अन्नाद्रमुक के राष्ट्रीय प्रवक्ता कोवई सत्यन ने कहा कि दूसरों के अधिकार क्षेत्र में दखल देने से लोकतंत्र को कोई लाभ नहीं होगा। कांग्रेस नेता मणिकम टैगोर ने दुबे के बयान को अपमानजनक करार दिया और कहा कि सुप्रीम कोर्ट पर उनका हमला स्वीकार्य नहीं है। मुझे उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट के जज इस पर ध्यान देंगे क्योंकि वह संसद में नहीं बल्कि संसद के बाहर बोल रहे हैं।
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की चल रही समीक्षा के बीच शनिवार को न्यायपालिका पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की टिप्पणी से एक नया विवाद छिड़ गया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भाजपा पर जानबूझकर सुप्रीम कोर्ट को निशाना बनाने और कमजोर करने का आरोप लगाया है।
केंद्र पर निशाना साधते हुए उन्होंने दावा किया कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोग, मंत्री और भाजपा सांसद संस्था को कमजोर करने के प्रयास में सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ बोल रहे हैं। कांग्रेस केवल यही चाहती है कि सुप्रीम कोर्ट स्वतंत्र और तटस्थ तरीके से काम करे।
कोर्ट को निशाना बनाने का आरोप
रमेश ने कहा, ‘संविधान द्वारा सुप्रीम कोर्ट को दी गई शक्तियों को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट सिर्फ इतना कह रहा है कि कानून बनाते समय संविधान के मूल ढांचे के खिलाफ मत जाओ। इसको निशाना बनाने के लिए जानबूझकर अलग-अलग आवाजें उठ रही हैं।’
द्रमुख ने भी की आलोचना
- खुर्शीद ने कहा, ‘यह बहुत दुख की बात है कि अगर कोई सांसद सुप्रीम कोर्ट या किसी भी अदालत पर सवाल उठाता है। हमारी न्याय व्यवस्था में अंतिम फैसला सरकार का नहीं, बल्कि सुप्रीम कोर्ट का होता है। अगर कोई इसे नहीं समझता है, तो यह बहुत दुख की बात है।’
- द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) नेता टीकेएस एलंगोवन ने भाजपा की आलोचना करते हुए कहा कि पार्टी सभी कानूनों के खिलाफ काम कर रही है। उन्होंने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट देश के कानूनों की रक्षा के लिए है। सरकार बर्बर है क्योंकि वे किसी भी कानून का सम्मान नहीं करते हैं। वे जो चाहे करते हैं और संविधान के प्रविधानों को बदलने की कोशिश करते हैं।’
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