इमेज कैप्शन, वरुण चक्रवर्ती न्यूजीलैंड के खिलाफ प्लेयर ऑफ द मैच रहे….में
11 फरवरी 2025 को आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के लिए चुनी गई टीम इंडिया में बदलाव हुआ. यशस्वी जायसवाल के स्थान पर वरुण चक्रवर्ती को दुबई जाने वाले 15 खिलाड़ियों में जगह मिली. इस एलान के साथ टीम में स्पिनर्स की संख्या चार से बढ़कर पांच हो गई.
भारतीय क्रिकेट इतिहास के दूसरे सबसे कामयाब गेंदबाज आर अश्विन ने इस फैसले पर सवाल उठाए. अपने यूट्यूब चैनल पर पोस्ट किए वीडियो में उन्होंने कहा, “मुझे समझ नहीं आ रहा क्यों टीम इंडिया इतने स्पिनर्स को दुबई ले जा रही है.”
सवाल उठाने वाले अश्विन अकेले नहीं थे. पूर्व भारतीय क्रिकेटर दिनेश कार्तिक ने क्रिकबज से बात करते हुए कहा, “टीम में पांच स्पिनर्स को चुनना शायद ज्यादा हो गया है.”
लेकिन करीब 20 दिन बाद चयनकर्ताओं का ये फैसला सही साबित होते हुए दिखाई दे रहा है.
सेमीफाइनल में पहले ही जगह पक्की कर चुकी टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा ने चार स्पिनर्स को प्लेइंग 11 में लेने का दांव चला. कप्तान का यह दांव ना सिर्फ कारगर साबित हुआ पर अब यह टीम इंडिया का चैंपियंस ट्रॉफी में सबसे मजबूत पहलू भी बनता हुआ दिखाई दे रहा है.
इसकी सबसे बड़ी वजह है न्यूजीलैंड के ख़िलाफ़ भारतीय स्पिनर्स का इतिहास रचना. इस मुकाबले में भारतीय स्पिनर्स ने 9 विकेट हासिल किए. ये चैंपियंस ट्रॉफी के इतिहास में किसी एक मुकाबले में स्पिनर्स का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन है.
इससे पहले 2004 में पाकिस्तान के स्पिनर्स ने कीनिया के खिलाफ आठ विकेट हासिल किए थे.
वरुण चक्रवर्ती: टीम इंडिया का ट्रंप कार्ड
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इमेज कैप्शन, वरुण चक्रवर्ती ने दूसरे वनडे में ही पांच विकेट हासिल कर लिए
“उनमें कुछ अलग है. हम देखना चाहते थे कि वो कितने कारगर हो सकते हैं.”
न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच के बाद कप्तान रोहित शर्मा ने वरुण चक्रवर्ती के बारे में ये बात कही.
2021 के टी20 वर्ल्ड कप में वरुण चक्रवर्ती को पहली बार टीम इंडिया में जगह मिली थी. उस वक्त वरुण चक्रवर्ती को भारतीय क्रिकेट का ‘मिस्ट्री स्पिनर’ माना जा रहा था.
लेकिन टीम इंडिया का ये दांव नाकाम साबित हुआ. तीन मुकाबले खेलने के बाद वरुण चक्रवर्ती को एक भी विकेट नहीं मिली. इस टूर्नामेंट के बाद वरुण चक्रवर्ती टीम इंडिया से बाहर हो गए.
हालांकि आईपीएल में वरुण चक्रवर्ती ने अपना अच्छा प्रदर्शन जारी रखा और तीन साल बाद टीम इंडिया में दोबारा जगह पक्की की. वापसी के बाद 15 टी20 मैचों में वरुण चक्रवर्ती ने 33 विकेट हासिल किए और चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भी अपना दावा मजबूती से पेश किया.
पहले दो मैचों में कप्तान रोहित शर्मा तीन स्पिनर्स के साथ मैदान पर उतरे, लेकिन वरुण को मौका नहीं मिला. जब भारत का सेमीफाइनल खेलना तय हो गया तो रोहित शर्मा ने वरुण चक्रवर्ती को आजमाया.
वरुण चक्रवर्ती ने इस बार निराश नहीं किया और अपने दूसरे ओवर की तीसरी गेंद पर ही क्रीज पर जमे हुए नजर आ रहे विल यंग को बोल्ड कर दिया. यहां से ना सिर्फ टीम इंडिया के मैच में वापसी का रास्ता बना बल्कि ये भी तय हो गया कि सेमीफाइनल और फाइनल में स्पिनर्स भारतीय क्रिकेट टीम की कितनी बड़ी ताकत हो सकते हैं.
इस बात का सबूत उस वक्त भी मिला जब 44वें ओवर की दूसरी गेंद पर वरुण ने न्यूजीलैंड के कप्तान सैंटनर का ऑफ स्टंप उखाड़ दिया. बोल्ड होने के बाद कुछ पल तक सैंटनर क्रीज पर हैरान होकर खड़े रहे. मानो जैसे उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा था कि आखिर वो बोल्ड कैसे हो गए.
खैर अगली 6 गेंदों में वरुण ने हेनरी और कुलदीप ने विलियम का विकेट लेकर टीम को न्यूजीलैंड के खिलाफ 44 रन से जीत दिलाई.
कमाल के फॉर्म में भारतीय स्पिनर्स
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इमेज कैप्शन, कुलदीप यादव चैंपियंस ट्रॉफ़ी के तीन मैचों में 6 विकेट ले चुके हैं
बात सिर्फ वरुण चक्रवर्ती की नहीं अभी तक भारतीय स्पिनर्स ने इस टूर्नामेंट में कसी हुई गेंदबाजी की है. बात चाहे कुलदीप यादव की हो, या रवींद्र जडेजा की या फिर अक्षर पटेल की.
तीन मैचों में तीनों ही स्पिनर्स ने एक भी मुकाबले में 6 से ज्यादा के इकोनॉमी रेट से रन खर्च नहीं किए हैं.
कुलदीप यादव ग्रुप स्टेज में भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले स्पिन गेंदबाज हैं. कुलदीप यादव ने अभी तक 6 विकेट लिए हैं.
अक्षर पटेल ने अभी तक तीन मुकाबलों में 29 ओवर गेंदबाजी करते हुए 129 रन खर्च किए हैं और वो चार विकेट लेने में कामयाब रहे हैं. इस दौरान अक्षर पटेल का इकोनॉमी रेट 4.4 का ही रहा है.
रवींद्र जडेजा को तीन मैचों में विकेट तो दो मिले हैं. लेकिन उनकी गेंदबाजी भी कसी हुई रही है. 24 ओवर में जडेजा ने 4.7 के इकोनॉमी रेट के साथ 113 रन ही खर्च किए हैं.
लगभग हर मैच में भारतीय टीम को अहम मौकों पर विकेट दिलाए हैं. इतना ही नहीं स्पिनर्स की कसी हुई गेंदबाजी का असर भी विरोधी बल्लेबाजों पर खूब पड़ा है और लगभग उस मुकाबले में विरोधी बल्लेबाजी भारतीय स्पिनर्स के सामने दबाव में नजर आए हैं.
क्या टीम को मिल रहा है दुबई में खेलने का फायदा?
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इमेज कैप्शन, भारतीय टीम अपने सभी मैच दुबई में खेल रही है
राजनीतिक और सुरक्षा कारणों की वजह से भारतीय क्रिकेट टीम ने आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के लिए पाकिस्तान जाने से इंकार कर दिया था. इसी वजह से चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन हाइब्रिड मॉडल पर हो रहा है.
भारत अपने सभी मुकाबले दुबई में खेल रहा है. दुबई की पिचों को स्पिनर्स के लिए फायदेमंद माना जाता है.
विरोधी टीम के खिलाड़ियों का भी मानना है कि भारत को दुबई में खेलने का फायदा मिल रहा है.
चोटिल होने की वजह से टूर्नामेंट में नहीं खेल रहे ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस ने हाल ही में ‘याहू ऑस्ट्रेलिया’ से कहा, “एक ही ग्राउंड में सभी मैच खेलने का फायदा भारत को मिलेगा. भारत पहले ही मजबूत है और जाहिर तौर पर किसी भी टीम के लिए एक ही मैदान पर सभी मैच खेलना फायदेमंद होता है.”
दक्षिण अफ्रीका के क्रिकेटर रसी वैन डेर ड्यूसेन ने भी यही बात कही. ईएसपीएन क्रिकइंफो से बात करते हुए उन्होंने कहा, “इसका फायदा होता है. सही में फायदा है. आप एक ही जगह पर हैं, एक ही होटल में हैं, एक ही जगह प्रैक्टिस कर रहे हैं. हर बार आपको एक ही स्टेडियम की पिच पर खेलना है. ये फायदेमंद है.”
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.