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सड़क हादसों से सबक नहीं ले रहे राज्य, IIT दिल्ली की रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे; रोड सेफ्टी ऑडिट में बरती जा रही लापरवाही

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Jun 8, 2025


सड़क सुरक्षा ऑडिट के प्रावधानों के बावजूद भारत में केवल आठ राज्य ही ऐसे हैं जहाँ 50% से अधिक राष्ट्रीय राजमार्गों का ऑडिट हुआ है। राज्य राजमार्गों की स्थिति और भी खराब है। आईआईटी दिल्ली की एक रिपोर्ट के अनुसार कई राज्यों ने राजमार्गों का सुरक्षा ऑडिट नहीं कराया है जिससे सड़क सुरक्षा उपायों पर सवाल उठते हैं।

जितेंद्र शर्मा, नई दिल्ली। कहां रोड इंजीनियरिंग में खामी है, कहां कौन से उपाय किए जाएं, जिससे सड़क हादसों को कम किया जा सके। यही सब पता करने के लिए रोड सेफ्टी ऑडिट का प्रविधान है, लेकिन वास्तव में जिम्मेदार पदों पर बैठे अफसर कितने लापरवाह हैं, यह रोड सेफ्टी आडिट के आंकड़े बयां करते हैं।

यह चिंताजनक तस्वीर है कि देश के सिर्फ आठ ही राज्य ऐसे हैं, जहां 50 प्रतिशत से अधिक नेशनल हाईवे का रोड सेफ्टी आडिट हुआ है, वहीं स्टेट हाईवे की तस्वीर तो कुछ ज्यादा ही खराब है। 50 प्रतिशत से अधिक राज्य राजमार्ग का आडिट कराने वाले कुछ ही राज्य हैं।

सड़क हादसों में भारत सबसे आगे

सड़क हादसे और उनमें यात्रियों की मृत्यु के मामले में भारत दुनिया में सबसे आगे है। खुद सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले दिनों एक कार्यक्रम में कहा था कि विदेश में जब भी सड़क सुरक्षा से संबंधित किसी मंच पर वह जाते हैं, तो शर्म से मुंह छिपाना पड़ता है।

इसमें कोई संदेह नहीं कि गडकरी अपने मंत्रालय और एनएचएआई से संबंधित लापरवाहियों पर बेबाकी से बोलते हैं और सड़क सुरक्षा के प्रति चिंतित भी दिखाई देते हैं, लेकिन प्रश्न है कि उस चिंता से लाभ क्या हो रहा है? उनके प्रयास कितने कारगर साबित हो रहे हैं? एनएचएआइ के शीर्ष अधिकारियों की जवाबदेही क्यों तय नहीं की जा रही?

आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट में खुलासा

  • दरअसल, हाल ही में आईआईटी दिल्ली से जारी रिपोर्ट में सड़क सुरक्षा के कई पहलुओं को सामने लाया गया। उन्हीं में एक प्रमुख भाग रोड सेफ्टी ऑडिट को लेकर भी है। विशेषज्ञों ने इस बात पर चिंता जताई है कि जब नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे का पूरा सेफ्टी ऑडिट ही नहीं कराया गया है तो उन पर सुरक्षा प्रबंध किस प्रकार किए जाएंगे।
  • देश में नेशनल हाईवे की लंबाई 146195 किलोमीटर, जबकि स्टेट हाईवे 179535 किलोमीटर का है। स्टेट हाईवे का दायरा नेशनल हाईवे से अधिक है। वहीं, यह अधिक चिंताजनक है कि स्टेट हाईवे के सेफ्टी ऑडिट को लेकर ही विशेष तौर लापरवाही बरती जा रही है। अधिक हादसे वाले प्रमुख राज्यों में तमिलनाडु ने दोनों श्रेणी के हाईवे का काफी ऑडिट कराया है तो रोड सेफ्टी पॉलिसी को अधिसूचित नहीं किया है।
  • हरियाणा ने भी रोड सेफ्टी आडिट में कंजूसी के साथ रोड सेफ्टी पालिसी तक नहीं बनाई। वहीं, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान जैसे प्रमुख राज्यों की स्थिति ‘नॉट रिपोर्टेड’ के रूप में दर्ज है, जिसका मतलब है कि वस्तुस्थिति की जानकारी नहीं दी गई या सत्यापित नहीं की गई।

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