डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिहार में एसआईआर प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी होने के बाद अब इसका दूसरा चरण शुरू हो रहा है। इस चरण में 9 राज्यों – उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल और पश्चिम बंगाल के साथ 3 केंद्र शासित प्रदेश, अंडमान-निकोबार, लक्षद्वीप और पुडुचेरी के 321 जिलों और 1,843 विधानसभा क्षेत्रों के लगभग 51 करोड़ मतदाता शामिल होंगे।
इन 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एसआईआर की गणना प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जो 4 दिसंबर 2025 तक चलेगी। इन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की मतदाता सूची में 27 अक्टूबर 2025 तक दर्ज हर मतदाता को एक विशेष गणना प्रपत्र (EF) दिया जाएगा, जो आंशिक रूप से पहले से भरा हुआ रहेगा। सभी 12 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में ईएफ का वितरण शुरू हो गया है और 100% फॉर्म छप चुके हैं।
एसआईआर को सुचारू और व्यवस्थित तरीके से चलाने के लिए 5.3 लाख से ज़्यादा बूथ लेवल ऑफिसर (BLO), 7.64 लाख बूथ लेवल एजेंट (BLA), 10,448 ERO/AERO और 321 DEO इस काम में लगाए गए हैं।
गणना चरण के दौरान BLO मतदाताओं को ईएफ देने और वापस लेने के लिए कम से कम तीन बार घर-घर जाएंगे।
क्या होता है एसआईआर?
यह मतदाता सूची (वोटर लिस्ट) की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग की ओर से बड़े पैमाने पर चलाया जाने वाला अभियान है, जिसके तहत घर-घर जाकर सत्यापन करना है। चुनाव आयोग के अनुसार, इस अभियान का मुख्य उद्देश्य एक बिना गलती वाली मतदाता सूची तैयार करना है – जिसमें प्रत्येक पात्र नागरिक का नाम सही ढंग से दर्ज हो और कोई भी अपात्र या किसी का नाम दो बार शामिल न हो।
एसआईआर की प्रक्रिया और समयसीमा
चुनाव आयोग ने पिछली एसआईआर और उसके बाद के अपडेट के आधार पर एक गणना प्रपत्र (ईएफ) तैयार किया है। ये प्रपत्र बीएलओ द्वारा प्रत्येक मतदाता के घर पर वितरित किए जाएंगे।
वितरण के दौरान, प्रत्येक पात्र मतदाता को निम्नलिखित कार्य करने होंगे:
- अपना मतदाता पहचान पत्र बीएलओ को दिखाना होगा।
- इसके बाद ईएफ मिलेगा, अपना मोबाइल नंबर बताना होगा और पावती में अपने हस्ताक्षर करने होंगे।
- फॉर्म सौंपने से पहले, बीएलओ ईसीआई मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग करके इसे स्कैन करेगा, जिसमें क्षेत्र के सभी पात्र मतदाताओं की सूची होती है।
- स्कैन सफल होने पर ऐप नीले रंग में चमकता है, जो दर्शाता है कि फॉर्म सौंप दिया गया है। ऐप ने वितरित किए गए फॉर्म की तिथि, समय और संख्या दर्ज कर ली है।
गणना फॉर्म कैसे भरना है?
- मतदाताओं के पास अपना विवरण भरने के लिए 7 से 10 दिन का समय होगा। प्रत्येक मतदाता को अपने आधार नंबर, मोबाइल नंबर और माता-पिता या पति-पत्नी का नाम देना होगा।
- वितरण पूरा होने के बाद, बीएलओ फिर से प्रत्येक घर जाकर भरे हुए ईएफ फॉर्म एकत्र करेगा। संग्रह के दौरान इन बातों का रखें ध्यान-
- बीएलओ प्रत्येक भरे हुए फॉर्म को मोबाइल ऐप के माध्यम से स्कैन करेगा।
- स्कैन करने पर ऐप तुरंत मतदाता की जानकारी को कैप्चर कर लेता है और उसे उनके वोटर आईडी कार्ड से जोड़ देता है।
- अपडेट सफल होने का संकेत तब मिलता है जब ऐप हरे रंग में चमकता है, जिससे पुष्टि होती है कि मतदाता उस क्षेत्र में रहता है और मास्टर इलेक्टोरल डेटाबेस में डेटा को सफलतापूर्वक अपडेट कर दिया गया है।
- यह डिजिटल प्रक्रिया स्वच्छ और सटीक मतदाता सूची सुनिश्चित करती है, जिससे दोहराव को समाप्त करने और धांधली या प्रतिरूपण को रोकने में मदद मिलती है।
- मतदाता सूची का प्रकाशन
- जिन मतदाताओं ने अपना ईएफ जमा कर दिया है, उन्हें यह सत्यापित कर लेना चाहिए कि उनका नाम सूची में है।
- यदि उनका नाम सही दिखाई देता है तो उनकी नामांकन प्रक्रिया पूरी हो जाती है।
- जिन मतदाताओं का नाम सूची में नहीं है, उन्हें सुधार या नाम शामिल करने का दावा करने के लिए आवश्यक सहायक दस्तावेजों के साथ अपने निर्वाचन क्षेत्र के ईआरओ से संपर्क करना होगा।
- ईआरओ ऐसे मामलों की जांच करेगा और उचित कार्रवाई करेगा। इस चरण को “सुनवाई और सत्यापन” अवधि कहा जाता है।
एसआईआर की अभी जरूरत क्यों?
हमारे जैसे घनी आबादी वाले देश में, जहां रोजगार और अन्य कारणों से प्रवास और पुनर्वास अक्सर होता रहता है, हर चुनाव से पहले मतदाता सूची का पुनरीक्षण एक जरूरी काम बन जाता है। दुर्भाग्यवश, अतीत में इस प्रथा का लगातार या पूरी लगन से पालन नहीं किया गया, जिसके परिणामस्वरूप कई योग्य मतदाताओं को चुनाव के दिन निराशा का सामना करना पड़ा। उनके नाम मतदाता सूची से गायब थे।
समान रूप से चिंताजनक बात यह है कि मृत व्यक्तियों के नाम समय पर नहीं हटाए गए, जिसके कारण कभी-कभी गलतियां और अनियमितताएं हो जाती हैं और इससे डाले गए मतों का प्रतिशत और कुछ मामलों में तो चुनाव परिणाम भी विकृत हो जाते हैं।
पिछला व्यापक संशोधन लगभग दो दशक पहले किया गया था। तब से मतदान की आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दी गई है और तेजी से बढ़ते शहरी विस्तार के साथ-साथ, बड़े पैमाने पर आंतरिक प्रवास भी हुआ है। ये जनसांख्यिकीय और सामाजिक परिवर्तन मतदाता सूची को अपडेट करना और भी जरूरी बना देते हैं।
कैसे काम करेगा एसआईआर?
प्रत्येक मतदान केंद्र पर अधिकतम 1,200 मतदाता ही होंगे। इसका संचालन एक बीएलओ द्वारा किया जाएगा। मतदाता सूची को अद्यतन करने के लिए आधार दस्तावेज 2002-2004 की सूची है। जिन मतदाताओं के नाम पुरानी सूची में हैं, उनके लिए सत्यापन प्रक्रिया आसान होगी।
बीएलओ की जिम्मेदारियां
- प्रत्येक मतदाता/निर्वाचक को विशिष्ट गणना प्रपत्र (EF) वितरित करना।
- मतदाता को अपने या अपने रिश्तेदार के नाम के साथ मिलान/लिंक करने में मदद करें।
- नाम, जन्मतिथि और स्थान, पता, पिता/अभिभावक का नाम आदि सभी विवरणों का सत्यापन करना।
- नए मतदाताओं को शामिल करने के लिए प्रपत्र 6 और घोषणा पत्र एकत्र करना और मिलान/लिंक करने में मदद करना।
- मतदाता को EF भरने में मदद करना, उसे प्राप्त करना और ERO को जमा करना।
- प्रत्येक मतदाता के घर कम से कम 3 बार जाना।
- मृत या स्थायी रूप से स्थानांतरित मतदाताओं और एक से अधिक स्थानों पर पंजीकृत मतदाताओं की पहचान करना।
- मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त बूथ स्तरीय एजेंटों (BLA) के साथ मिलकर काम करना।
- बीएलए मतदाताओं से भरे हुए ईएफ भी इकट्ठा कर सकते हैं, प्रतिदिन 50 ईएफ तक प्रमाणित कर सकते हैं और बीएलओ को जमा कर सकते हैं।
- निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) की जिम्मेदारी
- ईएफ को अपडेट करने के लिए बीएलओ के साथ समन्वय करना।
- मतदाता सूची का मसौदा तैयार करना।
- दावे और आपत्तियां प्राप्त करना और उन पर निर्णय लेना।
- अंतिम मतदाता सूची तैयार करना और प्रकाशित करना।
- उन मतदाताओं को नोटिस जारी करना जिनका मिलान पिछले एसआईआर से नहीं हो पाया।
- मतदाताओं की पात्रता सुनिश्चित करने के लिए सांकेतिक दस्तावेजों का सत्यापन करना।
- पिछले एसआईआर से पहले मतदाताओं के ठिकाने का पता लगाने के लिए सुनवाई आयोजित करना।
- दस्तावेजों के सत्यापन के अनुसार, मतदाता सूची को प्रतिदिन अपडेट करना।
मतदाताओं को दी गई सलाह
ड्राफ्ट रोल के पब्लिकेशन के साथ ही अनुपस्थित, स्थानांतरित, मृत और शामिल न किए गए डुप्लिकेट नामों की सूची सीईओ की वेबसाइट और सार्वजनिक कार्यालयों में उपलब्ध होगी। मतदाताओं को सलाह दी गई है कि वे अपने विवरण सत्यापित कर लें। यदि कोई दावा या आपत्ति हो तो उसे ईआरओ या बीएलए के पास दर्ज कराया जाना चाहिए।

ऑनलाइन भी भर सकते हैं ईएफ

- सबसे पहले इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया की वेबसाइट खोलनी होगी।
- उसके बाद सर्विस का ऑप्शन दिखेगा, जहां पर विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) 2026 शो होगा और दो विकल्प मिलेंगे- पहला गणना प्रपत्र भरें और दूसरा ये कि अंतिम एसआईआर में अपना नाम खोजें।
- मतदाताओं को फॉर्म प्राप्त करने के लिए अपना ईपीआईसी नंबर/पंजीकृत मोबाइल नंबर/ईमेल आईडी दर्ज करना होगा।
- ऑनलाइन फॉर्म और हार्ड ईएफ दोनों में, फॉर्म के पहले भाग में मतदाता के बारे में पहले से ही मुद्रित जानकारी होगी।
- मतदाताओं को सलाह दी जाती है कि वे वर्तमान मतदाता पहचान पत्र से विवरण सत्यापित कर लें।
- एक बार सत्यापन हो जाने के बाद, मतदाता को फॉर्म के शेष भाग भरने होंगे। जमा करने से पहले ई-हस्ताक्षर करना होगा।
- मतदाताओं की कोई भी समस्या या शिकायत इस वेबसाइट के माध्यम से प्रस्तुत की जा सकती है।
Source:
- https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2186480
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