भारत के सैन्य सिद्धांत में ड्रोन युद्ध को एकीकृत करने की सफलता घरेलू अनुसंधान एवं विकास और नीति सुधार के वर्षों के कारण है। 2021 से आयातित ड्रोन पर प्रतिबंध और पीएलआई योजना की शुरूआत ने तेजी से इनोवेशन को बढ़ावा दिया है। भविष्य एआई-संचालित निर्णय लेने वाले स्वायत्त ड्रोन में निहित है और भारत पहले से ही इसकी नींव रख रहा है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और गुलाम जम्मू-कश्मीर में मौजूद आतंकी ठिकानों को तबाह किया था। इसे ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया। बिना बॉर्डर को पार किए भारत ने आतंकी ठिकानों को खत्म कर दिया। ऑपरेशन सिंदूर ने सैन्य अभियानों में भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता का परचम लहरा दिया।

(फोटो: पीटीआई)भारत ने जवाबी कार्रवाई में लाहौर की एअर डिफेंस सिस्टम को तबाह कर दिया। ऑपरेशन सिंदूर में पिकोरा, ओएसए-एके और एलएलएडी गन के साथ आकाश जैसी स्वदेशी प्रणालियों ने असाधारण प्रदर्शन किया।
स्वदेशी तकनीक ने दुश्मन को हराया
चीन द्वारा पाकिस्तान को दी गई एअर डिफेंस सिस्टम को जाम कर 23 मिनट में मिशन पूरा कर लिया गया।

Operation Sindoor Detail PDF Download
इसरो का भी रहा योगदान
- आर्मी और एयरफोर्स के काउंटर अनमैन्ड एरियल सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर असेट और एअर डिफेंस सिस्टम से एक अनोखी डिफेंसिव लेयर बन गई। इसरो का भी काफी योगदान रहा।
- एक कार्यक्रम में इसरो के अध्यक्ष वी नारायणन ने कहा कि देश के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कम से कम 10 उपग्रह लगातार चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं।
- ऑपरेशन सिंदूर केवल सामरिक सफलता की कहानी नहीं है। यह भारत की रक्षा स्वदेशीकरण नीतियों की पुष्टि है।
- वायु रक्षा प्रणालियों से लेकर ड्रोन तक, काउंटर-यूएएस क्षमताओं से लेकर नेट-केंद्रित युद्ध प्लेटफार्मों तक, स्वदेशी तकनीक ने तब काम किया है जब इसकी सबसे अधिक आवश्यकता थी।
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