नाराज हैं, मैं बैंगन की सब्जी मांग रहा और वो टमाटर की चटनी भेज रहीं.) राबड़ी देवी लालू यादव से नाराज़ थीं क्योंकि राबड़ी अपने भाई साधु यादव के लिए विधानसभा का टिकट चाहती थीं.”
साल 2015 में लालू प्रसाद यादव के दोनों बेटे तेज प्रताप और तेजस्वी यादव पहली बार विधायक बने.
उस वक़्त तेजस्वी यादव के क़रीबी मणि यादव और संजय यादव थे. मणि यादव साल 2017 आते-आते बेअसर हो गए लेकिन संजय यादव ताक़तवर होते गए.
उन पर पार्टी के सोशल मीडिया सेल की ज़िम्मेदारी थी. इस ज़िम्मेदारी ने संजय यादव का कद बढ़ाया.
तेजस्वी को जब लालू प्रसाद यादव ने अपना उत्तराधिकारी घोषित किया तो पार्टी कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ नेताओं को ये अपेक्षा थी कि तेजस्वी अपने पिता लालू प्रसाद यादव की तरह ही संपर्क रखेंगे.
लेकिन कई कार्यकर्ता कहते हैं कि तेजस्वी ने ख़ुद के चारों तरफ़ अपने ख़ास सलाहकारों का घेरा बना लिया, जिसमें संजय यादव अहम हैं.
इमेज स्रोत, ANI
आरजेडी के एक वरिष्ठ नेता नाम नहीं छापने की शर्त पर बताते हैं, “लालू यादव ने पार्टी बहुत संघर्ष से बनाई थी, लेकिन अभी जो तेजस्वी के सलाहकार हैं वो पार्टी के शुभचिंतक नहीं हैं.”
साधु यादव ने नेटवर्क18 से रोहिणी यादव घटनाक्रम के बाद कहा, “प्लानिंग करके हम लोगों को परिवार में साइड किया गया ताकि लालू को कमज़ोर किया जा सके.”
लालू यादव का परिवार
इमेज स्रोत, ANI
लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी की शादी 1973 में हुई थी. इनके नौ बच्चे हैं, सात बेटियां और दो बेटे.
सबसे बड़ी बेटी मीसा भारती हैं, जिन्होंने एमबीबीएस की पढ़ाई की है. वो फ़िलहाल पाटलिपुत्र से सांसद हैं.
मीसा की शादी शैलेश कुमार से हुई है. लालू यादव जब मीसा (मेंटेनेंस ऑफ इंटरनल सिक्योरिटी एक्ट) के तहत गिरफ़्तार हुए थे, तब मीसा भारती का जन्म हुआ था और इसी वजह से उनका नाम मीसा रखा गया.
मीसा भारती के बाद रोहिणी आचार्य का जन्म हुआ. उसके बाद चंदा सिंह, जिनकी शादी पेशे से पायलट विक्रम सिंह से हुई है. चंदा के बाद रागिनी यादव, हेमा यादव, अनुष्का राव का जन्म हुआ.
छह बेटियों के जन्म के बाद तेज प्रताप यादव और तेजस्वी का जन्म हुआ. उसके बाद सबसे छोटी औलाद राजलक्ष्मी यादव का जन्म हुआ.
इनमें तेजस्वी, तेज प्रताप, मीसा भारती और रोहिणी आचार्य राजनीति में सक्रिय हैं. वहीं रागिनी यादव, अनुष्का राव और राजलक्ष्मी यादव की शादी राजनीतिक परिवारों में हुई है.
निशाने पर परिवार
रोहिणी यादव के परिवार से निकलने के बाद एनडीए के सभी दलों की प्रतिक्रियाएं आई हैं.
जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, “लालू यादव नज़रबंद हैं, इसलिए रोहिणी प्रकरण पर कुछ बोल नहीं रहे हैं. रोहिणी के साथ भाषाई हिंसा हुई है और लालू यादव को अपनी बेटी को न्याय देने की फुर्सत नहीं है.”
वहीं बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा, “लालू परिवार के बीच चल रही उठापटक किसी से छिपी नहीं है. आरजेडी की हार का असली कारण कोई बाहरी चुनौती नहीं बल्कि तेजस्वी की नाकाम नेतृत्व क्षमता है.”
लालू यादव के क़रीबी और आरजेडी में रहे शिवानंद तिवारी भी तेजस्वी पर आक्रामक हैं.
उन्होंने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा, “राजनीति लालू यादव और उनके परिवार के लिए व्यापार है. तेजस्वी सपनों की दुनिया में मुख्यमंत्री की शपथ ले रहे थे.”
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.