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वंदे भारत से भी तेज दौड़ने वाली ये ट्रेन, अश्विनी वैष्णव ने बताया क्या है हाई स्पीड रेल का पूरा प्लान

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Nov 27, 2024


लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में वैष्णव ने कहा कि मेक इन इंडिया पहल के तहत वंदे भारत ट्रेनों की सफलता के बाद भारतीय रेलवे (आईआर) ने अब हाई-स्पीड ट्रेन सेट का डिजाइन और निर्माण शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि विस्तृत डिजाइन को अंतिम रूप दिए जाने के बाद परियोजना के पूरा होने का उचित अनुमान लगाया जा सकता है।

पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को संसद को बताया कि इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (चेन्नई), बीईएमएल के साथ मिलकर हाई-स्पीड ट्रेन सेट का डिजाइन और निर्माण कर रही है। इस ट्रेन की स्पीड 280 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। वंदे भारत ट्रेनों की सफलता के बाद अब हाई-स्पीड ट्रेन सेट का डिजाइन और निर्माण शुरू कर दिया गया है।

हाई-स्पीड ट्रेन सेटों का डिजाइन

उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों सुधीर गुप्ता और अनंत नायक द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि इस रेल के निर्माण की लागत लगभग 28 करोड़ रुपये प्रति (करों को छोड़कर) है। इस हाई-स्पीड ट्रेन सेटों का डिजाइन और निर्माण एक जटिल और प्रौद्योगिकी-गहन प्रक्रिया है।

ट्रेन में मिलेंगी ये सुविधाएं

उन्होंने प्रमुख तकनीकी पहलुओं पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इसमें हाई स्पीड के लिए इलेक्ट्रिक्स का डिजाइन और निर्माण अलग से किया गया है। ट्रेन सेटों का भार अनुकूलन और ट्रेनों की हीटिंग, वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग (एचवीएसी) पर अधिक फोकस रखा गया है। यात्रियों की सुविधा के लिए डिब्बों के अंदर अनुकूलतम परिस्थितियां, सीसीटीवी, मोबाइल चार्जिंग सुविधाएं, अनुकूलतम प्रकाश व्यवस्था और अग्नि सुरक्षा उपकरण उपलब्ध होंगे।

गर्डर लॉन्चिंग का काम पूरा

रेल मंत्री ने जापान से तकनीकी और वित्तीय सहायता के साथ क्रियान्वयन के तहत मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (एमएएचएसआर) परियोजना पर भी अपडेट साझा किया। उन्होंने कहा कि अब तक 336 किलोमीटर पियर फाउंडेशन, 331 किलोमीटर पियर निर्माण, 260 किलोमीटर गर्डर कास्टिंग और 225 किलोमीटर गर्डर लॉन्चिंग का काम पूरा हो चुका है।

इन शहरों को मिलेगी सौगात

उन्होंने कहा कि अंडरसी टनल (लगभग 21 किलोमीटर) का काम भी शुरू हो गया है। 508 किलोमीटर लंबी एमएएचएसआर परियोजना में मुंबई, ठाणे, विरार, बोइसर, वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आनंद, अहमदाबाद और साबरमती में 12 स्टेशन बनाए जाएंगे। इसके लिए आवश्यक पूरी भूमि (1,389.5 हेक्टेयर) का अधिग्रहण कर लिया गया है।

रेलवे में पायलट के लिए 22 लाख अभ्यर्थी दे रहे परीक्षा

रेलवे में असिस्टेंट लोको पायलट पद पर भर्ती के लिए देश भर से 22 लाख अभ्यर्थी परीक्षा दे रहे हैं। कुल 18 हजार 977 रिक्तियों के लिए तीन दिनों तक परीक्षा चलेगी। अभी तक साढ़े 13 लाख अभ्यर्थी परीक्षा दे चुके हैं। दो दिन अभी शेष हैं। परीक्षा के लिए देश भर में 346 केंद्र बनाए गए हैं। परीक्षार्थियों की सुविधा के लिए 18 भाषाओं में लिखने की व्यवस्था की गई है।
कदाचारमुक्त परीक्षा की निगरानी के लिए रेल भवन में नेशनल कंट्रोल रूम बनाया गया है, जिससे सभी केंद्रों पर नजर रखी जा रही है।रिक्तियों के लिए रेलवे ने इसी वर्ष फरवरी में जाब कैलेंडर जारी किया था। रेलवे के इतिहास में यह पहला मौका है जब जाब कैलेंडर में तय तिथियों का अनुपालन पूरी तरह किया गया है।

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