सेंट्रल अफ्रीका का एक देश इक्वेटोरियल गिनी चर्चा में है. कारण है उनके एक वरिष्ठ शासकीय अधिकारी, जिनके 150 से 400 वीडियोज़ सोशल मीडिया पर पिछले 15 दिन में लीक हो चुके हैं.
इन वीडियोज़ में वरिष्ठ शासकीय कर्मचारी उनके कार्यालय और अन्य स्थानों पर अलग-अलग महिलाओं के साथ अंतरंग अवस्था में दिखाई दे रहे हैं.
एकाएक इतने सारे अश्लील वीडियोज़ के सोशल मीडिया पर लीक होने के मामले को दुनिया सेक्स स्कैंडल समझ रही है. लेकिन, कुछ जानकारों का मानना है कि इसके पीछे कोई और खेल भी हो सकता है.
जानकार मानते हैं कि इसके पीछे कोई साज़िश हो सकती है, जिसके ज़रिए यह तय करने की कोशिश की जा रही हो कि इक्वेटोरियल गिनी का अगला राष्ट्रपति कौन बनेगा?
सेंट्रल अफ्रीका का छोटा सा देश
सोशल मीडिया पर ऐसे अंतरंग वीडियोज़ की बाढ़ आ चुकी है. इन वीडियोज़ ने सेंट्रल अफ़्रीका के छोटे से देश इक्वेटोरियल गिनी के लोगों को चौंका कर रख दिया है.
क्योंकि, इन अश्लील वीडियोज़ में नज़र आईं महिलाओं में कुछ सत्तासीन शख्सियतों की पत्नियां हैं तो कुछ उनकी रिश्तेदार.
कुछ वीडियोज़ को देखकर तो ऐसा भी लग रहा है कि इन वीडियोज़ को शूट करते समय उनको अंदाज़ा था कि इसे रिकॉर्ड किया जा रहा है.
इन वीडियोज़ में सभी महिलाएं बाल्टासर एबांग एंगोंगा के साथ अंतरंग स्थिति में दिख रही हैं. दरअसल, एंगोंगा का व्यक्तित्व आकर्षक है, जिसके चलते उनको ‘बेल्लो’ के नाम से जाना जाता है.
हालांकि, ये वीडियोज़ कैसे लीक हुए? इस बात की जांच करना मुश्किल है. क्योंकि, इक्वेटोरियल गिनी बहुत प्रतिबंधों वाला समाज है, जहां फ़्री प्रेस जैसी कोई बात नहीं है.
मगर, एक बात जो निकल कर सामने आ रही है, वो ये कि इन वीडियोज़ के लीक होने का मक़सद इसके केंद्र में मौजूद व्यक्ति को बदनाम करना है.
दरअसल, एंगोंगा राष्ट्रपति टियोडोरो ओबियांग न्यूमा के भतीजे हैं. इस बात की संभावना है कि किसी ने यह सोचकर ऐसा किया हो कि आने वाले समय में राष्ट्रपति न्यूमा की जगह उनके भतीजे एंगोंगा ही अगले राष्ट्रपति बन सकते हैं.
1979 से सत्ता में हैं राष्ट्रपति ओबियांग
राष्ट्रपति टियोडोरा ओबियांग न्यूमा साल 1979 से इक्वेटोरियल गिनी में सत्ता में हैं. वह दुनिया में सबसे लंबे समय तक राष्ट्रपति रहने वाले नेता हैं.
82 वर्षीय ओबियांग ने उनके देश की अर्थव्यवस्था में उछाल का दौर भी देखा है, मगर अब वहां घटते तेल भंडार के चलते मंदी का माहौल है.
यहां कुछ लोग तो बहुत संपन्न हैं, जबकि तकरीबन 17 लाख आबादी गरीबी में जीवन बिता रही है. यही वजह है कि मानवाधिकारों की अनदेखी के मामले में ओबियांग प्रशासन की कड़ी आलोचना की गई है.
अमेरिकी सरकार की एक रिपोर्ट के मुताबिक ओबियांग के शासनकाल में कई हत्याएं हुईं और लोगों को यातनाएं दी गईं. और स्कैंडल से उनका भी पुराना नाता रहा है.
जैसे एक तो राष्ट्रपति ओबियांग के बेटे की आलीशान लाइफ़स्टाइल से जुड़ा है, जो अब उपराष्ट्रपति हैं. उसके पास पौने तीन लाख डॉलर का क्रिस्टल ज़ड़ित दस्ताना था, जो माइकल जैक्सन पहनते थे.
वास्तविक विपक्ष जैसी कोई बात नहीं
नियमित तौर पर होने वाले चुनाव के अलावा इक्वेटोरियल गिनी में कोई वास्तविक विपक्ष जैसी कोई बात नहीं है. वहां सामाजिक कार्यकर्ताओं को जेल भेजना आम है.
उनको सजा दे दी जाती है और जो राष्ट्रपति भवन के साथ जुड़कर काम करते हैं, उनकी कड़ी निगरानी की जाती है. इस देश में राजनीति महल की साज़िशों के इर्द-गिर्द घूमती है.
एंगोंगा से जुड़े स्कैंडल का मामला भी इस परिदृश्य में फिट बैठता है. वह राष्ट्रीय वित्त जाँच एजेंसी के प्रमुख थे और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे अपराधों पर नज़र रखते थे.
मगर, अब वो खुद जांच के दायरे में आ चुके हैं. उनको 25 अक्तूबर को हिरासत में ले लिया गया था.
उन पर सरकारी खजाने से बड़ी राशि का गबन करके केमैन आईलैंड में किसी ख़ुफ़िया खाते में जमा करने का आरोप है. हालांकि, उन्होंने इन आरोपों पर कोई टिप्पणी नहीं की है.
एंगोंगा को हिरासत में लिए जाने के बाद राजधानी मलाबो में कुख्यात ब्लैक बीच जेल भेज दिया गया था. जहां सरकार के विरोधियों को भयानक यातनाएं दी जाती हैं.
पहला वीडियो कब मिला?
एंगोंगा का फ़ोन और कंप्यूटर जब्त कर लिया गया था. इसके कुछ दिन बाद ये वीडियोज़ ऑनलाइन दिखना शुरू हो गए थे.
बीबीसी को पहला वीडियो 28 अक्तूबर को फ़ेसबुक पर डायरियो रॉम्बि के पेज पर मिला.
यह एक समाचार साइट है, जो स्पेन में निर्वासित एक पत्रकार चलाते हैं. उन्होंने लिखा, “इन तस्वीरों और वीडियोज़ के बाहर आने के बाद सोशल नेटवर्क्स पर धमाका हो जाएगा.”
इसी दिन एक्स पर एक पोस्ट में लिखा गया “सोशल मीडिया पर पोर्नोग्राफ़िक वीडियोज़ की आई बाढ़.” को “सत्ता को हिला देने वाले घोटाले” के तौर पर देखा जा रहा है.
मगर, ऐसा माना जा रहा है कि कुछ दिन पहले ये वीडियोज़ एक के बाद एक टेलीग्राम पर आ चुके थे. यह इसी प्लेटफॉर्म का एक चैनल था, जो पोर्नोग्राफिक तस्वीरें पोस्ट करने के लिए जाना जाता है.
तब लोगों ने अपने फ़ोन्स में इन तस्वीरों को डाउनलोड कर लिया था और वॉट्सएप ग्रुप्स में शेयर भी किया था, जिसके बाद इक्वेटोरियल गिनी में में भूचाल सा आ गया था.
सरकार ने क्या किया?
वीडियोज़ में एंगोंगा को कुछ महिलाओं के साथ तुरंत पहचान लिया गया था. इनमें कुछ राष्ट्रपति की रिश्तेदार थीं तो कुछ मंत्रियों की तो कुछ वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों की पत्नियां भी शामिल थीं.
इसके बाद जो कुछ भी हो रहा था, सरकार उस बात को नज़रअंदाज़ करने में असमर्थ थी.
30 अक्तूबर को उप-राष्ट्रपति टियोडोरो ओबियांग मैंगू ने टेलीकॉम कंपनियों को 24 घंटे का समय देते हुए कहा कि वो तरीका बताएं जिससे इन क्लिप्स को फैलने से रोका जा सके.
उन्होंने एक्स पर लिखा, “हम बिना कोई कार्रवाई किए परिवारों को टूटता हुआ नहीं देख सकते हैं. इस बीच ये वीडियोज़ और तस्वीरें कहां से बाहर आई हैं, उसकी भी जांच जारी है.”
जैसे कंप्यूटर से जुड़े संसाधन सुरक्षा बलों के पास थे. ऐसे में संदेह है कि वहीं से किसी ने इन्हें लीक किया है. जिसकी शायद मंशा रही होगी कि ट्रायल से पहले एंगोंगा की प्रतिष्ठा को धूमिल किया जा सके.
पुलिस ने महिलाओं से आगे आने और महिलाओं की इजाज़त के बिना अंतरंग तस्वीरों को शेयर किए जाने के मामले में एंगोंगा के ख़िलाफ़ केस दर्ज करवाने की अपील की है.
इनमें से एक महिला ने तो घोषणा भी कर दी है कि वह एंगोंगा के ख़िलाफ़ कदम उठाएंगी. वैसे एक बात जो समझ नहीं आ रही है, वो यह कि एंगोंगा ने रिकॉर्डिंग क्यों करवाई?
क्या कहते हैं एक्टिविस्ट?
वहीं, एक्टिविस्ट सवाल उठाते हैं कि इन वीडियोज़ को लीक करने का मक़सद क्या है.
क्योंकि, एंगोंगा का संबंध राष्ट्रपति से है. वे एंगोंगा बाल्टासर एंगोंगा एड्जो के बेटे भी हैं, जो क्षेत्रीय आर्थिक और मॉनेट्री यूनियन के प्रमुख हैं. देश में उनका काफ़ी प्रभाव है.
लंदन में रहने वाले इक्वेटोरियरन एक्टिविस्ट नसेंग क्रिस्टिया एस्मी क्रूज़ कहते हैं, “हम जो देख रहे हैं, वो एक युग का अंत है, और वर्तमान राष्ट्रपति का अंत है, यह उत्तराधिकारी की लड़ाई है और हम जो देख रहे हैं वो आंतरिक लड़ाई है.”
अफ़्रीका पॉडकास्ट पर बीबीसी फोकस से बात करते हुए उन्होंने यह आरोप लगाया कि उपराष्ट्रपति ओबियांग हर उस व्यक्ति को राजनीतिक तरीके से बाहर करने की कोशिश कर रहे थे, जो “उनके रास्ते में राष्ट्रपति के उत्तराधिकारी बनने में बाधा साबित हो सकता है”.
उपराष्ट्रपति के साथ-साथ उनकी मां भी इस साज़िश का हिस्सा हो सकती हैं. जिन्होंने उपराष्ट्रपति के राष्ट्रपति बनने के रास्ते में आने वाले को हटाने के लिए इस साज़िश को अंजाम दिया हो.
राष्ट्रपति ओबियांग के दूसरे बेटे गेब्रियल ओबियांग लिमा भी इस साज़िश में शामिल हो सकते हैं. वो राष्ट्रपति ओबियांग की दूसरी पत्नी के बेटे हैं.
दस साल तेल मंत्री रह चुके हैं. इसके बाद उनको सरकार में दूसरी भूमिका के लिए भेज दिया गया था.
दरअसल, संभ्रात वर्ग में रहने वाले लोग एक-दूसरे के बारे में ऐसी बातें जानते हैं, वो उन बातों को सार्वजनिक नहीं करना चाहते हैं.
अतीत में किसी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी को अपमानित करने के मक़सद से इन वीडियोज़ का इस्तेमाल किया गया होगा. तख़्तापलट की साज़िश रचने के आरोप भी हमेशा ही लगते रहते हैं, जिससे उन्माद बढ़ता है.
मगर क्रूज़ यह आरोप भी लगाते हैं कि अथॉरिटिज़ चाहती हैं कि इस स्कैंडल के ज़रिए सोशल मीडिया पर लगाम लगा दी जाए, क्योंकि वहां बहुत सारी सूचनाएं मौजूद हैं, जो इस बात से जुड़ी हैं कि उनके देश में क्या-क्या चल रहा है, जिसे देश से बाहर किया जाना चाहिए.
जुलाई में, अथॉरिटीज़ ने एनोबोन आईलैंड में विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद अस्थाई तौर पर इंटरनेट सस्पेंड कर दिया था.
उनके लिए, तथ्य यह है कि हाई रैंक वाले अधिकारी का बाहर किसी अन्य महिला के साथ अंतरंग संबंध रखना कोई चौंकाने वाली बात नहीं है, क्योंकि देश में संभ्रात परिवारों की लाइफस्टाइल में यह सामान्य बात है.
उपराष्ट्रपति पर फ़्रांस में भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं. कई देशों में उनकी कीमती संपत्तियां जब्त हो चुकी हैं. मगर वह खुद को घर और देश में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने वाले व्यक्ति के तौर पर देखना चाहते हैं.
पिछले साल, उदाहरण के लिए, उन्होंने उनके भाई को गिरफ़्तार करने का आदेश दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि उनके भाई ने राज्य की एयरलाइन का एक विमान बेच दिया है.
हालांकि, इस स्कैंडल से जुड़े मामले में, उपराष्ट्रपति इन क्लिप्स को फ़ैलने से रोकने की कोशिश में जुटे हैं, लेकिन उन क्लिप्स को अभी भी देखा जा रहा है.
वहां की आधिकारिक समाचार एजेंसी ने बताया कि इस सप्ताह, उन्होंने और भी ज़्यादा सतर्क दिखने की कोशिश की और सरकारी कार्यालयों में सीसीटीवी लगाए जाने की बात कही. ताकि “अशोभनीय और अवैध कामों पर रोक लग सके”.
इसमें कहा गया कि स्कैंडल ने “देश की छवि को नुकसान पहुंचाया है.” उपराष्ट्रपति ने यह आदेश दिया कि यदि कोई अधिकारी कार्य स्थल पर अश्लील गतिविधियों में लिप्त पाया गया तो उसे सस्पेंड कर दिया जाएगा. “इसे आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा.”
वह गलत नहीं थे, क्योंकि इस घटना ने देश के बाहर भी इस ओर ध्यान खींचा है. गूगल का डाटा देखें तो इस सप्ताह की शुरुआत में इक्वेटोरियल गिनी को खोजने के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित