‘पुलिस की नैतिक और आधिकारिक जिम्मेदारी’
राजनाथ सिंह ने पुलिस की सराहना करते हुए कहा कि वह न केवल अपनी आधिकारिक जिम्मेदारी निभा रही है, बल्कि नैतिक कर्तव्यों का भी बखूबी निर्वहन कर रही है। उन्होंने कहा, “आज देशवासियों को भरोसा है कि अगर कुछ गलत होता है, तो पुलिस उनके साथ खड़ी होगी।” उन्होंने पुलिस के प्रति जनता के बढ़ते विश्वास पर जोर दिया और इसे एक सकारात्मक बदलाव बताया।
रक्षा मंत्री ने नक्सलवाद को आंतरिक सुरक्षा के लिए लंबे समय से चुनौती बताया, लेकिन इस समस्या को जड़ से खत्म करने का संकल्प दोहराया। उन्होंने कहा कि पुलिस, सीआरपीएफ, बीएसएफ, सभी अर्धसैनिक बलों और स्थानीय प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से नक्सलवाद पर काबू पाया जा रहा है।
नक्सल प्रभावित क्षेत्र अब विकास के गलियारे
राजनाथ सिंह ने गर्व के साथ कहा कि जिन क्षेत्रों में कभी नक्सलियों का आतंक था, वहां अब सड़कें, अस्पताल, स्कूल और कॉलेज बन रहे हैं। उन्होंने कहा, “पूर्व में नक्सल प्रभावित क्षेत्र, जो ‘रेड कॉरिडोर’ के नाम से कुख्यात थे, अब विकास के गलियारों में बदल रहे हैं।”
उन्होंने सुरक्षा बलों और पुलिस की अथक मेहनत की सराहना की, जिसके कारण यह समस्या अब इतिहास बनती जा रही है। उन्होंने बताया कि नक्सलवाद से प्रभावित जिलों की संख्या अब बहुत कम रह गई है और अगले साल मार्च तक इसे पूरी तरह समाप्त कर लिया जाएगा। यह उपलब्धि सरकार और सुरक्षा बलों के समन्वित प्रयासों का परिणाम है।