राजधानी की हवा लगातार खतरनाक श्रेणी में लटकी है। जबकि एमसीडी की मशीनें बढ़ीं, चालान बढ़े, टीमें तैनात हुईं, लेकिन हवा साफ नहीं हुई। एमसीडी का दावा है कि उसने इस साल वायु प्रदूषण से मुकाबले के लिए अब तक की सबसे बड़ी कवायद शुरू की है, मगर जमीन पर हालात बताते हैं कि नतीजे बेहद कमजोर हैं। धूल, सी एंड डी कचरा, कचरा जलाना और स्थानीय स्रोत आज भी लगभग उसी ताकत से हवा को जहरीला बना रहे हैं, जैसे पहले बनाते थे।