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साल 2026 भारत के सोलर मिशन के लिए क्यों है अहम?

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Dec 4, 2025


सूर्य और उससे उठते कोरोनल मास इजेक्शन

इमेज स्रोत, Getty Images

इमेज कैप्शन, कोरोनल मास इजेक्शन पृथ्वी से कई गुना बड़ा हो सकता है

अंतरिक्ष में भारत के पहले सोलर मिशन, आदित्य-एल1 के लिए 2026 के एक अभूतपूर्व साल होने की उम्मीद है.

पिछले साल कक्षा में स्थापित की गई यह वेधशाला अगले साल पहली बार सूर्य को करीब से देख सकेगी.

नासा के अनुसार लगभग हर 11 साल में एक बार सूर्य के चुंबकीय ध्रुवों के बदल जाने का घटनाक्रम होता है. ये कुछ ऐसा ही है जैसे पृथ्वी में उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव अपनी स्थिति आपस में बदल लें.

यह बहुत उथल-पुथल वाला समय होता है. इस दौरान सूर्य तूफानी अवस्था में चला जाता है. सौर तूफानों और कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई) की संख्या में भी भारी वृद्धि होती है. बता दें कि इस दौरान सूर्य की सबसे बाहरी परत से आग के विशाल बुलबुले निकलते हैं. इस परत को कोरोना कहते हैं.

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