इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति के बाद लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यम ने हफ्ते में 90 घंटे काम की बात कहकर देशभर में नई बहस छेड़ दी है। आनंद्र महिंद्रा और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला के बाद अब पीएम मोदी की खास टीम के सदस्य संजीव सान्याल ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इस मांग को मूर्खतापूर्ण करार दिया है।
जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। काम के अधिक घंटों को लेकर छिड़ी बहस के बीच प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) के सदस्य संजीव सान्याल ने रविवार को कारपोरेट लीडर्स की मांग को मूर्खतापूर्ण करार दिया। सान्याल ने एक्स पर पोस्ट में कहा, ऐसा लगता है कि 80 घंटे के कार्य सप्ताह का विचार लोकप्रिय हो गया है। अमेरिकी निवेश बैंक इसे मानक बनाना चाहते हैं।
कुछ समय के लिए तैयार रहना चाहिए
उन्होंने कहा कि वास्तव में कुछ समय ऐसे होते हैं जब इतने लंबे कार्य घंटों की जरूरत होती है और अच्छा वेतन पाने वाले पेशेवरों को इसके लिए तैयार रहना चाहिए। लेकिन इसे मानक बनाना दर्शाता है कि जैसे यह किसी प्रकार का लक्ष्य है।
सान्याल ने कहा कि इसे लागू करने और गुणवत्ता बनाए रखने में नैतिक जोखिम एवं निगरानी की समस्याएं हैं। ऐसी संस्कृति वाले निवेश बैंकों में प्रोफेशनल ऑफिस के समय में अपने व्यक्तिगत काम करने लगते हैं जैसे ऑफिस समय में जिम जाना, लंबे लंच और दोस्तों से मिलना जिसे ‘मीटिंग’ कहा जाता है।
वरिष्ठ प्रबंधक ही 80 घंटे कर सकते काम
लंदन शहर और वाल स्ट्रीट इसी तरह काम करते हैं। उन्होंने कहा कि केवल बहुत वरिष्ठ प्रबंधक ही 80 घंटे प्रति सप्ताह कार्य कर सकते हैं क्योंकि उनके लिए व्यवस्था ऐसी बनाई जाती है (सिर्फ वेतन ही नहीं, बल्कि सचिव, सहायक आदि)। बाकी लोगों को जीवन जीने की आवश्यकता होती है।
नारायण मूर्ति ने शुरू की बहस
गौरतलब है कि काम और जीवन के संतुलन पर बहस की शुरुआत इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति ने की थी और हाल ही में लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यम ने इसे बढ़ावा दिया था। मूर्ति 70 घंटे और सुब्रह्मण्यम ने रविवार समेत 90 घंटे प्रति सप्ताह काम करने का सुझाव दिया था।
अदार पूनावाला ने भी दी प्रतिक्रिया
इससे पहले महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने भी कहा था, ‘मैं इंटरनेट मीडिया पर इसलिए नहीं हूं क्योंकि मैं अकेला हूं। मेरी पत्नी शानदार है और मुझे उसे निहारना पसंद है। मैं यहां इसलिए हूं क्योंकि यह अद्भुत बिजनेस टूल है।’ आरपीजी ग्रुप के चेयरमैन हर्ष गोयनका का भी कहना था कि कार्य एवं जीवन में संतुलन वैकल्पिक नहीं, आवश्यक है।यह भी पढ़ें: Los Angeles में नहीं रुक रही आग की रफ्तार, खंडहरों में तब्दील इमारतें; जानिए अब तक का पूरा अपडेट
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