इसराइल और हमास के बीच संघर्ष विराम और बंधकों की रिहाई को लेकर अप्रत्यक्ष बातचीत शुरू होने पर ग़ज़ा में फ़लस्तीनी गुट हमास ने एक इसराइली बंधक की वीडियो जारी किया है.
इसराइल और हमास के बीच क़तर में एक बार फिर से बातचीत शुरू हो गई है. इस बीच हमास ने 19 साल की इसराइली बंधक लिरी अलबाग़ का एक वीडियो जारी किया है, जिसमें लिरी समझौते तक पहुंचने के लिए इसराइली सरकार से गुहार लगाती हैं.
हमास ने अक्टूबर 2023 के हमले में ग़ज़ा की सीमा के पास नाहाल ओज़ आर्मी बेस से छ अन्य कॉन्स्क्रिप्ट महिला सैनिकों के साथ लिरी को भी कब्ज़े में ले लिया था. इनमें से पांच अभी भी हमास के कब्ज़े में हैं.
एक बार फिर संघर्ष विराम को लेकर बातचीत शुरू करने का ऐलान ऐसे वक्त किया गया है कि जब इसराइल ने ग़ज़ा पट्टी पर हमले बढ़ा दिए हैं.
ग़ज़ा पर तेज़ होते हमले
रविवार को ग़ज़ा में संचालित स्वास्थ्य एजेंसी का कहना है कि बीते 24 घंटों में हुए हमलों में 88 लोगों की जान गई है.
ग़ज़ा सिविल डिफेंस एजेंसी के अनुसार शनिवार को ग़ज़ा में एक घर पर हमला हुआ था जिसमें सात बच्चों समेत 11 लोगों की मौत हुई थी.
इस जगह से मिली तस्वीरों में देखा गया कि लोग मलबे में जीवित बचे लोगों की और अपनों के शवों की तलाश कर रहे हैं.
इस इलाक़े में रहने वाले अहमद मुस्सा ने समाचार एजेंसी एएफ़पी को बताया, “एक बड़े धमाके की वजह से हमारी नींद खुली. हमारे आसपास सब कुछ हिल रहा था.”
वो कहते हैं, “यहां महिलाएं और बच्चे रहते थे. यहां कोई ऐसा नहीं था जिसकी उन्हें तलाश थी या जो किसी तरह का जोखिम बन सकता था.”
इधर रविवार को इसराइली सेना ने कहा है कि उसने बीते दो दिनों में ग़ज़ा पट्टी पर 100 से अधिक “आतंकी ठिकानों” पर हमला किया है और “हमास के दर्जनों आतंकियों को ख़त्म कर दिया है.”
लिरी अलीबाग़ के वीडियो पर प्रतिक्रिया
लिरी अलीबाग़ का वीडियो उनके माता-पिता ने देखा है. उन्होंने कहा कि ये वीडियो देखकर उनका दिल छलनी-छलनी हो गया है.
उन्होंने प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू से अपील की है कि “वो ये सोचकर फ़ैसले लें कि गज़ा में उनके ख़ुद के बच्चे हैं.”
इसराइल में बंधक परिवारों का प्रतिनिधित्व करने वाले बंधकों और लापता परिवारों के फ़ोरम ने कहा है कि लिरी के जीवित होने का ये वीडियो “सभी बंधकों को घर वापस लाने की तत्परता का कठोर और निर्विवाद सबूत है.”
वहीं लिरी अलबाग़ के माता-पिता से फ़ोन पर बात करते हुए इसराइल के राष्ट्रपति आइज़ैक हरज़ोग ने कहा है कि देश का प्रतिनिधिमंडल तब तक बातचीत की मेज़ पर बना रहेगा जब तक सभी बंधकों को वापस घर नहीं लाया जाता.
इसराइली अधिकारी इससे पहले कहते रहे हैं कि इस तरह के वीडियो जारी कर हमास एक तरह का मनोवैज्ञानिक युद्ध छेड़ रहा है.
बीते महीने एक वरिष्ठ फ़लस्तीनी अधिकारी ने बीबीसी से कहा था कि बंधकों की रिहाई और संघर्ष विराम को लेकर बातचीत लगभग ख़त्म हो चुकी है, लेकिन कुछ मुख्य बिंदुओं को सुलझाना बाक़ी है.
रविवार को इसराइली सेना ने कहा कि उसने यमन की तरफ से दाग़ी गई एक मिसाइल को नष्ट किया है. हाल के दिनों में ये ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के ताज़ा हमले हैं.
वहीं हूती विद्रोहियों का कहना था कि उन्होंने इसराइल के शहर हाइफ़ा में एक पावर स्टेशन को निशाना बनाते हुए “हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल” दाग़ी थी. इस समूह का कहना है कि उसने ग़ज़ा में इसराइली सैन्य कार्रवाई के जवाब में लाल सागर में जहाज़ों को निशाना बनाना शुरू किया और इसराइल पर भी हमले किए.
युद्ध और ग़ज़ा की स्थिति
सात अक्टूबर 2023 को हमास के इसराइल के दक्षिणी हिस्से पर हमला करने के बाद इसराइल और हमास के बीच युद्ध शुरू हुआ है. इस हमले में 1,200 लोग मारे गए थे और 251 लोगों को हमास के लड़ाके अपने साथ बंधक बनाकर ले गए थे.
इसके बाद इसराइल ने हमास के ख़िलाफ़ अभियान छेड़ दिया और ग़ज़ा पर ज़मीन और वायु मार्ग से हमले किए. ग़ज़ा में संचालित स्वास्थ्य एजेंसी के अनुसार इन हमलों में अब तक 45,800 लोगों की मौत हुई है और लाखों घायल हुए हैं.
शनिवार को ग़ज़ा में काम कर रही स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा कि उत्तरी ग़ज़ा में सभी तीन सरकारी अस्पतालों ने काम करना पूरी तरह से बंद कर दिया है और इसराइली सेना ने उन्हें “नष्ट” कर दिया है.
इसराइली सेना ने अक्टूबर से ही उत्तरी ग़ज़ा के कुछ हिस्सों पर नाकेबंदी कर रखी है. एक अनुमान के अनुसार यहां 10,000 से 15,000 लोग रहते हैं और इसराइली सेना ने इस इलाक़े के लिए मानवीय मदद पहुंचाने की कोशिशों को बेहद सीमित कर दिया है. संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि इस इलाक़े की “लगभग पूर्ण घेराबंदी” की गई है.
बीते महीने के आख़िर में इसराइली सेना ने बेत लाहिया स्थित कमाल अदवान अस्पताल से मरीज़ों और स्वास्थ्यकर्मियों को जबरन बाहर निकाला था. उसका आरोप था कि ये अस्पताल “हमास आतंकियों का गढ़” है. उसने अस्पताल के निदेशक हुसैन अबू सफ़िया को गिरफ्तार कर लिया था.
इसराइली सेना का कहना था कि उसने कुछ मेडिकल स्टाफ़ और मरीज़ों को पास के इंडोनेशियन अस्पताल में ट्रांसफर करने में मदद की है. लेकिन ग़ज़ा में संचालित स्वास्थ्य एजेंसी ने शनिवार को कहा कि बेत हनून के अन्य अस्पतालों की तरह इस अस्पताल में भी कामकाज बंद हो चुका है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रॉस अडहॉनम गीब्रिएसुस ने एक बार फिर कहा है कि अस्पतालों और स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले बंद किए जाएं. उन्होंने कहा कि “ग़ज़ा में स्वास्थ्य सेवा तक लोगों की पहुंच ज़रूरी है.”
वहीं इसराइल का कहना है उसकी सेना अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों के दायरे में रह कर काम कर रही है और नागरिकों को निशाना नहीं बना रही.
शनिवार को अमेरिका के जो बाइडन प्रशासन ने कहा था कि वो इसराइल को आठ अरब डॉलर के हथियार बेचने की योजना बना रहा है. इसमें मिसाइलें, गोले और अन्य युद्ध सामग्री शामिल है. हालांकि अभी इसे अमेरिकी सदन और सीनेट समितियों की मंजूरी नहीं मिली है.
बाइडन का ये कदम ऐसे वक्त आया है, जब वो दो सप्ताह बाद राष्ट्रपति पद की कमान डोनाल्ड ट्रंप को सौंपने वाले हैं.
संघर्ष विराम तक पहुंचने और इसराइल को दी जा रही सैन्य मदद रोकने के लिए अमेरिका पर बार-बार दबाव पड़ता रहा है, हालांकि अमेरिका ने इसे बार-बार खारिज किया है.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित