विदेशों में सपंत्ति जमा करके रखने वालों पर केंद्र सरकार सख्त हो गई है। सरकार के इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने जब सख्ती बरती और लोगों को आईटीआर भरने के लिए कहा तो 30 हजार लोगों ने खुद ही विदेश में संपत्ति का खुलासा कर दिया है। विदेशी संपत्ति का मूल्य 29000 करोड़ रुपए है। लोग अब फिर से आईटीआर भर रहे हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अगर विदेश में संपत्ति है तो भलाई इसी में है कि इसकी जानकारी सरकार को दे दें और उसके हिसाब से अपना इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) भरें। क्योंकि दुनिया के 125 देश भारत के साथ भारतीयों की वित्तीय संपत्ति व बैंक खाते की जानकारी साझा करने के लिए राजी हो गए हैं। पिछले साल सितंबर में 108 देशों ने वित्त मंत्रालय के साथ इस प्रकार की जानकारी साझा की।
इस आधार पर इनकम टैक्स विभाग ने उन टैक्सपेयर्स के लिए सख्ती से पहले जागरूकता अभियान चलाया ताकि वे अपनी मर्जी से अपनी विदेशी संपत्ति का खुलासा करते हुए रिवाइज्ड इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर दे। विदेश में संपत्ति रखने वाले 19,501 टैक्सपेयर्स को ई-मेल और एसएमई के माध्यम से उन्हें संपत्ति के खुलासे को लेकर संदेश भेजा गया।
टैक्सपेयर्स की विदेश में अच्छी खासी संपत्ति
इन टैक्सपेयर्स की विदेश में अच्छी-खासी संपत्ति है या वहां के बैंकों में जमा रकम से उन्हें अच्छी आय हो रही है। इस प्रकार के अभियान का नतीजा यह हुआ 30,161 टैक्सपेयर्स ने यह स्वीकार लिया कि विदेश में उनकी संपत्ति है। सभी 30,161 टैक्सपेयर्स ने 29,208 करोड़ मूल्य की संपत्ति का खुलासा किया है।
1089 करोड़ की अतिरिक्त विदेशी आय
विदेशी संपत्ति बताने वालों की लगातार बढ़ रही संख्या
- इनकम टैक्स विभाग के प्रयास से स्वैच्छिक रूप से अपनी विदेशी संपत्ति का खुलासा करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मूल्यांकन वर्ष 2021-22 में 60,000 टैक्सपेयर्स ने स्वैच्छिक आधार पर अपनी विदेशी संपत्ति का खुलासा किया था। मूल्यांकन वर्ष 2024-25 में 2,31,452 टैक्सपेयर्स ने विदेश में संपत्ति का स्वैच्छिक खुलासा किया है।
- विभागीय सूत्रों के मुताबिक किसी की अघोषित संपत्ति या आय का पता लगने पर विभाग पहले उन्हें खुद संपत्ति की घोषणा करने और उसके हिसाब से इनकम टैक्स चुकाने का मौका देता है। सरकार पहले टैक्सपेयर्स पर भरोसा और फिर उनकी पड़ताल की नीति अपना रही है।
क्या कहते हैं टैक्स विशेषज्ञ?
टैक्स विशेषज्ञों के मुताबिक इनकम टैक्स विभाग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से आपकी हर आर्थिक गतिविधियों पर नजर रख रहा है। इस क्रम में अपनी आय व संपत्ति को छिपाने वालों को विभाग पहले अपनी गलती सुधारने का मौका देता है और उन्हें एसएमएस या ई-मेल से अलर्ट किया जाता है। जिन्हें विभाग का यह संदेश समझ में आ जाता है, वे समय रहते टैक्स के मामले को निपटा लेते हैं।
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