पश्चिम बंगाल के कई जिलों में वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन देखने को मिला और हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं। इस बीच केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने बंगाल की सीएम पर राज्य में हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ममता कैसे कह सकती हैंवक्फ कानून लागू नहीं करेंगी। वक्फ संशोधन कानून मुसलमानों को निशाना बनाने के लिए नहीं है।
पीटीआई, कोच्चि। संसदीय और अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने वक्फ अधिनियम संशोधन का मकसद मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाना नहीं है, बल्कि पिछली गलतियों को सुधारना है।
हालांकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अपने राज्य में वक्फ कानून लागू करने की बात पर रिजिजू ने उनका विरोध करते हुए कहा कि वह बंगाल में हिंसा को भड़काने का काम कर रही हैं।
ममता बनर्जी पर केंद्रीय मंत्री ने साधा निशाना
केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने मंगलवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के वक्फ संशोधन के खिलाफ राज्य में हिंसा भड़काने की बात पर कहा कि ममता यह कैसे घोषित कर सकती हैं कि संसद में पारित संशोधन वक्फ अधिनियम को वह बंगाल में लागू नहीं करेंगी। वह एक संवैधानिक पद पर बैठी हैं, भला वह कैसे इसे लागू करने से इनकार कर सकती हैं जबकि कानून को एक संवैधानिक संस्था ने बनाया है।
पहले की गलतियों को सुधारने की कोशिश कर रही सरकार
- केंद्रीय राज्य मंत्री जार्ज कुरियन और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर के साथ केरल दौरे पर आए रिजिजू ने इस संशोधन कानून से अब किसी की भी संपत्ति को मनमाने तरीके से वक्फ की संपत्ति घोषित नहीं किया जा सकेगा।
- उन्होंने मुसलमानों का आश्वासन दिया है कि वक्फ (संशोधन) बिल के पारित होने के बाद मुनमबन जैसी घटनाएं फिर नहीं होंगी। वक्फ को लेकर सरकार की स्थिति स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा नजरिया बनाने की कोशिश हो रही है कि केंद्र सरकार मुसलमानों के खिलाफ है, लेकिन ऐसा नहीं है।
- भाजपा सरकार पिछली गलतियों को सुधारने की कोशिश कर रही है और लोगों को न्याय देने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में केरल सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा कि अधिकांशत: ईसाई आबादी वाले एनार्कुलम जिले में वक्फ बोर्ड के प्रताडि़त उन किसानों से मिलने आए हैं जिन्होंने वक्फ संशोधन बिल का पुरजोर समर्थन किया है।
- उन्होंने आरोप लगाया कि वक्फ बोर्ड गैरकानूनी तरीके से केरल के मुनमबन गांव जैसे दूसरों की जमीनों और संपत्तियों पर अपने दावे ठोक रहा है। इन पंजीकृत जमीनों का ब्योरा होने और भूमिकर भुगतान की रसीदों के बावजूद जमीनों पर दावा ठोका जा रहा है।
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