पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्र सरकार वायुसेना को 97 तेजस लड़ाकू विमानों का बूस्टर डोज देने जा रही है। रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ 62,370 करोड़ रुपये के सौदे पर हस्ताक्षर किया।
इस समझौते के तहत वायुसेना के लिए 97 तेजस हल्के लड़ाकू विमान खरीदे जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट सुरक्षा समिति द्वारा इस बड़े सौदे को मंजूरी दिए जाने के एक महीने बाद यह अनुबंध हुआ है।
आधुनिक कंट्रोल एक्ट्यूएटर्स जैसे एडवांस फीचर होंगे
यह सरकारी क्षेत्र की एयरोस्पेस कंपनी को दिया गया दूसरा ऐसा अनुबंध है। फरवरी 2021 में रक्षा मंत्रालय ने 83 तेजस एमके-1ए लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए एचएएल के साथ 48,000 करोड़ रुपये का समझौता किया था।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि तेजस एमके-1ए विमानों में ‘स्वयम रक्षा कवच’ और आधुनिक कंट्रोल एक्ट्यूएटर्स जैसे एडवांस फीचर होंगे। इनमें 64 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी पुर्जे होंगे और 67 नए स्वदेशी आइटम शामिल होंगे।
मिग-21 विमानों की जगह लेगा तेजस
इन विमानों की डिलीवरी 2027-28 से शुरू होगी। यह सिंगल-इंजन जेट भारतीय वायुसेना के पुराने पड़ चुके मिग-21 विमानों की जगह लेगा। वायुसेना के पास वर्तमान में केवल 31 स्क्वाड्रन बचे हैं, जबकि अधिकृत संख्या 42 स्क्वाड्रन की है।
वायुसेना के लिए गेमचेंजर साबित होगा तेजस
ऐसे में तेजस की एंट्री वायुसेना के लिए गेमचेंजर साबित हो सकती है। इस सौदे को भारत के लिए रणनीतिक रूप से बेहद अहम माना जा रहा है। तेजस न केवल वायुसेना की ताकत बढ़ाएगा, बल्कि रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को भी गति देगा।
यह कई भूमिकाओं वाला लड़ाकू विमान है। यह उच्च जोखिम वाले वातावरण में भी काम करने में सक्षम है। इसे वायु रक्षा, समुद्री निगरानी और हमला करने के लिए डिजाइन किया गया है।