एक सर्वे में पता चला कि माता-पिता और बच्चों के मजबूत रिश्तों के निर्माण में स्मार्टफोन बाधक है। सर्वे के खुलासे से यह सवाल उठने लगा है कि स्मार्टफोन की इस दुनिया में परिवार कैसे एक-दूसरे से सार्थक रिश्ते कायम कर सकता है। बच्चों में स्मार्टफोन की बुरी लत को देखते हुए ही आस्ट्रेलिया में 16 साल तक के बच्चों पर इंटरनेट के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश के 76 प्रतिशत बच्चे तो 84 प्रतिशत अभिभावक एक-दूसरे के साथ अधिक समय व्यतीत करना चाहते हैं, लेकिन स्मार्टफोन और सोशल मीडिया एप उन्हें ऐसा करने से रोक रहे हैं। तभी 94 प्रतिशत बच्चे चाहते हैं कि उनके माता-पिता के स्मार्टफोन में कॉलिंग, मैसेजिंग और कैमरा जैसे सिर्फ तीन फीचर होने चाहिए।
स्मार्टफोन की आदत को छोड़ने के लिए तैयार नहीं
फोन पर घंटों बिताते हैं अभिभावक और बच्चे
स्मार्टफोन की बुरी लत, बच्चों ने कहा- नहीं छोड़ सकते
स्मार्टफोन से रिश्तों में दरार की संभावना बढ़ रही
तीन में एक बच्चों ने यहां तक कहा कि इन सोशल मीडिया एप का आविष्कार ही नहीं होना चाहिए था। वीवो इंडिया के कॉरपोरेट स्ट्रेटजी हेड गीतज चन्नना कहते हैं कि टेक्नोलॉजीज का इस्तेमाल सकारात्मक बदलाव और जिंदगी को आसान बनाने के लिए होना चाहिए, लेकिन स्मार्टफोन वास्तविक जीवन के रिश्तों में रूकावट बन सकता है।
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