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शोले में अंग्रेज़ों के ज़माने के जेलर बनने के लिए असरानी ने ली थी हिटलर से प्रेरणा

Byadmin

Aug 16, 2025


एक्टर असरानी
इमेज कैप्शन, बीबीसी हिंदी की ख़ास पेशकश ‘कहानी ज़िंदगी की’ में इस बार के मेहमान एक्टर और डायरेक्टर असरानी

“अटेंशन! हमने कहा अटेंशन! क़ैदियों! कान खोलकर सुन लो, हम अंग्रेज़ों के ज़माने के जेलर हैं…” ये डायलॉग फ़िल्म शोले के उन डायलॉग्स में से एक है, जिसे आज भी बेहद पसंद किया जाता है.

सिर्फ़ ये डायलॉग ही नहीं, बल्कि इस फ़िल्म में ‘अंग्रेज़ों के ज़माने के जेलर’ का किरदार निभाने वाले असरानी को भी दर्शक बहुत पसंद करते हैं.

असरानी या गोवर्धन कुमार असरानी, जो तमाम फ़िल्मों में तरह-तरह के किरदार निभा चुके हैं और कई फ़िल्में डायरेक्ट भी कर चुके हैं.

राजस्थान के जयपुर में पले-बढ़े असरानी ने फ़िल्मी दुनिया का सफ़र कैसे शुरू किया? एक्टिंग और कॉमेडी की उनकी समझ क्या है? इन सवालों सहित अपनी ज़िंदगी के कई अहम पलों को असरानी ने बीबीसी हिंदी की ख़ास पेशकश ‘कहानी ज़िंदगी की’ में इरफ़ान के साथ साझा किया.

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