‘देश पहले, बाकी सब बाद में’
बेंगलुरु में पत्रकारों से बातचीत के दौरान खरगे ने देश की एकता और सुरक्षा को सर्वोपरि बताते हुए कहा, ‘देश सबसे महत्वपूर्ण है। धर्म, भाषा, और अन्य मुद्दे बाद में आते हैं। हमें आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना होगा। कांग्रेस इस लड़ाई में केंद्र सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।’ उन्होंने केंद्र से इस समर्थन का समुचित उपयोग करने की अपील की और कहा, ‘अगर सरकार सभी दलों को विश्वास में लेगी, तो आतंकवाद के खिलाफ कठोर कदम उठाना आसान होगा। एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का खेल अब बंद होना चाहिए।’
सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी की गैरमौजूदगी पर सवाल
खरगे ने 24 अप्रैल को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के शामिल न होने पर कड़ा ऐतराज जताया। उन्होंने कहा, “मैं पहले भी कह चुका हूं कि पीएम को इस बैठक में आना चाहिए था। उनका न आना ठीक नहीं है। यह समय राजनीतिक मतभेदों को भुलाकर देश के लिए एकजुट होने का है।” खरगे ने जोर देकर कहा कि आतंकवाद जैसी चुनौती से निपटने के लिए सभी दलों का सहयोग जरूरी है, और सरकार को इस दिशा में गंभीरता दिखानी होगी।
‘बैठक की बातें देशहित में गोपनीय’
कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी स्पष्ट किया कि सर्वदलीय बैठक में हुई चर्चा को देशहित में सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। उन्होंने कुछ नेताओं द्वारा चर्चा के अलग-अलग अर्थ निकालने की कोशिशों पर नाराजगी जताते हुए कहा, ‘यह समय गलत व्याख्याएं करने का नहीं है। हमने बैठक में जो कहा, वह देश के हित में था।’ खरगे ने कहा, ‘मैं रहूं या न रहूं, देश तो रहेगा। यह बात पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर भी लागू होती है। हमें देश के कल्याण के लिए मिलकर काम करना होगा।’
पहलगाम हमले ने छीनीं 28 जिंदगियां
पहलगाम में हुआ यह आतंकी हमला हाल के वर्षों में सबसे घातक हमलों में से एक रहा। हमले में मारे गए लोगों में स्थानीय नागरिकों के साथ-साथ पर्यटक भी शामिल थे, जो इस खूबसूरत वादी की सैर के लिए आए थे। कर्नाटक के दो नागरिकों की मौत ने राज्य में भी शोक की लहर दौड़ा दी। कांग्रेस ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ त्वरित और कठोर कार्रवाई की मांग की है।
एकजुटता की जरूरत
खरगे का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब देश आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की मांग कर रहा है। उनकी अपील न केवल राजनीतिक दलों के लिए, बल्कि आम नागरिकों के लिए भी एक संदेश है कि देश की सुरक्षा और अखंडता के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि केंद्र सरकार कांग्रेस के इस समर्थन का कैसे उपयोग करती है और क्या वह सभी दलों को साथ लेकर आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदम उठा पाएगी।