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शैलेंद्र के वे गीत जो ज़िंदगी के विरोधाभास से भरे हैं

Byadmin

Dec 14, 2025


शैलेंद्र के गीतों में जीवन का विरोधाभास दिखता है

इमेज स्रोत, Shailendra Family

इमेज कैप्शन, शैलेंद्र के गीतों में जीवन का विरोधाभास दिखता है

एक आम इंसान जब दुख-दर्द से टूट जाता है, उसको कोई राह नहीं सूझती तो वह एक ऐसे उजाले की तरफ देखता है, एक ऐसी राह तलाशता है जो उसके जीवन को व्यथाओं-वेदनाओं से उबार दे.

शैलेंद्र के गीत यही काम करते हैं. उनके गीत अंधेरों की सिर्फ़ बात नहीं करते, उजाले की ओर चलने की राह भी दिखाते हैं. उनके गीतों में सिर्फ़ दुख-दर्द का बखान भर नहीं है. उनसे पार पाने की शक्ति है, भरोसा है और राह भी.

उनका जीवन स्वयं व्यथा से भरा था. भूख, गरीबी, लाचारी, सामाजिक भेदभाव, क्या-क्या नहीं झेला था उन्होंने, लेकिन वे टूटे नहीं. जिस हौसले और उम्मीद के साथ वह इससे पार पाते हैं, वही चीज़ें तो उन्होंने अपने गीतों में लाखों करोड़ों लोगों को दिया.

उनके गीतों में विविधता है तो एक कंट्रास्ट भी है. कभी धूप- कभी छांव, कभी सुख- कभी दुख, कभी प्रेम- कभी वियोग, कभी जीवन तो कभी मरण.

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