इमेज कैप्शन, सेलिना जेटली ने अपने भाई के साथ ली गई ये तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट की है
बॉलीवुड की जानी-मानी कलाकार सेलिना जेटली ने कहा है कि उनके भाई रिटायर्ड मेजर विक्रांत कुमार जेटली 14 महीनों से लापता हैं.
उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर लिखा है कि एक साल, दो महीने, 17 दिनों से उनके भाई मेजर विक्रांत की उनसे मुलाक़ात नहीं हो सकी है. उन्होंने लिखा कि उनके भाई को पहले अगवा किया गया और फिर मध्य पूर्व में कहीं हिरासत में रखा गया है.
सेलिना ने इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें उम्मीद है कि उनके भाई को वापस लाया जा सकेगा.
वहीं सेलिना के वकील राघव कक्कड़ ने बताया है कि विक्रांत जेटली को पहले अगवा किया गया और फिर उन्हें दुबई में हिरासत में लिया गया था.
इसी महीने विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में रिटायर्ड मेजर विक्रांत जेटली को यूएई में हिरासत में लिए जाने की पुष्टि की थी और कहा था कि भारतीय अधिकारी उन्हें हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने अपनी साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में एक सवाल के जवाब में कहा था, “हम लोग इस मुद्दे पर यूएई सरकार से संपर्क बनाए हुए हैं. पिछले कई महीनों में चार बार हम लोगों ने कंसुलर एक्सेस मांगा और उसके तहत हमारे दूतावास के अफ़सर उनसे जाकर मिले हैं.”
उन्होंने बताया, “साथ ही साथ हम लोग उनके परिवार और उनकी धर्म पत्नी से संपर्क में रहे है. अभी हाल के दिन, तीन नवंबर को दिल्ली हाई कोर्ट का भी जो आदेश आया था और उसके मुताबिक़ जो भी हमसे सहयोग हो सकता है हम लोग उनको ऑफ़र कर रहे हैं.”
सेलिना ने भाई के अगवा होने को लेकर क्या बताया?
सेलिना ने सोशल मीडिया एक्स पर अपने भाई के साथ अपनी तस्वीर पोस्ट की और लिखा कि 444 दिनों से उनके भाई मेजर विक्रांत उनसे दूर हैं.
उन्होंने आगे लिखा कि “विक्रांत को अगवा किया गया और आठ महीने तक उनसे कोई संपर्क नहीं हो पाया. फिर उन्हें मध्य पूर्व में कहीं हिरासत में रखा गया. मैं उनकी आवाज़ सुनने का इंतज़ार कर रही हूं, उन्हें देखने का इंतज़ार कर रही हूं. मुझे डर है कि उन्होंने उनके साथ क्या किया है.”
सेलिना ने लिखा, “फ़ोन पर मेरी उनसे बात हुई थी. उन्हें केवल मेरा ही एक नंबर याद था. उस फ़ोन कॉल में शब्द कम थे, दर्द ज़्यादा. मेरे पास जवाबों से ज़्यादा सवाल हैं. अपने कर्तव्य पथ पर चलते हुए मेरे भाई को कई चोटें आई हैं. उसने अपनी जवानी, अपना दिमाग़ अपना जीवन भारत को दिया है. वो तिरंगे के लिए जिया है और ख़ून बहाया है.”
उन्होंने सवाल किया, “ये अब केवल व्यक्तिगत मसला नहीं है. विदेशों में हमारे सैनिकों और वेटेरन्स के अपहरण का यह तरीका, क्या यह अब हमारी अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाल रहा है? हमें जवाब मांगना चाहिए.”
उन्होंने अपने पोस्ट में क़तर का ज़िक्र करते हुए लिखा, “हमें वही निर्णायक एक्शन चाहिए जो क़तर में लिया गया था. मैं अपना भरोसा, अपना जीवन और अपनी उम्मीद सरकार पर लगा रही हूं, वो अपने सैनिक को सुरक्षित वापस लाएंगे. वही एक्शन जिससे हमारे नौसेना के योद्धा घर वापस लाए गए. हमारे सैनिक इससे कम के हकदार नहीं हैं.”
बीते साल भारत के विदेश मंत्रालय ने क़तर की जेल में बंद आठ पूर्व भारतीय नौसैनिकों को रिहा कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
ये लोग दाहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम करते थे. इन्हें अगस्त 2022 में गिरफ़्तार किया था लेकिन उनकी गिरफ़्तारी का कारण कभी सार्वजनिक नहीं किया गया था. उन्हें मौत की सज़ा सुनाई गई थी.
सेलिना की याचिका पर कोर्ट ने क्या कहा?
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इमेज कैप्शन, सेलिना जेटली ने कहा है कि उनके भाई से एक बार उकी बात हुई है
इसी महीने मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट पहुंची सेलिना ने कहा था कि उनके लिए बीता एक साल किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा है.
उन्होंने कहा, “अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का रुतबा बढ़ रहा है लेकिन विदेशों में हमारे सैनिक बार-बार निशाना बन रहे हैं. मुझे लगता है कि आज के आदेश से मेरे भाई को देश लाने में मदद मिलेगी.”
क़ानूनी मामलों पर रिपोर्ट करने वाली वेबसाइट लॉबीट के अनुसार मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस सचिन दत्ता ने कहा, “जब किसी भारतीय नागरिक को विदेश में उसकी स्वतंत्रता से महरूम किया जाता है, तो देश मूकदर्शक बना नहीं रह सकता.”
सेलिना के वकील राघव कक्कड़ ने मीडिया से कहा कि हमें विक्रांत के बारे में कोई जानकारी नहीं थी कि उन्हें क्यों हिरासत में लिया गया, हमें केवल ये पता था कि उन्हें दुबई में हिरासत में लिया गया है. हम बीते 14 महीनों से फॉलो-अप करने की कोशिश कर रहे हैं.”
“कोर्ट ने सरकार (विदेश मंत्रालय) से एक नोडल ऑफ़िसर नियुक्त करने का आदेश किया है जो सेलिना और उनके भाई के बीच संपर्क में मदद करेंगे ताकि उन्हें क़ानूनी मदद मिल सके और हमें मामले के सभी अपडेट्स मिल सकें.”
“हमें उम्मीद है कि आगे चल कर हम उन्हें वापस ला सकेंगे. वो हमारी आर्मी में मेजर थे, मुझे लगता है कि सरकार हमारी मदद करेगी.”
उन्होंने कहा कि मामले की अगली सुनवाई चार दिसंबर को होगी, उन्हें उम्मीद है कि मामले में स्टेटस रिपोर्ट पेश की जाएगी.
रिटायर्ड मेजर विक्रांत कौन हैं
सेलिना ने दिल्ली हाई कोर्ट में दी याचिका में भारत सरकार को पार्टी बनाया है.
इस मामले में नवंबर में हुई सुनवाई के बाद जस्टिस सचिन दत्ता ने जो आदेश दिया है उनमें जानकारी दी गई है कि सेलिना के भाई विक्रांत 2016 से संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के निवासी हैं.
वो वहां मातिती ग्रूप (एमएटीआईटीआई) में काम करते थे. ये कंपनी ट्रेडिंग, कंसल्टेंसी और रिस्क मैनेजमेंट सर्विस का काम करती है.
इस कंपनी की वेबसाइट के अनुसार विक्रांत जेटली कंपनी के सीईओ हैं और पार्टनर हैं.
जस्टिस दत्ता के आदेश में दी जानकारी के अनुसार विक्रांत को छह सितंबर 2024 में यूएई में अगवा करके रखा गया है.
सेलिना ने अपनी याचिका में कहा है कि काफी वक्त गुज़र जाने के बाद भी विदेश मंत्रालय विक्रांत की स्थिति और क़ानूनी स्टेटस के बारे में जानकारी हासिल करने में नाकाम रहा है.
जस्टिस सचिन दत्ता ने अपने आदेश में कहा है, “सुनवाई के दौरान यह पता चला कि यूएई में भारतीय अधिकारियों को हिरासत में लिए गए व्यक्ति तक कॉन्सुलर एक्सेस दिया गया है. हालांकि, भारत सरकार के वकील ने यह पता लगाने के लिए कुछ समय मांगा है कि क्या हिरासत में लिए गए व्यक्ति (विक्रांत) को हिरासत में लिए जाने के बाद से बातचीत की कोई सुविधा दी गई है.”
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.