सुप्रीम कोर्ट ने अपने मुख्य परिसर को उच्च सुरक्षा क्षेत्र घोषित किया है जिसके चलते यहां फोटोग्राफी वीडियोग्राफी और इंटरनेट मीडिया पर रील बनाने पर रोक लगा दी गई है। कोर्ट ने मीडिया कर्मियों से निम्न सुरक्षा क्षेत्र में ही इंटरव्यू और लाइव प्रसारण करने को कहा है। नियमों का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी जिसमें प्रवेश पर प्रतिबंध भी शामिल है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अपने मुख्य परिसर को उच्च सुरक्षा क्षेत्र घोषित करते हुए यहां फोटो खींचने, इंटरनेट मीडिया पर रील बनाने और वीडियोग्राफी करने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
दस सितंबर को जारी एक सर्कुलर में शीर्ष अदालत ने मीडिया कर्मियों से कहा कि वे निर्धारित लॉन क्षेत्र में इंटरव्यू और समाचार का लाइव प्रसारण करें, जो कि एक निम्न सुरक्षा क्षेत्र है। उच्च सुरक्षा क्षेत्र के लॉन में फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के लिए मोबाइल फोन का उपयोग निषिद्ध है।
इन चीजों पर लगाया प्रतिबंध
वीडियोग्राफी, रील बनाने और फोटो खींचने के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरण जैसे कैमरा, ट्राइपाड, सेल्फी स्टिक आदि उच्च सुरक्षा क्षेत्र में प्रतिबंधित रहेंगे। इनका उपयोग केवल आधिकारिक उपयोग के लिए हो सकता है।
नियमों का उल्लंघन करने पर होगी कार्रवाई
सर्कुलर में यह भी जोड़ा गया, ”यदि किसी अधिवक्ता, वादी, इंटर्न या कानून क्लर्क द्वारा उपरोक्त दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया जाता है, तो संबंधित बार एसोसिएशन या संबंधित राज्य बार काउंसिल उल्लंघनकर्ता के खिलाफ उनके नियमों और विनियमों के अनुसार उचित कार्रवाई करेगी। यदि मीडिया कर्मियों द्वारा दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया जाता है, तो उनके लिए सुप्रीम कोर्ट के उच्च सुरक्षा क्षेत्र में प्रवेश को एक महीने के लिए प्रतिबंधित किया जा सकता है। स्टाफ या रजिस्ट्री द्वारा किसी भी उल्लंघन को ”गंभीरता से” लिया जाएगा।”
अन्य हितधारकों के मामले में संबंधित विभाग के प्रमुख से अनुरोध किया जाएगा कि वे उल्लंघनकर्ता के खिलाफ उनके नियमों के अनुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई करें। सुरक्षा कर्मियों को किसी भी व्यक्ति, स्टाफ सदस्य, अधिवक्ता या अन्य को उच्च सुरक्षा क्षेत्र के अंदर फोटो खींचने या वीडियो बनाने से रोकने का अधिकार होगा।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
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