लोकसभा वन नेशन वन इलेक्शन के लिए बनी संयुक्त संसदीय समिति का कार्यकाल बढ़ा सकती है क्योंकि समिति को अपना काम पूरा करने के लिए और समय की जरूरत होगी। कमेटी के अध्यक्ष चौधरी ने बताया कि समिति कई कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श कर रही है। विशेषज्ञों की मूल्यवान राय समिति को सिफारिशें तैयार करने में मदद करेगी। अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी से परामर्श किया जाएगा।
पीटीआई, नई दिल्ली। एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक पर विस्तृत विचार-विमर्श के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति एक साथ चुनाव कराने के मुद्दे पर अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी से परामर्श करेगी।
संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष पीपी चौधरी ने कहा कि वेंकटरमणी और दूरसंचार विवाद निपटान एवं अपीलीय न्यायाधिकरण के अध्यक्ष और दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीएन पटेल संसदीय समिति के समक्ष एक साथ चुनाव कराने संबंधी विधेयक पर मंगलवार को अपने विचार व्यक्त करेंगे।
कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श जारी
चौधरी ने बताया कि समिति कई कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श कर रही है। विशेषज्ञों की मूल्यवान राय समिति को सिफारिशें तैयार करने में मदद करेगी। सूत्रों ने बताया कि लोकसभा इस समिति का कार्यकाल बढ़ा सकती है, क्योंकि समिति को अपना काम पूरा करने के लिए और समय की जरूरत होगी।
समिति को संसद के इस सत्र के अंतिम सप्ताह के पहले दिन अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया था। यह समयसीमा चार अप्रैल को समाप्त हो रही है।
पूर्व प्रधान न्यायाधीश यूयू ललित और रंजन गोगोई, प्रसिद्ध न्यायविद हरीश साल्वे और दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एपी शाह ने समिति के समक्ष पेश होकर प्रस्तावित कानून से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर सदस्यों के सवालों के जवाब दिए हैं।
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