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‘सस्ती डील जहां मिलेगी वहीं से लेंगे तेल’, अमेरिका को भारत की दो टूक; ट्रंप टैरिफ को दिखाया ठेंगा

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Aug 25, 2025


भारत ने स्पष्ट किया है कि वह अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए सबसे सस्ता और अच्छा तेल जहाँ से मिलेगा वहीं से खरीदेगा। रूस में भारतीय राजदूत विनय कुमार ने कहा कि तेल की खरीद व्यावसायिक कारणों से होगी न कि राजनीतिक दबाव से। उन्होंने अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ को अनुचित बताया और कहा कि भारत अपने 140 करोड़ लोगों की ऊर्जा सुरक्षा को प्राथमिकता देगा।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत ने साफ कर दिया है कि वह अपने देश की ऊर्जा जरूरतों के लिए जहां से सस्ता और अच्छा तेल मिलेगा वहीं से खरीदेगा। यह बयान रूस में भारत के राजदूत विनय कुमार ने रविवार को रूसी एजेंसी TASS से बातचीत में दिया है।

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अमेरिका ने हाल ही में भारक पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाया है, जिससे कुल आयात शुल्क 50% से भी ज्यादा हो गया है। विनय कुमार ने इसे अनुचित, असंगत और नाइंसाफी बताया है।

राजनीतिक दबाव में नहीं आएगा भारत

भारत का कहना है कि तेल की खरीद किसी राजनीतिक दबाव से नहीं बल्कि व्यावसायिक कारणों से होती है। विनय कुमार ने कहा, “अगर व्यापार की शर्तें सही होंगी तो भारतीय कंपनियां वहीं से तेल खरीदेंगी जहां सबसे अच्छी डील मिलेगी।”

कुमार ने यह भी कहा कि अमेरिका का यह कदम समझ से परे है क्योंकि अमेरिका और यूरोप के कई देश अब भी रूस से व्यापार कर रहे हैं। भारत लगातार कहता आ रहा है कि उसकी पहली प्राथमिकता 1.4 अरब (140 करोड़) लोगों की ऊर्जा सुरक्षा है।

जयशंकर ने भी अमेरिकी टैरिफ की आलोचना की थी

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी हाल ही में कहा था कि भारत किसानों और छोटे उत्पादकों के हितों से समझौता नहीं करेगा। उन्होंने भी अमेरिकी टैरिफ को अनुचिक और असंगत बताया था।

विनय कुमार ने भरोसा दिलाया कि रूस से तेल के भुगतान में कोई समस्या नहीं है। भारत और रूस के बीच अब स्थानीय मुद्राओं में भुगतान की व्यवस्था काम कर रही है। तेल से आगे बढ़ते हुए भारत अब रूस को इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, कपड़ा और निर्माण सामग्री जैसे उत्पादों का निर्यात बढ़ाने की योजना बना रहा है।

भारत बढ़ाएगा निर्यात

उन्होंने कहा कि भारत का निर्यात बढ़ा है लेकिन अभी भी बहुत संभावनाएं बाकी हैं। खासकर, डिजिटल सेवाओं, फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स और आईटी सेक्टर में बड़े मौके हैं।

यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका रूस के साथ संबंध बनाने वाले देशों पर दबाव डाल रहा है। भारत ने साफ किया है कि उसका व्यापार बाजार की हकीकतों पर आधारित है, न कि राजनीतिक आदेशों पर। विनय कुमार ने कहा, “सरकार देश के हितों की रक्षा करती रहेगी और समझौता नहीं करेगी।”

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