प्रयागराजः उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के महाकुंभ में काफी दिनों से चर्चा में बने आईआईटी वाले बाबा को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। बताया जा रहा है कि जूना अखाड़े ने उन्हें ‘भगा’ दिया है। इतना ही नहीं, अखाड़े के एक महंत ने उन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि वह मवाली था और अखाड़े को बदनाम कर रहा था। इसलिए उसे हमने मारकर भगा दिया। उन्होंने कहा कि वह किसी के माध्यम से नहीं आया था बल्कि घूमते हुए चला आया था।बीते कई दिनों से अभय सिंह नाम के कथित संत सोशल मीडिया पर वायरल थे। बताया गया कि उन्होंने आईआईटी से इंजिनियरिंग की पढ़ाई की है। उन्होंने अपने आपको जूना अखाड़े से संबंधित बताया था। मीडिया में यह भी खबरें थीं कि वह जूना अखाड़े के महंत सोमेश्वर पुरी के शिष्य हैं। हालांकि, जूना अखाड़े ने न सिर्फ यह दावा खारिज किया है बल्कि आईआईटी वाले बाबा पर मक्कारी के गंभीर आरोप भी लगाए हैं।
क्या बोला जूना अखाड़ा
टीवी चैनल ‘एनडीटीवी’ से बातचीत में जूना अखाड़े के संत कर्पूरी जी ने बताया, ‘वो (अभय सिंह) जूना अखाड़े का नहीं था। वो ऐसे ही आवारा-मवाली आदमी था। वो कोई साधु नहीं था। यूं ही कहीं भी रुकता था और खाता था और कहीं भी टीवी पर कुछ भी बक देता था।’ उन्होंने आगे कहा कि वो बहुत गलत व्यक्ति था, इसलिए हम लोगों ने उसे अखाड़े से मारकर भगा दिया क्योंकि वह हमारे अखाड़े को बदनाम कर रहा था।
‘खाकर भाग जाता था’
कर्पूरी जी ने बताया कि वह (अभय सिंह) घूमते हुए यहां आया था। किसी के माध्यम से नहीं आया था और न किसी का चेला था सोमेश्वर पुरी का कहीं नाम सुना होगा। वही सुना हुआ नाम ले रहा था। सोमेश्वर पुरी को मरे बीस साल हो गए तो उनका चेला कैसे हो गया? उन्होंने कहा कि अभय सिंह अखाड़े का नाम ले-लेकर इस टेंट से उस टेंट में घूमता और खाकर भाग जाता था। वो मक्कार था। जब सबको उसके बारे में पता चला तो लोग सतर्क हो गए। उन्होंने कहा कि 6 दिन हो गए। हम लोगों ने उसको भगा दिया।
क्या बोला जूना अखाड़ा
टीवी चैनल ‘एनडीटीवी’ से बातचीत में जूना अखाड़े के संत कर्पूरी जी ने बताया, ‘वो (अभय सिंह) जूना अखाड़े का नहीं था। वो ऐसे ही आवारा-मवाली आदमी था। वो कोई साधु नहीं था। यूं ही कहीं भी रुकता था और खाता था और कहीं भी टीवी पर कुछ भी बक देता था।’ उन्होंने आगे कहा कि वो बहुत गलत व्यक्ति था, इसलिए हम लोगों ने उसे अखाड़े से मारकर भगा दिया क्योंकि वह हमारे अखाड़े को बदनाम कर रहा था।
‘खाकर भाग जाता था’
कर्पूरी जी ने बताया कि वह (अभय सिंह) घूमते हुए यहां आया था। किसी के माध्यम से नहीं आया था और न किसी का चेला था सोमेश्वर पुरी का कहीं नाम सुना होगा। वही सुना हुआ नाम ले रहा था। सोमेश्वर पुरी को मरे बीस साल हो गए तो उनका चेला कैसे हो गया? उन्होंने कहा कि अभय सिंह अखाड़े का नाम ले-लेकर इस टेंट से उस टेंट में घूमता और खाकर भाग जाता था। वो मक्कार था। जब सबको उसके बारे में पता चला तो लोग सतर्क हो गए। उन्होंने कहा कि 6 दिन हो गए। हम लोगों ने उसको भगा दिया।
संत ने कहा कि वह बहुत दिनों तक पहचान छिपाकर रहता था। वो क्रैक माइंड यानी आधा पागल है। उसकी हरकत असहनीय थी। वह साधक भी नहीं था, गृहस्थ था। न तो किसी का शिष्य था। उन्होंने कहा कि अभय सिंह को लेकर अखाड़े में भयंकर क्रोध और आक्रोश है।